Jammu Kashmir: सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता बनाएगा NIT का ज्ञान, सेना की महारत
Army in Jammu Kashmir आईआईटी जम्मू की तकनीकी विशेषता व बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल एक दूसरे के हितों के लिए किया जाएगा। ऐसे में शोध व प्रयाेग के जरिए सेना की जरूरतें पूरी करने के लिए किया जाएगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालोजी (NIT) जम्मू का ज्ञान व दुर्गम हालात में देश की रक्षा करने की सेना की महारत अब जम्मू कश्मीर व लद्दाख में सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने में काम आएगी। सेना की उत्तरी कमान व एनआईटी जम्मू मिलकर रक्षा क्षेत्र की तकनीकी जरूरतों, हथियारों व सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने संबंधी उपकरण बनाएंगे।
इस संबंध में जम्मू में आयोजित एक कार्यक्रम में सेना की उत्तरी कमान के चीफ आफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल एस हरिमोहन अय्यर व एनआईटी जम्मू के डायरेक्टर प्रो मनोज सिंह गौढ़ ने मिल कर काम करने संबंधी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।
इस सहमित पत्र के तहत शोध व विकास में एक दूसरे को पूरा सहयोग दिया जाएगा। इसमें आईआईटी जम्मू की तकनीकी विशेषता व बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल एक दूसरे के हितों के लिए किया जाएगा। ऐसे में शोध व प्रयाेग के जरिए सेना की जरूरतें पूरी करने के लिए किया जाएगा। दोनों संस्थान शोध व प्रयाेग पर मिलकर तय शर्ताें के आधार पर करेंगे। सेना तकनीकी क्षेत्र की अपनी जरूरतें बताएगी व आईआईटी यह नीति तय करेगी कि किस तरह से रक्षा क्षेत्र की इस जरूरत को मिलकर पूरा किया जा सकता है।
ऐसे में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में ऐसे क्षेत्रों के बारे में चर्चा गई जिनपर आने वाले समय में मिलकर काम किया जा सकता है। सेना की तकनीकी जरूरताें को लेकर भविष्य में आईआईटी के साथ कई बैठकें होंगी।
भारतीय सेना जम्मू कश्मीर व लद्दाख के कई दुर्गम इलाकों में देश की सरहदों की रक्षा कर रही है। ऐसे में आधुनिक तकनीक से जवानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के साथ हथियारों व सर्वेलांस उपकरणों को भी बेहतर बनाने में आधुनिक काम आती है।