Move to Jagran APP

Jammu Kashmir: 3 लाख के इनामी हिज्ब आतंकी की निकली IED से लदी कार, परिजनों से भी की पूछताछ

इस बीच एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिदायतुल्ला मलिक 30 जुलाई 2019 को आतंकी बना था। उसे इसी साल की शुरुआत में सी श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध किया गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 12:46 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 04:50 PM (IST)
Jammu Kashmir: 3 लाख के इनामी हिज्ब आतंकी की निकली IED से लदी कार, परिजनों से भी की पूछताछ
Jammu Kashmir: 3 लाख के इनामी हिज्ब आतंकी की निकली IED से लदी कार, परिजनों से भी की पूछताछ

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पुलिस ने विस्फोटकों से भरी कार के मालिक का पता लगा लिया है। वह तीन लाख का इनामी हिज्ब आतंकी हिदायतुल्ला मलिक है। फिलहाल, उसे पकड़ने के लिए उसके ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। पुलवामा पुलिस ने आज हिदायतुल्ला के परिजनों को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन भी बुलाया हुआ था। अभी तक पुलिस ने इस संबंध में कोइ जानकारी नहीं दी है। परंतु यह बात सामने आइ है कि हिदातुल्ला की पूरी सरगर्मी से तलाश की जा रही है आैर इसमें परिजनों को मदद करने के लिए कहा जा रहा है।

loksabha election banner

गौरतलब है कि जैश और हिज्ब के आतंकियों ने मिलकर एक बार फिर दक्षिण कश्मीर में 14 फरवरी 2019 जैसा कोई बड़ा आत्मघाती हमला करने की साजिश रची थी। इस साजिश में इस्तेमाल की जाने वाली कार को पुलिस ने बुधवार की रात को बरामद करने के बाद गत वीरवार सुबह सुरक्षित तरीके से नष्ट किया।

पुलिस सूत्रों ने कार मालिक की पुष्टि करते हुए बताया कि जिस कार को बम बनाकर इस्तेमाल करने की साजिश रची गई थी, वह कार हिजबुल मुजाहिदीन के एक आतंकी की ही थी। इस आतंकी का नाम हिदायतुल्ला मलिक है और वह जिला शोपियां के शरदपोरा गांव का रहने वाला है। इस बीच, एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिदायतुल्ला मलिक 30 जुलाई 2019 को आतंकी बना था। उसे इसी साल की शुरुआत में सी श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध किया गया है। उस पर तीन लाख का इनाम है। 

पुलवामा हमले जैसी साजिश नाकामः सुरक्षाबलों ने गत वीरवार तड़के आतंकियों की पुलवामा कांड दोहराने की साजिश को नाकाम बना बड़ी तबाही को टाल दिया। हिजबुल मुजाहिदीन ने 45 किलो विस्फोटक से लैस एक सेंट्रो कार से पुलवामा में किसी बड़े सैन्य प्रतिष्ठान या जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सुरक्षाबलों के काफिले पर हमले की योजना बनाई थी, लेकिन सुरक्षाबलों ने राजपोरा (पुलवामा) में कार बम को सुरक्षित तरीके से धमाका कर उड़ा दिया। विस्फोटक से लदी इस कार को हिजबुल आतंकी आदिल चला रहा था, जो मौके से भाग निकला।

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि हमले की साजिश जैश, लश्कर और हिजबुल ने रची थी। वहीं कार में आइईडी को सात लाख रुपये के इनामी जैश आतंकी मूसा उर्फ वलीद उर्फ इद्रीस ने एक अन्य जैश कमांडर फौजी भाई के साथ मिलकर फिट किया था। पाकिस्तान का वलीद मई 2015 से कश्मीर में सक्रिय बताया जाता है। 2017 से सक्रिय फौजी भाई पर पांच लाख का इनाम है। कार पर जो नंबर प्लेट जेके08बी-1426 है वह कठुआ के बीएसएफ कर्मी की मोटरसाइकिल का है। बीएसएफ कर्मी से भी कथित तौर पर पूछताछ की गई है।

एनआइए टीम ने की जांचः एनआइए ने भी राजपोरा में विस्फोटस्थल का जायजा लिया है। इस मामले की जांच भी एनआइए को सौंपी जा सकती है। इस कार बम और बीते साल पुलवामा हमले के तार आपस में मिलते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा आइईडी में आरडीएक्स के अलावा अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रेट ग्लिसरीन और सल्फर का भी इस्तेमाल हुआ है। 

