ई-वे बिल पर सख्ती शुरू, व्यापारी परेशान
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जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-कश्मीर में मोबाइल 2जी इंटरनेट सेवा शुरू होने के बाद स्टेट टेक्सेस विभाग ने ई-वे बिल पर दी छूट को वापस ले लिया है। जनवरी के बाद ई-वे बिल फिर से लागू कर दिया गया था, लेकिन अब विभाग ने इसे लेकर सख्ती शुरू कर दी है। मंगलवार को विभागीय कार्रवाई में कुछ गाड़ियों को बिना ई-वे बिल रोका भी गया।
अगस्त के बाद यह पहला मौका था जब विभाग ने बिना ई-वे बिल सामान ले जाते वाहनों को रोका। विभाग की इस कार्रवाई से व्यापारियों में अच्छा-खासा रोष है और उनका कहना है कि 2जी सेवा से मोबाइल पर विभाग की वेबसाइट ठीक से काम नहीं करती और वे ई-वे बिल नहीं बना पा रहे। ऐसे में विभाग को 4जी सर्विस शुरू होने तक यह छूट बहाल रखनी चाहिए।
ई-वे बिल की व्यवस्था जीएसटी लागू होने के बाद प्रभावी बनाई गई थी, जिसके तहत अगर 50 हजार से अधिक मूल्य का कोई भी सामान एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है तो उसके लिए सामान का बिल व अन्य दस्तावेज होने के साथ ई-वे भी रखना अनिवार्य है। ई-वे बिल ऑनलाइन बनता है, जिसमें सामान की विस्तृत जानकारी व मूल्य के साथ गाड़ी का नंबर दर्ज होता है। राज्य में इंटरनेट बंद होने से व्यापारियों व उद्योगपतियों को ई-वे बिल बनाने में दिक्कत पेश आ रही थी। सबसे अधिक परेशानी जम्मू के थोक व्यापारियों को पेश आ रही थी। लिहाजा विभिन्न व्यापारिक व औद्योगिक संगठनों ने इस मुद्दे को टेक्सेस विभाग के कमिश्नर आरके भट्ट के समक्ष उठाया था। व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए विभाग ने ई-वे बिल पर छूट दी थी, जिसे अब वापस ले लिया गया है। अगर ई-वे बिल को मौजूदा हालात में जरूरी बना दिया गया तो राज्य के विभिन्न हिस्सों में राशन व अन्य सामग्री की सप्लाई प्रभावित होगी। जम्मू में 90 प्रतिशत व्यापारी ऐसे हैं जो सिमकार्ड आधारित वाईफाई से कंप्यूटर पर इंटरनेट चलाते हैं। सरकार ने केवल 2जी सर्विस शुरू की है। यह काफी धीमी है। इस कारण वे ई-वे बिल नहीं बना पा रहे। जब तक 4जी सर्विस शुरू नहीं होती, ई-वे बिल पर छूट बरकरार रहनी चाहिए। अगस्त के बाद जम्मू के व्यापारी पहले से ही काफी नुकसान झेल चुके हैं। कश्मीर में व्यापारियों का करोड़ों रुपया फंसा है, जिसे दिलवाने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही। इसके विपरीत अब ई-वे बिल को लेकर प्रताड़ना शुरू कर दी गई है। अगर सरकार का जम्मू के व्यापारियों के प्रति यही रवैया रहा तो उन्हें विवश होकर दुकानों पर ताला लगाकर सड़क पर आना पड़ेगा।
-दीपक गुप्ता, महासचिव ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाऊस-नेहरू मार्केट व्यापारी ही प्रभावित होता है। खुदरा कारोबार में अक्सर 50 हजार से नीचे का ही काम होता है। अब हर थोक दुकानदार के पास तो ब्राडबैंड कनेक्शन नहीं। पहले हम मोबाइल के हॉटस्पाट पर कंप्यूटर चलाते थे और आसानी से बिल जनरेट हो जाता था, लेकिन मौजूदा 2जी सेवा में यह संभव नहीं हो पा रहा। सरकार को व्यवहारिक परेशानियों को समझना चाहिए। जीएसटी में हर सामान की खरीद-फरोख्त बिल के आधार पर होती है। जब से इंटरनेट बंद हुआ है, हम जो भी सामान भेजते हैं, उसके बिल की कापी साथ होती है। ऐसे में ई-वे बिल मांगे जाने का कोई औचित्य नहीं। विभाग अकारण व्यापारियों को परेशान कर रहा है। बेहतर होगा कि व्यवहारिक परेशानियों को समझते हुए हालात पूरी तरह से सामान्य होने व 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल होने तक ई-वे बिल को लेकर कठोरता न बरती जाए।
-मुनीष महाजन, उप-प्रधान ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाऊस-नेहरू मार्केट पूरे जम्मू-कश्मीर में 2जी मोबाइल सेवा शुरू हो चुकी है। हमने पूरे महीने 2जी सेवा पर अपनी वेबसाइट पर ई-वे बिल बनाने का प्रयोग किया है। हमें कोई दिक्कत नहीं आई। पिछले महीने करीब तीन हजार ई-वे बिल जनरेट भी हुए हैं। हमने प्रक्रिया सामान्य होते देख ही मार्केट चेकिग शुरू की है। मेरे हिसाब से ई-वे बिल बनाने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। इसके बावजूद अगर किसी को कोई दिक्कत आ रही है तो वह विभाग से संपर्क कर सकता है। विभाग हर तरह के सहयोग के लिए तैयार है लेकिन ई-वे बिल जीएसटी कानून का अहम प्रावधान है। इंटरनेट प्रतिबंध को देखते हुए विशेष छूट दी गई थी जिसे अब वापस ले लिया गया है।
-आरके भट्ट, कमिश्नर जेएंडके टैक्सेस विभाग