घर से बिरयानी लेने निकले लियाकत की हिरासत में मौत, दो कांस्टेबल निलंबित
राजौरी का रहने वाला लियाकत जानीपुर में अपने बड़े भाई एडवोकेट अशफाक के साथ रहता था। लियाकत ने राजौरी में एक गिफ्ट गैलरी बनाई थी। इसका कुछ दिन बाद उद्घाटन होना था।
जागरण संवाददाता, जम्मू : मीरां साहिब पुलिस की कथित हिरासत में जानीपुर निवासी लियाकत अली (30) की मौत के मामले में थाने के दो कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया गया। यही दोनों कांस्टेबल लियाकत को जानीपुर से पकड़ कर मीरां साहिब ले गए थे। परिजनों का आरोप है कि पुलिस उत्पीड़न के कारण लियाकत की जान गई।
उधर, जीएमसी में रविवार को भारी तनाव के बीच डॉक्टरों के बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान पुलिस के आला अधिकारी भी वहां पर मौजूद रहे जिन्हें लियाकत के परिजनों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। लियाकत की शनिवार को पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मूलत: राजौरी का रहने वाला लियाकत जानीपुर में अपने बड़े भाई एडवोकेट अशफाक के साथ रहता था। अशफाक का आरोप है कि पुलिस ने लियाकत को धोखे से पकड़ा और उसकी हत्या कर दी। उन्होंने लियाकत के नशा तस्करी में लिप्त होने से इन्कार करते हुए कहा कि वह ऐसा कोई काम नहीं करता था। पुलिस उस पर झूठे आरोप मढ़ रही है।
पोस्टमार्टम के दौरान जीएमसी के शवगृह के बाहर लियाकत के परिजनों का तांता लगा रहा। इससे वहां पर तनाव की स्थिति बनी रही। पोस्टमार्टम के दौरान जीएमसी में एसपी हेडक्वार्टर फारूक केसर भी मौजूद थे। उन्होंने लियाकत के परिजनों को आश्वासन दिया कि इस मामले की विभागीय जांच करवाई जा रही है। अगर कोई पुलिसकर्मी दोषी साबित हुआ था तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी हेड क्वार्टर के इस आश्वासन के बाद भी मृतक के परिजन नहीं माने। उन्होंने लियाकत को जानीपुर से उठाकर ले जाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मौंग की। कांस्टेबलों के खिलाफ विभागीय जांच भी इस मामले में एसपी हेड क्वार्टर फारूक केसर ने मीरां साहिब पुलिस स्टेशन में दो कांस्टेबलों मनप्रीत ¨सह और सुलखन सिंह को निलंबित कर दिया है।
लियाकत को जानीपुर से हिरासत में लेने और उसे मीरां साहिब थाने ले जाने के समय दोनों कांस्टेबल मौजूद थे। वहीं निलंबित हुए दोनों कांस्टेबलों ने अपने अधिकारियों को बताया कि जब वे लियाकत को थाने लेकर पहुंचे ही थे तो उसने सीने में दर्द की शिकायत की। इसके बाद उसे तुरंत जीएमसी अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत लाया घोषित कर दिया। निलंबित हुए दोनों कांस्टेबलों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश भी जारी किए गए हैं। एसपी हेड क्वार्टर फारूक केसर का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है। परिजनों के आरोपों की भी जांच जारी है।
बिरयानी लेने निकला था लियाकत
लियाकत के बड़े अशफाक ने बताया कि वह शनिवार दोपहर कोर्ट से अपने घर जानीपुर पहुंचे। उस समय लियाकत घर में ही मौजूद था। उन्होंने ही उसे बाहर से बिरयानी लाने भेजा था। वह स्कूटी लेकर करीब दो बजे घर से निकला था। जब आधा घंटा तक वापस नहीं पहुंचा तो उन्होंने लियाकत के फोन पर कॉल की। फोन स्विच ऑफ था। वह परेशान हो गए क्योंकि लियाकत अपना फोन बंद नहीं करता था। वह उसका घर वापसी का इंतजार कर रहे थे कि करीब दो घंटे बाद उन्हें सूचना मिली कि लियाकत की पुलिस की हिरासत में मौत हो गई है। यह सुनते ही वह घर से सीधे जीएमसी के लिए निकले तो पता चला कि उसे जानीपुर से पुलिस पकड़ कर ले गई थी। उसकी स्कूटी भी सड़क किनारे पड़ी थी।
अशफाक का आरोप है कि पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से उसके भाई को पकड़ा और उसकी हत्या कर दी। अशफाक के अनुसार लियाकत के शरीर पर चोटों के निशान भी मिले हैं। उसके कपड़े भी फटे हुए थे और शरीर पर रेत भी लिपटी मिली है जो उसके साथ टार्चर का सबूत पेश कर रहे हैं।
राजौरी में बना रहा था गिफ्ट गैलरी
लियाकत ने राजौरी में एक गिफ्ट गैलरी बनाई थी। इसका कुछ दिन बाद उद्घाटन होना था। इस गिफ्ट गैलरी का लगभग काम पूरा हो चुका था। सामान भी मंगवा लिया था लेकिन उद्घाटन से पहले ही उसकी मौत हो गई। लियाकत के परिजनों ने बताया वह अपने काम के शुरू होने से काफी खुश था लेकिन उससे पहले ही उसकी मौत हो गई।