रमजान में हमला करना चाहते थे आतंकी: आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि जैश के आतंकी वलीद और फौजी ने 11 मई को पाक रमजान माह के 17वें रोजे यानी जंग-ए-बद्र के दिन सुरक्षाबलों पर हमले के लिए ही कार बम को तैयार किया था। सुरक्षाबलों की चौकसी के चलते वह उस दिन हमला नहीं कर पाए। इसके बाद हिजबुल के साथ मिलकर उन्होंने हमले की नए सिरे से साजिश रची थी। इसके लिए हिजबुल आतंकी आदिल को चुना गया था। बुधवार को आदिल विस्फोटकों से लदी कार की जगह बदलने का प्रयास कर रहा था।

बड़े आतंकी हमले की थी सूचनाः पुलिस को सूचना मिली थी कि आतंकी पुलवामा में किसी बड़े हमले को अंजाम देने वाले हैं। इसके बाद बुधवार शाम साढ़े पांच बजे पुलिस ने सीआरपीएफ और सेना की 44 आरआर के जवानों के साथ पुलवामा में चौकसी बढ़ा दी। रात करीब साढ़े दस बजे पुलवामा के राजपोरा इलाके में नाके पर सुरक्षाबलों ने सफेद रंग की एक सेंट्रो कार को रुकने का संकेत किया, लेकिन चालक ने तेजी से कार को वहां से निकाल लिया। नाका पार्टी ने दूसरी नाका पार्टी को इसके बारे में सूचित किया। आयनगुंड के पास जवानों ने कार को रुकने का संकेत किया। नाका देखकर चालक ने कार को एक संकरी सड़क पर मोड़ने का प्रयास किया। इस पर जवानों ने गोली चलाई और कार का एक टायर पंक्चर हो गया। आतंकी कार चलाता रहा, लेकिन कामयाब नहीं हुआ और जवानों पर गोली चलाता हुआ अंधेरे में भाग निकला। नाका पार्टी ने कार को कब्जे में ले लिया। उसके बाद चालक आदिल की तलाश शुरू की गई, लेकिन सुराग नहीं मिला।

सीआरपीएफ के 400 जवान थे आतंकवादियों के निशाने पर: घाटी में सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और प्रमुख कमांडरों के मारे जाने से हताश आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने जैश-ए-मोहम्मद के साथ मिलकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर गत वीरवार को हमला करने की साजिश रची थी। आतंकियों के निशाने पर सीआरपीएफ के करीब 400 जवानों व अधिकारियों का काफिला था। समय रहते पता चल गया।राजपोरा (पुलवामा) में गत वीरवार को नाकाम बनाए गए कार बम मामले की जांच से जुड़े सूत्रों की मानें तो आतंकियों को सुबह हमला करना था। इसलिए आतंकियों ने अपने सेफ हाउस से बुधवार रात ही कार बम को बाहर निकाल हाईवे के पास ले जाने का प्रयास किया था। सूत्रों ने बताया कि वीरवार सुबह श्रीनगर से जम्मू के लिए निकलने वाले सीआरपीएफ के 20 वाहनों के काफिले पर हमला हो सकता था। यह काफिला श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम से सुबह सात बजे रवाना होता है। इसमें करीब 400 जवान व अधिकारी होते हैं। कार को जिस हालात में पकड़ा है, उसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि आतंकियों का निशाना सीआरपीएफ का काफिला ही होगा। उन्होंने बताया कि बीते 20 दिनों के दौरान दक्षिण कश्मीर विशेषकर पुलवामा, पांपोर और अवंतीपोर के इलाके में आतंकियों की गतिविधियों के बारे में मिल रहे इनपुट भी इसी तरफ संकेत करते हैं। आतंकियों के हमले की आशंका को देखते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियों के लिए अलर्ट जारी किया गया था। हाईवे और सभी सुरक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव लाते हुए उसे और पुख्ता बनाया गया था।

पुलवामा हमले में शहीद हुए थे 40 जवान : 14 फरवरी 2019 को भी पुलवामा के लित्तर में सीआरपीएफ के काफिले पर भी इसी तरह हमला हुआ था, जिसमें एक आतंकी ने आइईडी से लैस गाड़ी से सुरक्षाबलों के वाहन में टक्कर मार दी थी। इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए थे। इसका बदला भारतीय वासुसेना ने 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में जैश के आतंकी अड्डों पर बम बरसाकर उन्हें तबाह कर दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.