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लॉकडाउन में ढील से मनरेगा में काम के साथ दाम भी

मनरेगा के काम शुरू होने से लोगों को काम भी मिलने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 07:47 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 07:47 AM (IST)
लॉकडाउन में ढील से मनरेगा में काम के साथ दाम भी
लॉकडाउन में ढील से मनरेगा में काम के साथ दाम भी

जेएनएन, जम्मू : लॉकडाउन से थमी जिदंगी को पटरी पर लाने के लिए महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) मजदूरों के लिए सहारा बन रही है। कामकाज मिलने से एक तो उन्हें उनके ही क्षेत्र में रोजी-रोटी मिल गई, वहीं विभिन्न प्रोजेक्ट के काम भी आगे बढ़ने लगे। या यूं कहें कि मनरेगा से जिदंगी ही चल पड़ी। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत मिलने वाले रोजगार से मजदूरों को काफी संबल मिलने लगा। इस योजना के तहत जिले के आरएसपुरा, सुचेतगढ़ व मीरां साहिब ब्लॉकों में 500 लोगों को काम मिल रहा है। लॉकडाउन में ढील के बाद अब सरकार ने तेजी से मनरेगा के कामों पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है। आरएसपुरा ब्लॉक में 100, सुचेतगढ़ और मीरां साहिब ब्लॉक में 200-200 मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार मिला है। ब्लॉक खंड अधिकारी सुचेतगढ़ मोहिद्र सिंह ने बताया कि ब्लॉक की करीब 15 पंचायतों में इस समय मनरेगा के तहत काम चल रहे और करीब दो सौ मजदूरों को काम मिल रहा है। करीब बीस लाख रुपये के विकास काम मनरेगा के तहत करवाए जा रहे हैं।

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मनरेगा के काम की मजदूरी भी बढ़ी

मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों के लिए अच्छी खबर है। अब उनकी मजदूरी बढ़ गई है। पहले प्रतिदिन 189 रुपये मिलते थे, अब 204 रुपये मिलने लगे हैं। अगर कोई प्रोजेक्ट लंबा चलने वाला है तो उसके लिए हर 14 दिन में मजदूरी की गणना कर राशि मजदूर के खाते में डाल दी जाती है।

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फिंदड़ व जिंदलैंड में बनेंगे तालाब

मनरेगा योजना के तहत गांव फिंदड़ व जिंदलैंड में तालाब बनाने का काम शुरू हो गया है। फिंदड़ में पुराना तालाब है, जिसकी पहले संभाल नहीं हो पा रही थी। तालाब में कई जगह टूट-फूट थी। अब मनरेगा योजना के तहत यहां पर मजदूर काम पर जुटे हैं और तालाब से गाद निकालने का काम जारी है। ऐसे ही गांव जिदलैड में सामुदायिक तालाब को बेहतर किया जा रहा है। यह पुराना तालाब है जिसमें सुधार की जरूरत थी। इसके अलावा सिचाई के चैनल दुरुस्त करने के काम में भी मनरेगा के जरिए काम हो रहा है।

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मनरेगा से ही जिदंगी रास में आई

मीरां साहिब में रह रहे राकेश कुमार ने बताया कि कोरोना संकट के दौर में मनरेगा हमारे लिए सहारा बनकर आया है। हालांकि पहले कुछ समय काम रुकने से संकट जरूर रहा लेकिन अब राह आसान हो गई है। आरएसपुरा में मनरेगा श्रमिक अश्वनी कुमार, मोहिद्र लाल, बलवान सिंह, राजेंद्र कुमार ने बताया कि काम शुरू होने से उन्होंने राहत ली है। सरकार को चाहिए कि मनरेगा के तहत ज्यादा से ज्यादा काम करवाए ताकि उनको पूरे सौ दिन काम मिल सके।

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1.42 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट

वर्ष 2020-21 में 1.42 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के लिए पैसा मंजूर हुआ है। इससे क्षेत्र के कई प्रोजेक्टों पर काम आगे बढ़ पाएगा ही, वहीं स्थानीय मजदूरों को रोजगार भी मिलेगा। हमारा प्रयास रहता है कि गांव में विकास काम आगे बढ़े और इसके जरिए स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। इसलिए मनरेगा के तहत आने वाले प्रोजेक्ट से गांव का विकास हो रहा है। यहां के तालाब, वन संपदा, खेत-खलिहान सब सुरक्षित रहें। हमारी कोशिश रहेगी कि अधिक से अधिक काम हमें मनरेगा के तहत प्राप्त हों।

-दिलीप कुमार, चैयरमैन, बीडीसी, मीरां साहिब।

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40 काम और शुरू होंगे

ब्लॉक की करीब सात पंचायतों में फिलहाल मनरेगा के तहत काम शुरू किया है। करीब दस लाख की लागत के काम इस समय चल रहे हैं। लॉकडाउन में अब ढील है। ऐसे में करीब चालीस ऐसे और काम हैं जो जल्द ही ब्लॉक की विभिन्न पंचायतों में शुरू होंगे।

-अनुराधा ठाकुर, ब्लॉक खंड अधिकारी, आरएसपुरा


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