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Road Accident Record: एक दशक में जम्मू-श्रीनगर हाईवे निगल गया 1750 जिंदगियां, 8000 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुईं

ट्रैफिक पुलिस विभाग और रामबन पुलिस ने वर्ष 2010 से 2020 के बीच जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर हुए सड़क हादसों के जो आंकड़े पेश किए हैं वह चौंकाने वाले हैं। दस साल में यह हाईवे 8128 सड़क दुर्घटनाओं का गवाह बना। इन हादसों ने 1750 लाेगों की जान ले ली।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 05:04 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 09:07 PM (IST)
Road Accident Record: एक दशक में जम्मू-श्रीनगर हाईवे निगल गया 1750 जिंदगियां, 8000 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुईं
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग एक दशक में 1750 जिंदगियां निगल गईं।

जम्मू, जेएनएन : जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग एक दशक में 1750 जिंदगियां निगल गईं। इस समयावधि में आठ हजार से ज्यादा हुईं छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटनाओं में 12 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें से कितने लोग जिंदगी भर के लिए दिव्यांग भी हो गए होंगे। जम्मू से लेकर श्रीनगर तक करीब तीन सौ किलोमीटर लंबे राजमार्ग में सबसे ज्यादा खतरनाक इलाका रामबन जिले में बनिहाल से चंद्रकोट के बीच है। इस इलाके में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती रही हैं। इन्हीं इलाकों में सबसे ज्यादा भूस्खलन की घटनाएं भी होती हैं।

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जम्मू-कश्मीर ट्रैफिक पुलिस विभाग और रामबन पुलिस ने वर्ष 2010 से 2020 के बीच जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर हुए सड़क हादसों के जो आंकड़े पेश किए हैं, वह चौंकाने वाले और खौफनाक हैं। दस साल में यह हाईवे 8128 सड़क दुर्घटनाओं का गवाह बना। इन हादसों ने 1750 लाेगों की जान ले ली। हालांकि ये आंकड़े विभाग के हैं। मौतें और ज्यादा ही हुई होंगी। कई लोग तो लापता हो जाते हैं। विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इतने सड़क हादसों में 12,131 लोग घायल हो गए। विभाग ने सिर्फ घायलों का आंकड़ा प्रस्तुत किया है, लेकिन हकीकत यह है कि कई घायल जीवन भर के लिए दिव्यांग हो चुके हैं। कई घायलों की जिंदगी तो मृत्यु से भी बदतर हो कर रह जाती है।

बनिहाल से लेकर चंद्रकोट के बीच सबसे ज्यादा खतरनाक हाईवे

रामबन पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि अकेले रामबन जिले के बनिहाल से लेकर चंद्रकोट के बीच एक दशक के कालखंड में 858 मौंतें हुई हैं। इन्हीं इलाकों में सबसे ज्यादा सड़क हादसे भी होते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह प्राकृतिक है। मौसम में थोड़ा बदहाव आने पर इन इलाकों में भूस्खलन होने लगता है। पहाड़ी से मलबा खिसकने के कारण नेशनल हाईवे खतरनाक हो जाता है। वनवे हाईवे पर फिसलन बढ़ जाती है। ऐसे परिस्थिति में वाहन चालक से थोड़ी-सी चूक होते ही दुर्घटना हो जाती है। कई बार तो छोटे-बड़े वाहन हाईवे से लुढ़ककर सीधे चिनाब दरिया में समा जाते हैं। ट्रैफिक विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक टी नामग्याल के मुताबिक पहाड़ी और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र होने के कारण इतने सड़क हादसे होते हैं।


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