श्रीनगर पहुंचीं इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए नहीं लगे प्वाइंट Kashmir News
जम्मू-कश्मीर स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (जेकेएसआरटीसी) द्वारा हाथ खड़े करने के बाद टाटा मोटर्स ने श्रीनगर के लिए आई 20 इलेक्ट्रिक बसों को श्रीनगर पहुंचा तो दिया
जम्मू, विकास अबरोल । जम्मू-कश्मीर स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (जेकेएसआरटीसी) द्वारा हाथ खड़े करने के बाद टाटा मोटर्स ने श्रीनगर के लिए आई 20 इलेक्ट्रिक बसों को श्रीनगर पहुंचा तो दिया, लेकिन अभी तक चार्जिग प्वाइंट तक नहीं लगाए गए हैं। ये बसें दो महीने में श्रीनगर पहुंच पाई हैं। यह हाल तब है जब इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनी ने तीन महीने पहले ही श्रीनगर के लिए चार फास्ट चार्जर उपलब्ध भी करा दिए थे। जेकेएसआरटीसी प्रबंधन के सुस्त रवैये के चलते इन बसों के चलने के लिए अगले महीने का इंतजार करना पड़ेगा।
जम्मू में 27 मई को रेलवे स्टेशन से कटड़ा के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू हो गई थी। इसके बाद कॉरपोरेशन का अगला लक्ष्य श्रीनगर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का था। अंतिम समय में कॉरपोरेशन ने इलेक्ट्रिक बस को श्रीनगर पहुंचाने में असमर्थता जताई।
काफी मशक्कत के बाद बसों को श्रीनगर पहुंचाया गया
टाटा मोटर्स के सीनियर मार्केटिंग मैनेजर संजय चौधरी ने बताया कि काफी मशक्कत के बाद बसों को श्रीनगर पहुंचा दिया गया है। एक बार चार्ज होने में इलेक्ट्रिक बस 150 किलोमीटर की दूरी तय करती है। ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग पर डीजी सेट और पोर्टेबल मोबाइल चार्जर की मदद से चंद्रकोट और काजीकुंड में दो मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट बनाए गए। इसके बाद श्रीनगर में बसों को पहुंचाया गया।
उन्होंने बताया कि कंपनी ने फास्ट चार्जर काफी समय पहले कॉरपोशन को उपलब्ध करा दिए हैं। इन्हें श्रीनगर के बेमिना और लाल चौक में लगाया जाना है। चार्जिंग प्वाइंट के लिए 11 केवी लाइन को स्टेप डाउन कर ट्रांसफार्मर लगाने की जरूरत है। जब तक ऐसा नहीं किया जाता तब तक इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर दौड़ना नामुमकिन है।
अगले सप्ताह तक चार्जिंग प्वाइंट काम करना शुरू कर देंगे
एसआरटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर बिलाल भट्ट ने बताया कि चार्जिंग प्वाइंट के लिए 11 केवी लाइन और ट्रांसफार्मर की जरूरत है। इसके लिए बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर से बात कर ली गई है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक चार्जिंग प्वाइंट काम करना शुरू कर देंगे। इसके बाद बसों को सड़कों पर उतार दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मई के पहले सप्ताह में बसों को ट्रेलर के माध्यम से श्रीनगर ले जाने का प्रयास किया गया था, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण यह प्रयास असफल रहा। इसके बाद एसआरटीसी प्रबंधन ने अपने हाथ खड़े किए थे। ऐसी स्थिति में कारपोरेशन ने एक बार फिर से टाटा कंपनी को इलेक्ट्रिक बसें श्रीनगर पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
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