युवाओं के हाथ में रोजगार देने की तैयारी
जम्मू कश्मीर में बेरोजगारों की संख्या छह लाख से अधिक है। प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के साधन न होने के कारण अधिकतर युवा सरकारी नौकरियों पर ही निर्भर हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू: जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने राज्य के युवाओं के हाथ में रोजगार देने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। सरकार खाली पदों को भरने के लिए गंभीर है। पहले चरण में दस हजार नौकरियां निकाली जाएंगी। इसमें कई वर्गो को प्राथमिकता दी जाएगी।
प्रदेश में डोमिसाइल के नियम तय होने के बाद हर तरह का असमंजस हट गया है। इसके बाद उपराज्यपाल प्रशासन ने भर्तियों की दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारी नवीन कुमार चौधरी की अध्यक्षता में कमेटी भी बना दी गई है। यह विभिन्न विभागों में खाली पदों के आंकड़े जुटा रही है। दस दिन में दस हजार पदों की जानकारी प्रशासन को दे दी है। जून के पहले सप्ताह में अधिसूचना जारी हो जाएगी। पूर्व पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार जून 2018 में गिरने के बाद से जम्मू कश्मीर में कोई भर्ती नहीं निकाली गई है। हालांकि पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पचास हजार पद निकालने की घोषणा की है लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हुआ। छह लाख से अधिक हैं बेरोजगार
राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि नौकरी के लिए आवेदन के समय डोमिसाइल प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं होगी। चयन के समय ही यह देना होगा। जम्मू कश्मीर में बेरोजगारों की संख्या छह लाख से अधिक है। प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के साधन न होने के कारण अधिकतर युवा सरकारी नौकरियों पर ही निर्भर हैं। उपराज्यपाल ने यह भी कहा है कि नौकरियों में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। भर्ती के स्पष्ट नियम बनाए जाएं
पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने कहा कि उपराज्यपाल प्रशासन से कहा है कि पचास हजार पदों को भरा जाए। सरकार ने दस हजार पद भरने की घोषणा की है। कई वर्गों को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। यह सराहनीय कदम है। लेकिन इससे पहले भर्ती के स्पष्ट नियम बनाए जाने चाहिए। नेशनल स्टूडेंट यूनियन आफ इंडिया के राष्ट्रीय प्रधान नीरज कुंदन ने कहा कि जम्मू कश्मीर में बेरोजगार युवाओं की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। अरसे बाद दस हजार पद निकालने जा रहे हैं। सरकार और भाजपा ने तो पचास हजार पदों को भरने की घोषणा की थी, लेकिन अब दस हजार पद निकाले जा रहे हैं।