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दर्द सांझा कर वीरता का पाठ पढ़ा रहीं वीरनारियां, कैप्टन तुषार के शहीद दिवस पर छोटे बच्चे लेकर पहुंचीं थीं

दर्द सांझा करने वाले महिलाओं का कहना है कि जीवन का एक मात्र मकसद बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर पिता की तरह देशभक्त बनाना है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 10:54 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 10:54 AM (IST)
दर्द सांझा कर वीरता का पाठ पढ़ा रहीं वीरनारियां, कैप्टन तुषार के शहीद दिवस पर छोटे बच्चे लेकर पहुंचीं थीं
दर्द सांझा कर वीरता का पाठ पढ़ा रहीं वीरनारियां, कैप्टन तुषार के शहीद दिवस पर छोटे बच्चे लेकर पहुंचीं थीं

जम्मू, विवेक सिंह। शहीदों की निशानियों को कलेजे से लगाकर वीरनारियां खुद संघर्ष झेलकर भी अपने लाडलों को वीरता का पाठ पढ़ा रही हैं। आतंकवाद के खात्मे के दौरान राज्य के कई जांबाजों ने देश के लिए कुर्बानियां दी हैं। जम्मू संभाग के सांबा के शहीद नायक राजेंद्र सिंह की पत्नी रजनी कुमारी व रामबन के लांस नायक रंजीत सिंह की पत्नी शिमू देवी के जीवन का एकमात्र मकसद बच्चों में पिता की तरह बहादुरी का जज्बा भरना है। दोनों वीरनारियां कैप्टन तुषार महाजन के शहीद दिवस पर अभिनव सभागार में अपने छोटे बच्चे लेकर पहुंचीं थीं। जम्मू कश्मीर में ऐसी सैकड़ों वीरनारियां हैं जो पतियों के शहीद होने के बाद अपने दम पर बच्चों को पढ़ा लिखाकर कामयाब बनाने की जद्दोजहद कर रही हैं।

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शिमू देवी की सवा साल की बेटी पिता के शहीद होने के दो एक दिन बाद हुई थी। रामबन जिले के सुलगाम के लांस नायक रंजीत सिंह 21 अक्टूबर 2018 को सुंदरबनी में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हुए बैट हमले को नाकाम बनाते हुए शहीद हुए थे। सांबा के शहीद नायक राजेंद्र सिंह की पत्नी रजनी कुमारी भी करीब दो साल के अपने बेटे के साथ कार्यक्रम में आई थी। नायक राजेंद्र सिंह कश्मीर के मच्छल में पाकिस्तान गोलाबारी का जवाब देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे।

दर्द सांझा करने वाले महिलाओं का कहना है कि जीवन का एक मात्र मकसद बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर पिता की तरह देशभक्त बनाना है। कार्यक्रम में सात वीर नारियों ने हिस्सा लेकर संदेश दिया कि वे चुनौतियां का सामना कर अगली पीढ़ी को देश के लिए तैयार कर रही हैं। एक दूसरे से मिलकर उन्हें यह महसूस हुआ कि वे अकेली नही हैं। बच्चों को पालने के साथ उनके कंधों पर नई पीढ़ी को शहीदों के योगदान के प्रति जागरूक बनाने की जिम्मेदारी है।

कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना ने कहा कि माएं ही सूरमा बनाती है। बचपन से पढ़ाए जा रहे उनके पाठ पर अमल करने वाले ही देश पर कुर्बान होने का जज्बा रखते हैं। माता ने शहीद भगत सिंह में बहादुरी भरी थी। निर्मल खन्ना ने शहीद कैप्टन तुषार महाजन की माता आशा रानी की सराहना की कि किस तरह से वे अपने पित के साथ मिलकर शहीदों की कुर्बानियों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। 

शहादतों को जिंदा रखे हैं शहीदों के परिवार, फिर गूंजे बहादुरी के किस्से

पांपोर के एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (ईडीआइ) परिसर में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए कैप्टन तुषार महाजन की शहीदी दिवस पर 11 शहीदों की बहादुरी के किस्से गूंजे। जम्मू संभाग के ऊधमपुर जिले का नाम रोशन करने वाले स्पेशल फोर्स (9 पैरा) के कैप्टन तुषार महाजन के चौथे शहीदी दिवस पर शुक्रवार शाम जम्मू के अभिनव सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर में आतंकियों, पाकिस्तानी की गोलाबारी में शहीद हुए सेना व सुरक्षाबलों के जवानों के परिजनों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर देश पर कुर्बान होने वाले कर्नाटक के मैसूर के सेना के मेजर मोहम्मद शफीक खान घोरी की पत्नी सलमा घोरी, स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना, डोडा के निवासी डीएसपी अमन ठाकुर की पत्नी सरला देवी, अखनूर के खौड़ के नायक कृष्ण लाल की पत्नी शशि देवी, सांबा के नायक राजेन्द्र सिंह की पत्नी रजनी कुमारी, रामबन के लांस नायक रंजीत सिंह की पत्नी शिमू देवी, प्लांवाला के राइफलमैन रजत बासन के पिता रतन लाल, सांबा के शहीद राइफलमैन वरुण काटल के पिता सूबेदार अंचल सिंह व पुलवामा में शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के हेड कांस्टेबल नसीर अहमद की पत्नी शाजिया कौसर को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में शहीद सैनिकों व सुरक्षाकर्मियों के साथ किश्तवाड़ में आतंकियों की गोलियों का निशाना बने भाजपा नेता अनिल परिहार व उनके भाई अजीत परिहार को भी याद किया गया। अनिल परिहार की पत्नी नीलम परिहार, भाई रंजीत सिंह व बड़ी बहन अनूप परिहार को भी सम्मानित किया गया। अमर शहीद कैप्टन तुषार महाजन ट्रस्ट के इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा व विशेष अतिथि ने परिजनों को सम्मानित किया। कार्यक्रम का आयोजन शहीद तुषार महाजन के पिता व ट्रस्ट के चेयरमैन देवराज गुप्ता, शहीद की माता आशा रानी की देखरेख में हुआ।


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