Move to Jagran APP

जलविद्युत उत्पादन की क्षमता का मात्र 22 फीसद हुआ दोहन

जम्मू कश्मीर में जलविद्युत उत्पादन की क्षमता का मात्र 22 फीसद जो 3608.46 मेगावाट है का ही दोहन किया जा सका है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 08:52 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 08:52 AM (IST)
जलविद्युत उत्पादन की क्षमता का मात्र 22 फीसद हुआ दोहन
जलविद्युत उत्पादन की क्षमता का मात्र 22 फीसद हुआ दोहन

राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर में जलविद्युत उत्पादन की क्षमता का मात्र 22 फीसद जो 3608.46 मेगावाट है, का ही दोहन किया जा सका है।

loksabha election banner

इसमें से 1211.96 मेगावाट स्टेट सेक्टर, 2339 सेंट्रल सेक्टर व 57.5 मेगावाट आइपीपी मोड में पैदा की जा रही है। यह जानकारी शुक्रवार को पब्लिक विकास विभाग (पीडीडी) के प्रधान सचिव रोहित कंसल की अध्यक्षता में हुई बैठक में अधिकारियों ने दी। करीब 95 मेगावाट की कुल उत्पादन क्षमता वाली तीन परियोजनाएं निर्माण के अंतिम चरण में हैं, जो अगले दो माह में पूरी होंगी। बैठक में बताया गया कि मैसर्स पीएंडआर इंजीनियरिग की ओर से ईपीसी मोड में नौ मेगावाट की हानु (इंडस) परियोजना को जुलाई 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसी तरह 48 मेगावाट की लोअर कलनेई (चिनाब) व 37.50 मेगावाट परनेई (झेलम) भी जल्द ही पूरी होने वाली है।

पीडीडी का कार्यभार संभालने के बाद रोहित कंसल की अपने अधीनस्थ अधिकारियों संग यह पहली बैठक थी। उन्होंने विभागीय गतिविधियों का जायजा लेते हुए विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा भी की। वह जम्मू कश्मीर ऊर्जा विकास निगम (जेकेपीडीसी) के प्रबंध निदेशक भी हैं। वित्त निदेशक एमएस मलिक, महाप्रबंधक (कानून) इश्तिाक अहमद वानी, महाप्रबंधक (हायड्रो) एमएच तेली व अन्य अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में भाग लिया। रोहित कंसल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह प्रदेश में जारी जलविद्युत उत्पादन की उन परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर जल्द पूरा करें, जो निर्माण के अंतिम चरण में हैं। जम्मू कश्मीर में लोगों को नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए बिजली उत्पादन बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने जेकेपीडीसी के अवसंरचनात्मक विकास के लिए राजस्व जुटाने के भी निर्देश जारी किए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.