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यात्रा मार्ग पर किसी भी तरह के खतरे को पहले ही भांप लेंगे तैनात किए गए 200 अत्याधुनिक बुलेट प्रूफ वाहन

वाहनों में विस्फोटकों का पता लगाने वाले सेंसर व आसपास की गतिविधियों की निगरानी के लिए उच्च क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित हैं। यह वाहन मैदानी दलदली रेतिले और पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से आ जा सकते हैं।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 08:23 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 08:23 PM (IST)
यात्रा मार्ग पर किसी भी तरह के खतरे को पहले ही भांप लेंगे तैनात किए गए 200 अत्याधुनिक बुलेट प्रूफ वाहन
यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए उपयोग किए जा रहे रक्षा उपकरणों कुछ इस्रायल से आयात किए गए हैं।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : श्री अमरनाथ यात्रा को आतंकी खतरे और स्टिकी बम के हमले से पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए तैयार सुरक्षा कवच में लगभग 200 अत्याधुनिक बुलेट प्रूफ वाहन शामिल किए गए हैं। इन वाहनों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने मेें समर्थ जवान आवश्यक साजो सामान के साथ मुस्तैद रहेंगे। इन वाहनों में विस्फोटकों का पता लगाने वाले सेंसर व आसपास की गतिविधियों की निगरानी के लिए उच्च क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित हैं। यह वाहन मैदानी, दलदली, रेतिले और पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से आ जा सकते हैं। यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए उपयोग किए जा रहे रक्षा उपकरणों कुछ इस्रायल से आयात किए गए हैं।

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पांच अगस्त, 2019 को लागू जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू होने के बाद श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा पहली बार हो रही है। वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 से उपजे हालात में यह तीर्थयात्रा नहीं हो पायी थी। इस वर्ष तीर्थयात्रा में आठ लाख के करीब श्रद्धालुओं के भाग लेने की उम्मीद है। कश्मीर में सुधरते हालात से हताश आतंकी संगठनों ने तीर्थयात्रा पर हमले की धमकी दे रखी है। सभी संबंधित सुरक्षाधिकारियों ने स्वीकार किया है कि इस वर्ष तीर्थयात्रा पर आतंकी हमले का खतरा पिछले वर्षाें की तुलना में ज्यादा है। इसलिए सुरक्षाप्रबंध पहले से कहीं ज्यादा हैं।

तीर्थयात्रा के सुरक्षा प्रबंधों में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीपीआर (डीप पेनट्रेटिंग राडार) और उच्च क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरों और अत्याधुनिक सेंसरों से लैस लगभग 200 बुलेट प्रूफ वाहन पूरे यात्रा मार्ग पर चिह्नित स्थानों पर तैनात किए गए हैं। लखनपुर-जम्मू-बनिहाल-अनंतनाग-श्रीनगर-बालटाल सेक्शन पर तैनात इन वाहनों की मजबूती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 25 किलो की आइईडी या इसके बराबर काेई बारूदी सुरंग से हुए विस्फोट से यह क्षतिग्रस्त नहीं होगा। इन वाहनों में लगे सेंसर और जैमर आस-पास के इलाकों में रिमोट संचालित आइईडी व अन्य विस्फोटकों का पता लगाने में समर्थ हैं।

इन वाहनों में लगा डीपीआर जमीन के नीचे दबी बायदी सुरंगों और आइईडी का भी आसानी से पता ला सकता है। इनमें स्थापित सीसीटीवी कैमरे 360 डिग्री पर घूमते हुए किसी भी मौसम में दिन हो या रात आस पास के माहौल की स्पष्ट तस्वीरें और फुटेज रिकार्ड कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह वाहन स्टिकी बम के खतरे से निपटने में पूरी तरह समर्थ हैें, क्योंकि यह जिस जगह से गुजरेंगे वहां आस पास बिछाए गए किसी भी विस्फोटक का पता लगा सकते हैं। यह वाहन तीर्थयात्रा के सुरक्षा कवच को पूरी तरह अभेद्य बनाने और स्टिकी बम के खतरे की आशंका से निपटने के लिए बीते कुछ महीनों में ही मंगवाया गया है।

रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने उपलब्ध करवाए ये वाहन : ये वाहन रक्षा मंत्रालय और केंद्रीय गृहमंत्रालय ने विशेष तौर पर उपलब्ध कराए हैं। इसके अलावा ड्रोन हमलों को नाकाम बनाने के लिए यात्रा मार्ग पर एंटी ड्रोन प्रणाली का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। विस्फोटकों व अन्य अवांछित वस्तुओं का पता लगाने में प्रशिक्षित करीब 130 खोजी कुत्ते भी यात्रा की सुरक्षा में लगाए गए हैं। यह खोजी कुत्ते सेना, पुलिस, सीआरपीएफ, आइटइीबीपी और बीएसएफ के श्वान दस्तों से उनके हैंडलरों समेत प्राप्त किए गए हैं। यह खोेजी कुत्ते नियमित अंतराल पर यात्रा मार्ग पर आरओपी दस्ते के साथ जहां गश्त कर रहे हैं, वही आधार व यात्री शीविरों में भी इन्हें तैनात किया गया है।


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