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कठुआ में कर्मियों की अटैचमेंट रद करें

राज्य ब्यूरो जम्मू प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कठुआ जिले में सरकारी विभागों में कर्मचारियों की अटैचमेंट की तुंरत समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। अटैचमेंट के कारण आम जनता को कई दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 08:13 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 08:13 AM (IST)
कठुआ में कर्मियों की अटैचमेंट रद करें
कठुआ में कर्मियों की अटैचमेंट रद करें

राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कठुआ जिले में सरकारी विभागों में कर्मचारियों की अटैचमेंट की तुंरत समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। अटैचमेंट के कारण आम जनता को कई दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है।

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रविवार को जम्मू में कठुआ की जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में डॉ. सिंह ने कहा कि कर्मचारी दूरदराज इलाकों में जाकर काम करें। इसके लिए सभी विभागाध्यक्ष अटैचमेंट समाप्त करें। विशेष रूप से स्वास्थ्य, शिक्षा और पीएचई विभाग से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं। उन्होंने जिलाधीश को एसपीओ की चयन सूची भी जल्द जारी करने के निर्देश भी दिए। इसी बीच डॉ. सिंह ने उधमपुर जिले में केंद्र प्रोयोजित परियोजनाओं को तेजी देने के लिए उठाए जा रहे कदमों का जायजा लिया। उन्होंने विकास को तेजी देने के साथ सड़क परियोजनाओं के निर्माण में जुटी एजेंसियों को भी निर्देश दिए कि तय समय सीमा के अंदर प्रोजेक्ट पूरे किए जाएं। देविका प्रोजेक्ट का जायजा लेने के साथ उन्होंने ब्लॉक डेवेलपमेंट काउंसिल के अध्यक्षों से कहा कि वे ऐसे इलाके चिन्हित करें यहां पर सड़कें बनाने की जरूरत है। उन्होंने जिलाधीश से मनरेगा, पीएम आवास योजना, पीएम ग्रामीण सड़क योजना, आयुष्मान भारत, पीएम किसान योजनाओं की मौजूदा स्थिति भी जानी। कठुआ की दिशा बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अधिकारी जिले में विकास योजनाओं की प्रगति पर नजर रखने के साथ उनकी कामयाबी के लिए दिए जाने वाले दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें। बैठकों में होने वाले फैसलों का भी पालन किया जाए। कठुआ के विभिन्न ब्लॉकों के बीडीसी अध्यक्षों ने अपने इलाकों की समस्याओं के बारे में केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी। उठाए मसलों में बेहतर सड़कों, पीएचई और पीडीडी बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना मुख्य था। इसके साथ मनरेगा की देनदारियों निपटाने शामिल था। केंद्रीय योजनाओं का अधिक से अधिक लोगों को लाभ देने के साथ महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं की वन विभाग की मंजूरी देने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। बैठक में कठुआ के एडीसी, जिला अधिकारी व संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। डॉ. जितेंद्र सिंह ने पदमश्री शिव निर्मोही को सम्मानित

प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रविवार को जम्मू में वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री शिव निर्मोही को सम्मानित किया। जम्मू में आयोजित कार्यक्रम में शिव निर्मोही को सम्मानित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ऐसे प्रतिभाशाली लोगों को तलाशती है जो सही मायनों में पद्मश्री के हकदार हैं। यह प्रधानमंत्री के पारदर्शिता में विश्वास रखने का सुबूत है। ये ऐसे लोग हैं जो पूरी तरह से अपने काम को समर्पित थे, उनके पास सत्ता के गलियारों में अवार्ड के लिए प्रभाव इस्तेमाल करने के लिए समय नहीं था। डॉ. सिंह ने डोगरी साहित्य के क्षेत्र में 80 वर्षीय शिव निर्माही के 50 साल के योगदान की सराहना की। जब उन्हें बायोडाटा भेजने के लिए संदेश भिजवाया गया तो उनकी प्रतिक्रिया थी कि मैं अपना बायोडाटा ऐसे व्यक्ति को क्यों भेजूं जिसे में जानता नही हैं। इस पर डॉ. सिंह ने कहा कि मैं आपका बाया डाटा इसलिए चाहता था कि क्योंकि आप मुझे जानते नही हैं। गत वर्ष पद्मश्री अवार्ड डोगरा लेखक नरसिंह देव जम्वाल को मिला था। उनकी कहानियां वर्ष 1960, 1970 में अन्य भाषाओं में छपी थी। हैरानी है कि उन्हें पहले यह अवार्ड दिलवाने की कोशिश क्यों नही हुई। तब डोगरी भाषा के कथित ठेकेदार अन्य लोगों के लिए लाबिग कर रहे थे। पिछले पांच वर्षो के दौरान जम्मू कश्मीर के नब्बे वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार केएन पंडिता को भी पद्मश्री मिला। इससे पहले लेखक जवाहर कौल का यह अवार्ड मिला। ये सभी लोग पहले नजरअंदाज हुए थे।


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