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खेत खलिहानः पनीरी के लिए बीज को पहले रोगमुक्त करना जरूरी

धान की रोपाई का सीजन नजदीक आ गया है। ऐसे में किसानों को चाहिए कि धान की पौधों की गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखें। वहीं पानी की उपलब्धता को यकीनी बनाए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 01:59 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 01:59 PM (IST)
खेत खलिहानः पनीरी के लिए बीज को पहले रोगमुक्त करना जरूरी
खेत खलिहानः पनीरी के लिए बीज को पहले रोगमुक्त करना जरूरी

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू में धान की जैविक खेती भी होने लगी है, लेकिन जब बीज को रोगमुक्त किया जाता है तो किसान रसायन का सहारा लेते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र (शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी जम्मू) के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. पुनीत चौधरी व एसोसिएट प्रोफेसर एडवांस सेंटर फार हार्टीकल्चर रिसर्च प्रदीप कुमार राय का कहना है कि जैविक खेती में फसलों को कई प्रकार से जैविक व अजैविक कारक प्रभावित करते हैं। भूमि जनित रोग परेशानियां खड़ी करते हैं, जैसे उक्ठा, सूखा, जड़गलन, बीज गलन, गुठली सड़न, झुलसा, तनागलन, अंगमारी, आद्रपतन आदि। इसलिए जब पनीरी लगाएं तो जैवनाशी ट्राइकोडर्मा स्पेसीज का इस्तेमाल करें। एक किलोग्राम बीज को रोगमुक्त करने के लिए 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। इससे मिट्टी से पौधे में आने वाली बीमारियों की रोकथाम होगी। किसानों को ट्राइकोडर्मा के बारे में जानना चाहिए।

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धान की रोपाई में रखें खास ख्याल : धान की रोपाई का सीजन नजदीक आ गया है। ऐसे में किसानों को चाहिए कि धान की पौधों की गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखें। वहीं पानी की उपलब्धता को यकीनी बनाए। किसान महेश सिंह ने बताया कि जब धान की रोपाई करनी होती है तो खेत में लबालब पानी होना चाहिए। किसानों को रोपाई के दौरान ख्याल रखना चाहिए कि टूटा हुआ या बीमार पौधा बाहर निकाल दिया जाए। कतार में पौधे लगाने चाहिए और ओवर साइज पनीरी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जिस खेत में धान की रोपाई करनी है, उसे समतल बनाया जाए। पानी डालकर इस तरह से दलदली बनाया जाए कि तीन से पांच सेंटीमीटर की गहराई तक पौधा लगाया जा सके। एक पौधे से दूसरे पौध की दूरी दस सेंटीमीटर हो और कतार से कतार की दूरी 20 सेंटीमीटर हो।

गेंदे की पनीरी लगाने का सही समयः कलकत्ती या हाइब्रिड गेंदे की पनीरी लगाने का समय नजदीक आ गया है। ऐसे में पनीरी उगाने के काम में जुट जाना चाहिए। अगेती फसल के लिए मध्य जून से रोपाई की जा सकती है। तीन माह का समय यह फसल ले लेती है। आमतौर पर सितमंबर माह में फूल खिला आरंभ कर देते हैं। नवरात्र में व दीपावली में अच्छी मांग होने के कारण किसान 20 हजार रुपये तक की कमाई कर जाते हैं। एक कनाल भूमि में गेंदा लगाने के लिए किसानों को दो हजार पौधों की जरूरत पड़ेगी। इसकी पनीरी उगाकर भी किसान पौधे बेच सकता है व कमाई कर सकता है।

आज से फिर बिगड़ेगा मौसमः कुछ दिन गर्मी सहन करने के बाद मौसम के मिजाज फिर बिगड़ रहे हैं। वीरवार को आसमान में बादल छाएंगे। इसके बाद शुक्रवार से अगले तीन दिन तक बारिश होगी। कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. महेंद्र सिंह का कहना है कि किसानों को मौसम के मिजाज को समझते हुए खेती करनी चाहिए। खेत खलिहान में पानी देने का क्रम रोकना चाहिए, क्योंकि शुक्रवार को बारिश के आसार बने हुए हैं। 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा तापमान अब पूरे सप्ताह में 30 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। न्यूनतम तापमान 21 से 23 डिग्री सेल्सियस तक आ जाएगा। किसानों को फल, सब्जियों प दूसरी फसलों पर कीटनाशक व दूसरे छिड़काव इन दिनों नहीं करना चाहिए।


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