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Coronavirus: 22 दिन में कोरोना के मरीज 100 पार, कश्मीर में नए संक्रमितों में 5 बच्चे

कैबिनेट सचिव राजीव गावा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए योजना बनाई जाए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 10:41 AM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 10:41 AM (IST)
Coronavirus: 22 दिन में कोरोना के मरीज 100 पार, कश्मीर में नए संक्रमितों में 5 बच्चे
Coronavirus: 22 दिन में कोरोना के मरीज 100 पार, कश्मीर में नए संक्रमितों में 5 बच्चे

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 22 दिन में ही राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा 100 पार कर गया। यही नहीं कश्मीर में आए 14 मरीजों में पांच बारामुला, चार शोपियां, दो बड़गाम, एक गांदरबल, एक बांडीपोरा और एक श्रीनगर जिले का है। बारामुला जिले के पांचों संक्रमित उड़ी के रहने वाले हैं। इनमें 38 वर्षीय महिला और उसकी तीन बेटियां जिनकी उम्र आठ साल, 14 साल और 12 साल शामिल हैं। महिला शिक्षक है। पांचवीं संक्रमित भी छोटी लड़की है। उसकी मां भी शिक्षक है और वह भी कुछ दिन पहले संक्रमित पाई गई थी। इन पांचों को मेडिकल कालेज बारामुला में भर्ती करवाया गया है। कुल मिलाकर 106 लोग कोरोना पीड़ित हो चुके हैं। इनमें 88 कश्मीर के हैं। वहीं ऊधमपुर में शनिवार रात जिस कोरोना के संदिग्ध की क्वारंटाइन में मौत हुई थी, उसके टेस्ट नेगेटिव आए हैं। प्रशासन की मानें तो हृदय गति रुकने से उसकी मौत हुई है।

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मिशन निदेशक नेशनल हेल्थ मिशन भूपेंद्र कुमार के अनुसार कुल 33503 लोगों को सरकार ने निगरानी में रखा है। इनमें 10981 होम क्वारंटाइन या फिर क्वारंटाइन केंद्रों में हैं। 100 मरीजों को अस्पतालों में आइसोलेशन में और 619 अस्पतालों में क्वारंटाइन में है। 16237 को घरों में निगरानी में रखा है। 5566 लोगों ने जरूरी सर्विंलांस पीरियड खत्म कर लिया है। कुल 1551 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। इनमें 1529 नेगेटिव आए हैं। 106 पॉजिटिव आए हैं। इनमें 85 कश्मीर और 21 जम्मू संभाग के हैं। 14 सैंपलों की रिपोर्ट आना अभी भी शेष है। कश्मीर में आए 14 मरीजों में पांच बारामुला (उड़ी) के, चार शोपियां, दो बडगाम, गांदरबल, बांडीपोरा और श्रीनगर जिले के एक-एक हैं। उड़ी के पांचों संक्रमितों में 38 वर्षीय महिला और उसकी तीन बेटियां जिनकी उम्र आठ साल, 14 साल और 12 साल है। ये पहले से संक्रमित लोगों के संपर्क में आए थे। अभी तक चार मरीज ठीक होकर घरों में चले गए हैं। दो की मौत हो गई है। ऊधमपुर में एक होटल में बने क्वारंटाइन केंद्र में शनिवार को माघेनी गांव के बुजुर्ग की मौत हो गई थी। उसकी उम्र तथा संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने को ध्यान रखते हुए उन्हें क्वारंटाइन में रखा गया था। उसकी मौत प्राकृतिक हुई है।

खुले में थूकें भी नहीं: इंडियन काउंसिल फार मेडिकल रिसर्च ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे गुटका, पान मसाला खाने से परहेज करें। खुले में थूकें भी नहीं। इससे भी संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। सरकार ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे बिना किसी कारण अस्पतालों में जाने से बचें और जरूरी हो डॉक्टरों से फोन पर भी सलाह ले सकते हैं।

कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आने से बढ़े मामले: अन्य तमाम देशों की तुलना में भारत में बहुत समय रहते सतर्कता बरतते हुए देशव्यापी लॉकडाउन का एलान कर दिया गया था। इस लॉकडाउन के दम पर देश ने कोरोना के विरुद्ध युद्ध में अपनी स्थिति को काफी मजबूत भी कर लिया था, लेकिन इस पूरी कोशिश को तब्लीगी जमात ने अपनी गलती से कमजोर कर दिया। आंकड़े इसका प्रमाण हैं कि अगर तब्लीगी जमात से जुड़े संक्रमण के मामले नहीं आए होते तो देश में कुल मामले बढ़ने की रफ्तार आधी होती। हालांकि, राहत की बात है कि अब भी तब्लीगी मरीजों को हटाकर देखा जाए तो स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है। स्वास्थ्य मंत्रलय को देश में हालात काबू में रहने की पूरी उम्मीद है। कश्मीर में आए 14 मरीजों में पांच बारामुला, चार शोपियां, दो बड़गाम, एक गांदरबल, एक बांडीपोरा और एक श्रीनगर जिले का है। बारामुला जिले के पांचों संक्रमित उड़ी के रहने वाले हैं। इनमें 38 वर्षीय महिला और उसकी तीन बेटियां जिनकी उम्र आठ साल, 14 साल और 12 साल शामिल हैं। महिला शिक्षक है। पांचवीं संक्रमित भी छोटी लड़की है। उसकी मां भी शिक्षक है और वह भी कुछ दिन पहले संक्रमित पाई गई थी। इन पांचों को मेडिकल कालेज बारामुला में भर्ती करवाया गया है। शोपियां में चार में दो बुजुर्ग दंपत्ति हैं। उनकी उम्र 68 साल और 65 साल है। यह 16 मार्च को सऊदी अरब से आए थे। अन्य दो पीड़ित भी उनके साथ ही आए थे। बड़गाम के दो मरीजों में 24 साल का युवक शामिल है। वह भी पहले से पाजिटिव आए मरीज के संपर्क में था। दूसरा चौदह साल का किशोर है। उसका चचेरा भाई 31 मार्च को पाजिटिव आया था। इसी तरह, श्रीनगर से पाजिटिव आई युवती की उम्र 21 साल है। वह जवाहर नगर का रहने वाली है। वह इंडोनेशिया से आई थी। वह जकूरा में क्वारंटाइन में थी, जिसे अब सीडी अस्पताल में भेजा गया है। बांडीपोरा से संक्रमित आया व्यक्ति गुरेज का रहने वाला है। वह भोपाल से आया था और जब्लीगी जमात से संबंध रखता है। उसे 26 मार्च को होम क्वारंटाइन में रखा गया था। अब उसे स्किम्स में भर्ती करवाया गया है। गांदरबल जिले का मरीज गुजहामा वकूरा का रहने वाला है। उसके सैंपल एक दिन पहले ही लिए गए थे। अब उसके सैंपल पाजिटिव आने के बाद उसे जिला अस्पताल गांदरबल में भर्ती करवाया गया है।

समुदाय के बीच कोरोना रोकने के लिए योजना को जमीनी स्तर पर करें लागू: कैबिनेट सचिव राजीव गावा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए योजना बनाई जाए। इस योजना को जमीनी सतह पर लागू किया जाए ताकि समुदाय के बीच कोरोना को फैलने से रोका जाए। देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से बातचीत करते हुए कैबिनेट सचिव ने कहा कि कोरोना से उपजी स्थिति को देखते हुए रोकथाम योजना बनाई जाए। हमारे पास अगली तैयारी के लिए समय है और लॉकडाउन के बीच मौका है कि हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हो जाएं। उन्होंने कोरोना की रोकथाम के लिए जिला कलेक्टरों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना को रोकने के लिए जमीनी सतह पर प्रभावी योजना से काम किया जाए। मामलों का पता लगाने, टे¨स्टग करने, निगरानी में रखने की प्रक्रिया के लिए प्रभावी तरीके से काम करना होगा। हमारी प्राथमिकता लोगों को इस वायरस से बचाने की है और इसमें हम तब ही कामयाब हो सकते है जब योजना को प्रभावी तरीके से अमल में लाएं। कैबिनेट सचिव ने जिला कलेक्टरों से कहा कि जिन डीसी ने कोरोना को फैलने से रोकने के लिए बेहतर कदम उठाए हैं, उनकी तरह ही काम करना चाहिए। जिला निगरानी टीमों, रैपिड रिस्पांस टीमों को अलर्ट पर रखा जाए। बिना समय गंवाए हर संदिग्ध को पता लगाकर उसका टेस्ट किया जाए। कोरोना वायरस मरीजों की सेहत का पूरा ख्याल रखा जाए। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय ने रोकथाम नीति पर ओरियंटेशन एवं ट्रेनिंग सत्र वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया। जिला कलेक्टरों ने भी अपने काम करने के तरीके के अनुभव साझा किए। कैबिनेट सचिव ने दोहराया कि केंद्र की तरफ से हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रामण्यम, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तीय आयुक्त अटल ढुल्लू ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल हुए।

एयरफोर्स की मदद से कश्मीर में पहुंचाईं दवाइयां: पिछले कुछ दिनों से देशभर में लॉकडाउन के कारण जम्मू-कश्मीर में जरूरी दवाइयों की कमी होना शुरू हो गई थी। कैंसर, मधुमेह के मरीजों को सबसे अधिक परेशानी थी। कश्मीर को दोहरी मार पड़ रही थी। मौसम खराब होने के कारण राजमार्ग भी बंद था और इस कारण भी सप्लाई नहीं पहुंच पा रही थी। इसे लेकर मरीज परेशान थे और इसकी शिकायतें भी हो रही थीं। अब ड्रग कंट्रोल विभाग सक्रिय हुआ है। विभाग ने एयरफोर्स और रेडक्रास की सहायता से दवाइयां कश्मीर में पहुंचाई है। इन दवाइयों में एंटी कैंसर, एंटी हाइपरटेंसिव, एंटीबायाटिक शामिल है। डिप्टी ड्रग कंट्रोलर कश्मीर इरफाना अहमद ने खुद दवाइयां कश्मीर के कई दुकानदारों तक पहुंचाईं। इसी तरह जम्मू में भी कई दुकानदारों में दवाइयां दी गई हैं।


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