Smart City Jammu : जम्मू नगर निगम के लिए मंजूर हुआ 75 करोड़ का बजट, 35 करोड़ रुपये रिलीज हुए
Smart City Jammu मेयर ने कहा कि पीडब्यलूडी निगम के पास आ चुका है। शहर की सड़कों के लिए विभाग का 14.80 करोड़ रुपये निगम को मिले हैं। जल्द ही 10 करोड़ रुपये और रिलीज होंगे। इनसे वार्डों की मुख्य सड़कों पर तारकोल डाली जाएगी।
जम्मू, जागरण संवाददाता : सरकार ने जम्मू नगर निगम के लिए 75 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। इसमें से 35 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। चरणबद्ध तरीके से शेष पैसे भी आ जाएंगे। इस पैसे को शहर के विकास व अन्यों कार्यों पर खर्च किए जाएगा।
यह जानकारी मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने शुक्रवार को वर्चुअल जनरल हाउस की बैठक की शुरूआत करते हुए दी। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश वर्चुअल पर चल रहा है। दो साल से कोविड के कारण हालात बदले हैं। काेविड के चलते जनरल हाउस की बैठक नहीं बुलाई जा सकी लेकिन स्टेंडिंग कमेटियों की बैठकें की जा रही हैं। नगरोटा में 97 कनाल पांच करोड़ की लागत से गौशाला का निर्माण शुरू किया गया है।
बंधु रख में 72 कनाल जमीन पर भी सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण का प्रोजेक्ट बनाया गया है। इतना ही नहीं यहां 2 कनाल जमीन पर कैटल पांड का काम शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि भगवती नगर में चौथे पुल पर ट्री-गार्ड व गमले लगाकर इसका सौंदर्यीकरण का प्रोजेक्ट हाल ही में पूरा हुआ है। स्ट्रीट लाइटों के लिए 100 बिजली के ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं। 20 करोड़ रुपये बिजली विभाग से मिलकर खर्च किए जाएंगे। निगम में कंट्रोल रूम स्थापित कर सभी स्ट्रीट लाइटें चलेंगी।
मेयर ने कहा कि पीडब्यलूडी निगम के पास आ चुका है। शहर की सड़कों के लिए विभाग का 14.80 करोड़ रुपये निगम को मिले हैं। जल्द ही 10 करोड़ रुपये और रिलीज होंगे। इनसे वार्डों की मुख्य सड़कों पर तारकोल डाली जाएगी। इसके अलावा 20 फुट से कम चौड़ी सड़कों का काम नगर निगम ही करेगा। जल शक्ति विभाग भी निगम के अधीन लाया गया है लेकिन इसके फंड्स अभी नहीं मिले। उन्होंने कहा कि शहर में अभी भी बहुत से क्षेत्र हैं जहां तीन-चार दिन में एक बार पानी मिल रहा है। व्यवस्था बनाने की जरूरत है। इस पर काम करना होगा।
गुप्ता ने कहा कि दो दिन पहले ही ईरा के अधिकारियों से बैठक हुई। ईरा चिनाब दरिया से शहर में पानी देने का प्रोजेक्ट करने जा रहा है। यह प्रोजेक्ट 600 करोड़ रुपये के करीब का होगा। इतना ही नहीं शहर में करीब पचास साल पहले डाली गई पानी की पाइपों को बदलने के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाया गया है।
इन प्रोजेक्ट के शुरू होने पर भविष्य में शहर को स्वच्छ जलापूर्ति होगी। उन्होंने कहा कि 74वें संशोधन के तहत बिजली विभाग अभी तक निगम के अधीन नहीं आया है। फिर भी कॉरपोरेटरों के सहयोग से काफी काम हुए हैं। पिछले तीन सालों में 50 से ज्यादा रिसीविंग स्टेशन शहर में बने हैं। कई लोगों के बिजली के बिल हजारों में आए हैं। ऐसे बिल कम करने के लिए सरकार से बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट निगम के अधीन आने से कॉरपोरेटरों की देखरेख में योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाया जाने लगा है। स्वास्थ्य विभाग के सब सेंटर व स्कूल भी निगम के अधीन आए हैं। इन पर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी कॉरपोरेटरों के सहयोग से ही शहर की तस्वीर बदल पाएगी।
इस शुरूआती भाषण के बाद बैठक शुरू हुई। हालांकि निर्दलीय और कांग्रेसी कॉरपोरेटरों ने इस बैठक का बाहिष्कार किया था लेकिन निर्दलीय कॉरपोरेटर इंद्र सिंह सूदन, प्रो. युद्धवीर सिंह बैठक का हिस्सा बने। जनरल हाउस की यह 13वीं बैठक थी। इससे पहले 9 और 10 अप्रैल को यह बैठक हुई थी।