कचरे का जहरीला धुआं बना रहा लोगों को बीमार
कचरे में लगा रहे आग फैल रहा जहरीला धुआं
अंचल सिंह, जम्मू
स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी रैंकिग को बढ़ाने के लिए प्रयासरत जम्मू नगर निगम के अधीन बहुत से क्षेत्रों में कचरे को आग लगाने की घटनाएं हो रही हैं। आए दिन किसी न किसी क्षेत्र में कचरे में आग लगा दी जाती है। यह तब हो रहा है जब निगम ने कचरे को आग लगाने पर पाबंदी लगा रखी है। इतना ही नहीं पांच हजार रुपये तक का जुर्माना भी निर्धारित किया है, इसके बावजूद कचरे को जलाने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। सबसे घातक यह है कि निगम के बड़े कूड़ेदानों में ही आग लगा दी जा रही है। कचरा जलाने से निकलने वाला धुआं शहर के लोगों को बीमार बना रहा है।
सूत्रों की मानें तो अक्सर निगम के वार्डों में तैनात कर्मचारी ही आग लगा देते हैं। स्थानीय लोग भी जब कचरा उठाने में देरी होती है तो कचरे के ढेर को आग के हवाले कर देते हैं। ऐसे में कचरे से निकलने वाला धुआं लोगों के फेफड़े में जाकर उनको बीमार बना रहा है। ताज्जुब है यह सब सरेआम होता है, लेकिन निगम के अधिकारियों को यह सब नजर नहीं आता है। नगर निगम के अधिकारी भी फिलहाल ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती करने में नाकाम ही नजर आ रहे हैं। अलबत्ता आए दिन आग लगाने की घटनाएं सामने नहीं आतीं। कुछ छोटे प्लास्टिक के कूड़ेदानों में भी आग लगा देने तथा इनके पिघल जाने के जानकारी प्राप्त हुई है।
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी देश में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध लगाते हुए जुर्माना लगाने का आदेश केंद्र तथा राज्य सरकारों को दिया है। ट्रिब्यूनल ने 5 हजार से 25 हजार रुपये तक जुर्माना भी निर्धारित किया है। इसके बावजूद नगर निगम इस पर लगाम नहीं लगा रहा है।
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सफाई कर्मचारी को किया सस्पेंड
जागरण संवाददाता, जम्मू : म्यूनिसिपल कमिश्नर अवनी लवासा व हेल्थ ऑफिसर डॉ. सुरेश गुप्ता ने छन्नी रामा का दौरा करते हुए बुधवार को वहां कचरे में आग लगी देखी। कचरे में आग लगी देख अधिकारियों ने कर्मचारियों को फटकार लगाई और आग की वजह जानी। तब पता चला कि क्षेत्र के सफाई कर्मचारी ने यह हरकत की। इस पर कमिश्नर ने संबंधित सफाई कर्मचारी को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए। उन्होंने चेताया कि कोई भी कर्मचारी अगर कचरे में आग लगाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। लोगों को भी बख्शा नहीं जाएगा। यह प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है।
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पक्षाघात का शिकार बना सकता है धुआं
यदि कहीं कचरे के ढेर में आग लगी है और आप उसके पास दस मिनट खड़े रहते हैं तो फेफड़े में फास्फोरस और कार्बन जमने लगता है। यह खून में घुलकर लाल दाने और जलन उत्पन्न करती है। एक घंटे में खून में घुलकर दिमाग पर विपरीत असर डालती है। एक घंटे गैस शरीर में जाए, तो लोग बेहोश या पक्षाघात का शिकार हो सकते हैं। सड़ा हुआ कचरा जलाना और ज्यादा खतरनाक होता है। साथ ही जल रहे कई रासायनिक पदार्थों से हवा के साथ मिट्टी व भूमिगत जल भी जहरीले होने लगते हैं। यह इतना खतरनाक है कि इस गैस की मौजूदगी से आसपास के क्षेत्रों में ऑक्सीजन की मात्रा 75 प्रतिशत तक कम हो जाती है। नतीजा, पेड़ सूखते हैं और छोटे जीव जंतु भी मर जाते हैं। लोग कई तरह के रोग के शिकार हो सकते हैं। --------------
कचरे के ढेर में आग लगाने एवं नाले में सड़ रहे कचरे से हानिकारक गैस मीथेन, सल्फर, कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड निकलते हैं, जिससे ओजोन को क्षति पहुंचती है। ये गैसें मानव शरीर के लिए खतरनाक व जानलेवा हैं। इससे कैंसर, जेनेटिक डिजीज, चर्म रोग, सांस की बीमारी, एनिमिया, दंत रोग, दमा, टीबी जैसी बीमारी हो सकती है।
-डॉ. संजीव ढींगरा, चिकित्सक, एसएमजीएस अस्पताल ----------
कचरे में आग लगाना अपराध है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। चाहे वह व्यक्ति नगर निगम का कर्मचारी हो या फिर स्थानीय निवासी। हम ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो कचरे को आग लगाने में दोषी पाए जाएंगे। हेल्थ ऑफिसर सहित अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन घटनाओं को गंभीरता से संज्ञान लें। लोग भी इसमें निगम का सहयोग करें।
-अवनी लवासा, म्यूनिसिपल कमिश्नर, जम्मू
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कचरे को आग लगाने पर प्रतिबंध हैं। इस मामले में 500 से 5000 रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है। एनजीटी के निर्देश भी हैं। इसी कड़ी में हमने छन्नी रामा में एक कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है। ऐसे ही आगे भी सख्ती की जाएगी। किसी को भी आग लगाते देखें तो नगर निगम अधिकारियों को सूचित करें। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। लोग भी ध्यान रखें। यह प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण होता है।
-डॉ. सुरेश गुप्ता, हेल्थ ऑफिसर, जम्मू नगर निगम