पाक गोलाबारी से 20 हजार ग्रामीणों का पलायन
गांव तो खाली हो हीं गए हैं, अब तो पाकिस्तान के साथ आरपार की लड़ाई हो ही जानी चाहिए।
जम्मू,[ राज्य ब्यूरो]। पाकिस्तान की भारी गोलाबारी के चलते अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे दो जिलों जम्मू व सांबा से पिछले दो दिन मे करीब 20 हजार ग्रामीण पलायन कर अपने रिश्तेदारों व सरकार की ओर से बनाए गए राहत शिविरों मे आ गए है। आधिकारिक तौर पर पलायन करने वाले लोगों का आंकड़ा तो नहीं आया है, लेकिन पूरी व्यवस्था देख रहे अधिकारियों के अनुसार, सीमा पार से गोलाबारी अगर ऐसे ही जारी रही तो पलायन करने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। अरनिया मे पांच किलोमीटर के दायरे मे सीमांत स्कूल पहले से बंद है और क्षेत्र मे अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
पाकिस्तान की नापाक हरकतो को देखते हुए शुक्रवार दिन चढ़ते ही ग्रामीण जान बचाने के लिए घरों से दूर आ गए। गोलाबारी से प्रभावित करीब 25 गांवों मे अब चंद लोगो ही बचे है। अधिकतर लोगों ने सुरक्षित ठिकानों पर शरण ले ली है। बिश्नाह के सलैहड़ गांव के हायर सेकेडरी स्कूल मे करीब 100 ग्रामीण ठहरे हुए हैं। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने इस राहत शिविर का दौरा कर लोगों का हौसला बढ़ाया।
सीमांत क्षेत्रो से परिवार सहित पलायन कर आए बिशन दास ने कहा कि क्या करते, गांव व घरों पर बम गिर रहे है। मरने से तो अच्छा है पीछे आ जाएं। पलायन कर आई 70 वर्षीय विमला देवी ने कहा कि अब इस उम्र मे घर छोड़ने मे बहुत दुख होता है, लेकिन क्या करे, लाचार है। पास खड़े युवा मनोज ने कहा कि गांव तो खाली हो हीं गए हैं, अब तो पाकिस्तान के साथ आरपार की लड़ाई हो ही जानी चाहिए। गोलाबारी ने हमारा भविष्य ही चौपट कर दिया है। बता दे कि पुलिस ने गत वीरवार को भी पाक गोलाबारी के बीच गुज्जर समुदाय के 40 परिवारों सहित करीब 727 सीमांत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था।