मीटर रीडरों को सस्पेंड करने का कर्मचारियों ने किया विरोध
शहर के साथ लगते तोप और घौ-मनासा इलाके में ट्रांसफार्मर जलने पर पॉवर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड जम्मू के दो मीटर रीडरों को सस्पेंड कर दिए जाने के विरोध में शनिवार को बिजली कर्मचारियों ने जानीपुर सब डिवीजन और परेड डिवीजन के बाहर प्रदर्शन किया।
जम्मू, जागरण संवाददाता : शहर के साथ लगते तोप और घौ-मनासा इलाके में ट्रांसफार्मर जलने पर पॉवर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड जम्मू के दो मीटर रीडरों को सस्पेंड कर दिए जाने के विरोध में शनिवार को बिजली कर्मचारियों ने जानीपुर सब डिवीजन और परेड डिवीजन के बाहर प्रदर्शन किया। दोनों मीटर रीडरों को नौकरी में पुन: बहाली की मांग को लेकर बाद में ये कर्मचारी चीफ इंजीनियर से भी मिले, लेकिन सुनवाई न होने पर भड़के कर्मचारियों ने 2 जून से अनिश्चितकालीन काम छोड़ हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। पावर इंप्लाइज यूनियन के प्रधान तरुण गुप्ता ने कहा कि यह मामला तोप और घौ मनासा इलाके का है। एक सप्ताह पहले दोनों इलाकों में ट्रांसफार्मर जल गए थे। यह पता चलने पर पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड जम्मू की मैनेजिग डायरेक्टर ने चीफ इंजीनियर को जांच के आदेश दिए। चीफ इंजीनियर ने यह मामला डिवीजन-2 के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर को सौंपा। अधिकारी ने रिपोर्ट में ट्रांसफार्मर जलने का कारण ओवरलोड बताया। यही नहीं यह भी जानकारी दी कि इन दोनों ट्रांसफार्मरों के अधीन आने वाली कालोनियों में राजस्व वसूली भी न के बराबर है। इस रिपोर्ट के आधार पर एमडी ने चीफ इंजीनियर से दोनों मीटर रीडरों को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए। इस मामले की आगे की जांच ऑपरेशन एंड मैंटेनेस के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को सौंपते हुए चीफ इंजीनियर ने दोनों मीटरों को उनके कार्यालय में अटैच कर दिया। अधिकारियों की इस कार्रवाई को एक तरफा बताते हुए सभी कर्मचारी एक मंच पर उतर आए हैं।
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जूनियर इंजीनियर की होती है जिम्मेदारी
आल जेएंडके नान-गजटेड पावर इंप्लाइज यूनियन के राज्य महासचिव पुरूषोत्तम शर्मा ने मीटर रीडरों को सस्पेंड करने के चीफ इंजीनियर के फैसले को एक तरफा बताया। उन्होंने कहा कि फीडर मैनेजर जूनियर इंजीनियर होता है। सिस्टम पर ओवरलोड, राजस्व वसूली की जितनी जिम्मेदारी मीटर रीडर की होती है उससे कहीं अधिक फीडर मैनेजर की होती है। चीफ इंजीनियर की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो रहा है कि कसूरवार केवल मीटर रीडर ही हैं। 'गलती अधिकारियों की, गाज कर्मचारियों पर'
आल पॉवर इंप्लाइज यूनियन के प्रधान तरुण गुप्ता ने कहा कि ऐसा नहीं है कि फील्ड स्टाफ बिजली चोरी रोकने के लिए प्रयास नहीं करते। सच तो यह है कि कई बार अधिकारियों को सूचित किए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती। यदि बाद में इसके कारण कोई परेशानी होती है तो अधिकारी फील्ड स्टाफ को आगे कर देते हैं। फील्ड स्टाफ ने जब कभी भी अपने तौर पर बिजली चोरी रोकने के लिए कदम उठाए हैं, उन्हें लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा है। कई बार यह मामला यूनियन द्वारा अधिकारियों के समक्ष उठाया जा चुका है। यह अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जोरशोर से आवाज उठाई जाएगी। -----------------
एक जून को देशव्यापी हड़ताल का भी करेंगे समर्थन
पावर इंजीनियर्स एंड टेक्निकल इंप्लाइज कोआर्डिनेशन कमेटी के कनवीनर सचिन टिक्कू ने कहा कि केंद्र सरकार केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली विभाग का निजीकरण करने जा रही है। इस फैसले के खिलाफ एक जून को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की गई है। उनकी कमेटी के अधीन आने वाली सभी यूनियन ने इस हड़ताल का समर्थन किया है। यही वजह है कि उन्होंने 2 जून से अनिश्चितकालीन काम छोड़ हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। उसे एक दिन पहले यानी एक जून को भी बिजली कर्मचारी राष्ट्रव्यापी आंदोलन का हिस्सा बनकर काम नहीं करेंगे।