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Qazigund-Banihal Tunnel: काजीगुंड-बनिहाल 4-लेन सुरंग निर्माण अंतिम चरण में, मार्च के अंतिम सप्ताह में होगी शुरू

नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के जनरल मैनेजर मुनीब टॉक ने बताया कि यह परियोजना इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना है। इसका निर्माण ऑस्ट्रियाई सुरंग विधि (एटीएम) से किया गया है। यह सुरंग BOT (बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसफर) के तहत बनाई गई है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 09:11 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 09:11 AM (IST)
Qazigund-Banihal Tunnel: काजीगुंड-बनिहाल 4-लेन सुरंग निर्माण अंतिम चरण में, मार्च के अंतिम सप्ताह में होगी शुरू
सुरंग के दोनों ट्यूबों में 126 जेट पंखे, 234 सीसीटीवी आधुनिक कैमरे और अग्निशमन प्रणाली लगाई जा रही है।

श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के लोगों और दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी खबर है। काजीगुंड-बनिहाल सुरंग अंतिम चरण में है। सुरंग पर काम जोरों से चल रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च अंत तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। 8.5 किलोमीटर लंबी इस डबल ट्यूब सुरंग के शुरू होने पर बनिहाल और काजीगुंड के बीच की दूरी 16 किलोमीटर कम हो जाएगी। यही नहीं बर्फबारी या फिर खराब मौसम के दौरान यात्रियों को हाईवे बंद होने की वजह से कई-कई दिनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

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सुरंग बनाने का काम आंध्र प्रदेश की नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी कर रही है। इसके निर्माण पर दो हजार करोड़ से अधिक खर्च आएगा। कंपनी ने बताया कि यह परियोजना काफी समय पहले पूरी कर ली जाती परंतु भूमि अधिग्रहण, सुरंग के भीतर भूमि की अप्रत्याशित स्थित और निर्माण कंपनी में कथित वित्तीय संकट सहित कई कारणों से इसकी निर्माण समय सीमा आगे बढ़ानी पड़ी।

नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के जनरल मैनेजर मुनीब टॉक ने बताया कि यह परियोजना इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना है। इसका निर्माण ऑस्ट्रियाई सुरंग विधि (एटीएम) से किया गया है। यह सुरंग BOT (बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) के तहत बनाई गई है। सुरंग के अंदर और बाहर का काम अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि मार्च 2021 के अंतिम सप्ताह में इसे यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि यह सुरंग लबी होने की वजह वजह से इसमें से गैस को निकालने और ताजी हवा लाने के लिए एक आधुनिक शैली और अत्याधुनिक "एग्जॉस्ट सिस्टम" लगाया गया है। सुरंग के दोनों ट्यूबों में 126 जेट पंखे, 234 सीसीटीवी आधुनिक कैमरे और अग्निशमन प्रणाली लगाई जा रही है।

आपात स्थिति के दौरान सुरंग के भीतर अफरा-तफरी न फैले इसके लिए सुरंग के अंदर हर 500 मीटर के बाद दो ट्यूबों के बीच एक गलियारा बनाया गया है। ट्यूब में किसी भी आपात स्थिति के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।

टॉक ने बताया कि काजीगुंड-बनिहाल सुरंग जवाहर टनल से भी 400 मीटर नीचे है। इस सुरंग की वजह से काजीगंड और बनिहाल के बीच 16 किलोमीटर का सफर कम हुआ है। यह सुरंग जवाहर टनल और शैतानी नाले को बाईपास कर देगी। अब बर्फबारी और खराब मौसम के दौरान श्रीनगर जाने-आने वाले लोगों को हाईवे बंद होने के कारण परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। 


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