सरसों की फसल पर एफिड रोक का हमला
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संवाद सहयोगी, रामगढ़: रबी सीजन की सरसों की फसल पर हरा तेला (एफिड) का अटैक होने से किसानों की चिता बढ़ने लगी हैं। किसानों को डर है कि कहीं हरा तेला मेहनत पर पानी न फेर दे। अभी इसका प्रभाव शुरुआती स्टेज में है, लेकिन जल्द इलाज नहीं हुआ, तो यह फसल को चट्ट कर सकता है।
विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के कंडी व सीमांत क्षेत्रों में किसान सरसों की फसल पर बढ़ते हरे तेले के खतरे को लेकर परेशान हो रहे हैं। उनको यह नहीं सूझ रहा कि आखिर कैसे इस रोग से फसल व पैदावार को बजाया जाए। क्षेत्र के किसान हंस राज, गुरदास राम, तरसेम लाल, कृष्ण चंद, प्रदीप शर्मा, अशोक कुमार, नाहर सिंह, बलवंत सिंह ने कहा कि पहले ही मौसम की मार से रबी फसलें प्रभावित हो रही हैं। मौजूदा समय में हरे तेले ने सरसों की फसल पर अटैक करके किसानों की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है। उनका कहना है कि पहले ही किसान इस तरह की फसलें लगाने से संकोच करने को मजबूर रहते हैं। मगर जो किसान हिम्मत दिखाकर इन फसलों को बीजते हैं उनकी मेहनत मौसम की मार व रोगों से बेकार हो जाती है। किसानों का कहना है सरसों की फसल को इससे बचाने के लिए किए जाने वाले टोटके कामयाब नहीं हो रहे। लिहाजा जिला कृषि विभाग द्वारा इस रोग से सरसों को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता अभियान छेड़े। --बयान---
किसानों को सरसों की फसल पर एफिड नाशक दवा इमिडा क्लोरोफिड को एक मिली लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। किसान मौसम के मिजाज को देखकर ही फसल पर स्प्रे करें, ताकि दवा का एफिड पर पूरा और सही असर हो।
-संजय वर्मा, मुख्य कृषि अधिकारी, सांबा