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Jammu Kashmir Panchayat Byelection: पीडीपी ने किया मुख्य निर्वाचन अधिकारी की सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार, अन्य पार्टियों से चर्चा जारी

बैठक में जम्मू कश्मीर की क्षेत्रीय पंजीकृत राजनीतिक पार्टियों और राष्ट्रीय दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है। बैठक मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में होगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 11:18 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 01:09 PM (IST)
Jammu Kashmir Panchayat Byelection: पीडीपी ने किया मुख्य निर्वाचन अधिकारी की सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार, अन्य पार्टियों से चर्चा जारी
Jammu Kashmir Panchayat Byelection: पीडीपी ने किया मुख्य निर्वाचन अधिकारी की सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार, अन्य पार्टियों से चर्चा जारी

जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में होने वाले पंचायत उपचुनावों को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार की तरफ से बुलाइ गइ सर्वदलीय बैठक का पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने बहिष्कार कर दिया। पीडीपी के पूर्व एमएलसी सुरेंद्र चौधरी और वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे। दोनों नेताओं ने यह कहते हुए बहिष्कार कर दिया कि पार्टी की प्रधान महबूबा मुफ्ती समेत कई वरिष्ठ नेता नजरबंद हैं। ऐसे में पीडीपी उपचुनाव में कैसे भाग ले सकती है। बैठक का बहिष्कार करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि डेढ़ साल पहले पंचायत चुनाव गैर राजनीतिक आधार पर करवाए गए थे और अब चुनाव राजनीतिक आधार पर करवाए जाने का मामला समझ नहीं आ रहा है। जब उनके नेता ही नजरबंद हैं तो पार्टी के उम्मीदवार कैसे तय किए जा सकते हैं। ये चुनाव लोगों के साथ धोखा है।

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वहीं दूसरी तरफ मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ बैठक करीब 12 बजे शुरू हुई जो इस समय चल रही है। बैठक में कांग्रेस की तरफ से उनके प्रवक्ता रवीन्द्र शर्मा, पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्ष देव सिंह, नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता रतन लाल गुप्ता और भाजपा के राजेंद्र शर्मा भाग ले रहे हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता ने यह पहले ही कह दिया है कि उपचुनाव की घोषणा के बाद बैठक करवाए जाने का औचित्य समझ नहीं आ रहा है। अगर बैठक करवाई जानी थी तो यह उपचुनाव की घोषणा से पहले होनी चाहिए थी। यह बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता रतन लाल गुप्ता ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ने को तैयार है लेकिन पहले उनके नेताओं को रिहा किया जाए और उनके आने-जाने पर पाबंदी को हटाया जाए। कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस यह कह रही है कि जब उनके नेताओं पर पाबंदियां हैं तो वे प्रचार कैसे कर सकते हैं। उम्मीदवारों का चयन भी संभव नहीं है।

दरअसल, जम्मू कश्मीर के इतिहास में पहली बार पंचायत चुनाव दलीय आधार पर कराए जा रहे हैं। मसलन, उम्मीदवार अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न के साथ चुनाव मैदान में होंगे। चुनाव चिह्न के आधार पर वोट डाले जाएंगे और पार्टी की रणनीति बताते हुए उम्मीदवार मतदाताओं के पास वोट मांगने जाएंगे। जम्मू कश्मीर में आठ चरणों में पंचायत उप चुनाव कराए जाने हैं। ये चुनाव जम्मू कश्मीर में खाली पड़ी पंचायतों में कराए जाएंगे। कुल 1011 सरपंच और 11639 पंच चुने जाने हैं।


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