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Jammu Kashmir: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी पर उठ रहे सवाल

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. सैफुद्दीन सोज बोले- बेटी और बहन से मिलने जा रहा था मीडिया से बात नहीं करने दी। प्रशासन के नजरबंद न करने के दावे पर उठाए सवाल।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 09:56 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 10:46 AM (IST)
Jammu Kashmir: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी पर उठ रहे  सवाल
Jammu Kashmir: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी पर उठ रहे सवाल

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. सैफुद्दीन सोज की कथित नजरबंदी का मामला दिलचस्प हो गया है। प्रदेश प्रशासन ने बुधवार सर्वाेच्च न्यायालय में दावा किया था कि वह कहीं भी आने-जाने को स्वतंत्र हैं। वीरवार को सोज जब घर से बाहर निकले तो पुलिसकर्मियों ने घर में बंद कर दिया। इसका सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो गया। इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है।

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सोज को भी पांच अगस्त 2019 को कश्मीर में अन्य प्रमुख नेताओं के साथ हिरासत में लिया था और बाद घर में नजरबंद कर दिया। उनकी रिहाई के लिए पत्नी ने सर्वाेच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। गत बुधवार को सुनवाई में गृह विभाग के विशेष सचिव के हल्फनामे का संज्ञान लेते हुए अदालत ने याचिका का निरस्त कर दिया। सोज ने गत शाम ही सरकार के दावे का खंडन करते हुए कहा था कि मैं पांच अगस्त 2019 से अपने घर में बंद हूं, कहीं बाहर नहीं जा सकता।

सोज ने घर से बाहर निकल बेटी सेमिलन का प्रयास किया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने बाहर नहीं आने दिया। मीडिया कर्मियों से मिलने की अनुमति नहीं मिली। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने घर की दीवार के पास खड़े हो मीडिया से बातचीत का प्रयास किया। इससे भी उन्हें रोका गया। सोज ने फोन पर कहा कि यह निंदा जनक है। मैं बेटी के पास जाना चाहता था, लेकिन मुझे रोका गया। मेरे मौलिक अधिकारों का क्यों हनन हो रहा है।

पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हमारे पास कोई जानकारी नहीं है जिसके आधार पर कह सकें कि उन्हें नजरबंद रखा है। जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, इसकी पूरी जानकारी ले रहे हैं। वहीं प्रदेश प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने उन्हें न तो हिरासत में लिया गया और न नजरबंद रखा गया। वह अक्टूबर और दिसंबर में दिल्ली गए थे। उन्हें किसी ने रोका नहीं। वह सुरक्षा व्यवस्था के अनुरूप कहीं भी आ जा सकते हैं।

नजरबंदी का विरोध

गैर लोकतांत्रिक रवैया :

माकपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा कि प्रदेश प्रशासन का यह रवैया गैर लोकतांत्रिक है। प्रो. सोज ही नहीं यहां उन जैसे कई अन्य नेताओं को भी अवैध रूप से घरों में नजरबंद रखा है।

सभी को रिहा करें : जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा कि प्रो. सोज समेत जितने भी नेता नजरबंद हैं,उन्हें रिहा किया जाए। प्रदेश प्रशासन और केंद्र सरकार को रवैये में बदलाव लाना चाहिए।

मेरे साथ भी ऐसा हो चुका : पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि सोज से व्यवहार ¨नदनीय है। उन्हें मीडिया से बात करने से रोका गया था।


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