कश्मीर में तेजी से सामान्य हो रहे हालात, आतंकी संगठनों में भी नहीं हो रही नई भर्ती Srinagar News
लोग भी कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने में पूरा सहयोग कर रहे हैं। इसलिए प्रशासनिक पाबंदियों में राहत को बढ़ाया जा रहाहै।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बुधवार को कश्मीर में सामान्य स्थिति के तेजी से बहाल होने का दावा करते हुए कहा कि पाकिस्तान राज्य में हालात बिगाड़ने के लिए हर संभव साजिश कर रहा है, लेकिन वह अपने इरादों में कामयाब नहीं होगा। उन्होंने वादी में इंटरनेट पर पाबंदी के कुछ और समय जारी रहने का संकेत देते हुए कहा कि हालात लगातार सामान्य हो रहे हैं,इसके आधार पर प्रशासनिक पाबंदियों को भी घटाया जा रहा है। उन्होंने आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की नयी भर्ती से इंकार करते हुए कहा कि सरहद पार से लगातर घुसपैठ की कोशिशें हो रही हैं।
आज सुबह उत्तरी कश्मीर के सोपोर में सुरक्षाबलों द्वारा लश्कर आतंकी आसिफ मकबूल के मारे जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में पुलिस महानिदेशक ने कहा कि घाटी में तनाव के बावजूद हालात शांतिपूर्ण हैं। सोपोर में आज लश्कर कमांडर की मौत से लोगों ने राहत की सांस ली है। वह अपने ओवरग्राऊंड नेटवर्क के जरिए धमकी भरे पोस्टर जारी कर जबरन बंद लागू करा रहा था। उसने ही अपने साथियों संग मिलकर सोपोर फ्रूटमंडी का जबरन बंद कराया था।
वादी में तेजी से सामान्य हो रहे हालात
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रिवरोधी तत्वों की तमाम साजिशों और तनाव के बावजूद राज्य के तीनों प्रांतों में लोगों ने कानून व्यवस्था व शांति बनाए रखने में पूरा सहयोग किया है। राज्य में स्थिति लगभग सामान्य हो चली है। घाटी में भी जल्द ही हालात राज्य के अन्य भागोंं की तरह पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे। जम्मू प्रांत के सभी 10 जिलों में स्थिति पूरी तरह सामान्य है, सभी स्कूल कालेज खुल रहे हैं, बाजार खुल रहे हैं, सड़ककों पर आम लागों की आवाजाही सामान्य हो चुकी है। लेह व करगिल में भी हालात पूरी तरह सामान्य हैं और वहां किसी भी तरह की प्रशासनिक पाबंदी नहीं हैं। घाटी में भी 90 प्रतिशत इलाके में दिन की प्रशासनिक पाबंदियों को पूरी तरह हटाया जा चुका है। सड़कों पर नागरिक वाहनों की आवाजाही भी लगातार बड़ रह ही है। लोग भी कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने में पूरा सहयोग कर रहे हैं। इसलिए प्रशासनिक पाबंदियों में राहत को बढ़ाया जा रहा है।
सुरक्षाबलों ने बरता संयम, पत्थरबाजों के हमले में नागरिकों की मौत
राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा पांच अगस्त के बाद कानून व्यवस्था की 184 घटनाएं हुई हैं। इनमें भी पांच छह घटनाएं ही गंभीर प्रकृति की कही जा सकती हैं,अन्य छिट-पुट ही हैं। उन्होंने बतायाकि सुरक्षाबलों ने हिंसक प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के प्रयास के दौरान पूरा संयम बरता है। उन्होंने तीव्र उत्तेजना के बावजूद न्यूनतम बल प्रयोग किया है। इसी कारण सुरक्षाबलों की कार्रवाई में नागरिक मौतों से हम बचे हैं। सिर्फ डाऊन-टाऊन में एक एक पत्थरबाज की मौत हुई है । इसके विपरीत पत्थरबाजों के हमले में एक ट्रक चालक मारा गया, कई अन्य नागरिक जख्मी हुए हैं। इसी दौरान आतंकियों ने तीन नागरिकों की हत्या करने के अलावा पांच अन्य नागरिकों की हत्या का प्रयास भी किया है।
लोगों में डर पैदा करना चाहता है पाकिस्तान
राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि पाकिस्तान और आतंकी सरगना जम्मू कश्मीर के लोगों में डर पैदा करना चाहते हैं। वह यहां अफरा-तफरी का माहौल बनाए रखना चाहता हैं। अपने इस मंसूबे को पूरा करने के लिए वह हर संभव तरीका इस्तेमाल करते हैं। इसलिए कश्मीर में हालात को सामान्य होता देखा आतंकी कई जगह धमकी भरे पोस्टर जारी कर रहे हैं, कई जगह लोगों को उनके घरों में जाकर धमका रहे हैं,लेकिन हम जल्द ही इन्हें भी समाप्त कर देंगे। लोगों को एक सुरक्षित और विश्वासपूर्ण माहौल उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। इसे हम निभाएंगे।
घुसपैठ की लगातार हो रही कोशिश
पाकिस्तान की तरफ से भारतीय सीमा में आतंकियों द्वारा घुसपैठ की कोशिशों की पुष्टि करते हुए दिलबाग सिंह ने कहा कि राजौरी,पुंछ, मच्छल, गुरेज,करनाह समेत विभिन्न सेक्टरों में बीते एक माह से लगातार घुसपैठ के प्रयास हो रहे हैं। बार्डर और एलओसी पर तैनात जवानों ने इन्हें पूरी तरह नाकाम बनाया है। घु़सपैठ से संबधित कुछ खबरें प्राप्त हुई हैं। इनकी जांच की जा रही है।गुलमर्ग सब सेक्टर में सेना ने लश्कर ए ताईबा से जुड़े दो पाकिस्तानी आतंकियोंको भी पकड़ा है। एलओसी के पार पाकिस्तानी सेना की निगरानी में चलने वाले लांचिग पैडस पर बड़ी संख्या में आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं।
नहीं हो रही नयी भर्ती
राज्य पुलिस महानिदेशक ने कहा कि घाटी में पांच अगस्त के बाद आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की भर्ती से इंकार करते हुए कहा कि ऐसी कोई सूचना नहीं है। कुछ नौजवान गुस्से में,शरारती तत्वों के दुष्प्रचार से गुमराह होकर जरुर आतंकवाद की तरफ चले गए थे। उनमें से कईयों को हमने वापस मुख्यधारा में लाया है।