अब कटा चालान तो अदालत में ही होगा फैसला, ट्रैफिक पुलिस ने नाके लगाकर चालाना काटना शुरू किए Jammu News
पहले नियमों का उल्लंघन करने वालों से ट्रैफिक पुलिस खुद जुर्माना वसूल लेती थी और न्यूनतम जुर्माना वसूल कर लोगों को छोड़ दिया जाता था।
जम्मू, जागरण संवाददाता। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाए जाने का असर अब जम्मू में भी दिखने लगा है। जम्मू में भी ट्रैफिक पुलिस अब लोगों को जागरूक करने के साथ कुछ सख्त होती दिख रही है। पुलिस ने सड़कों पर नाके लगाकर चालान काटने शुरू कर दिए हैं लेकिन अब ट्रैफिक पुलिस कंपाउंड चालान नहीं बल्कि कोर्ट के चालान काट रही है। यानी पकड़े जाने पर अब कोर्ट फैसला करेगा कि कितना जुर्माना लगेगा और अपने जब्त दस्तावेज या गाड़ी को छुड़वाने के लिए लोगों को कोर्ट में जाना पड़ेगा।
पहले नियमों का उल्लंघन करने वालों से ट्रैफिक पुलिस खुद जुर्माना वसूल लेती थी और न्यूनतम जुर्माना वसूल कर लोगों को छोड़ दिया जाता था। अब नए नियम लागू होने के बाद जुर्माने में काफी बढ़ोतरी कर दी गई है। जम्मू में नए जुर्माने को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी की है। इसमें बताया गया है कि अब कितना जुर्माना चालान कटने पर भरना पड़ेगा। लोगों के साथ सड़क पर बहसबाजी न हो, ऐसे में ट्रैफिक पुलिस ने भी जुर्माने की अदायगी कोर्ट पर छोड़ दी है। मंगलवार को ट्रैफिक पुलिस ने जितने भी चालान काटे, सब कोर्ट के लिए ही थे।
नाकों पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का कहना था कि उन्होंने कंपाउंड चालान बंद कर दिए हैं। सिर्फ कोर्ट के ही चालान काट रहे हैं। हालांकि ट्रैफिक पुलिस अभी लोगों को संभलने का मौका दे रही है ताकि लोग गाड़ियों के दस्तावेज पूरे करें और नियमों का पालन करें। आने वाले दिनों में यहां पर भी दूसरे राज्यों की तरह चालान काटने में तेजी हो जाएगी।
इंश्योरेंस कंपनियों की भी हुई पौ बारह
ट्रैफिक जुर्माने की बढ़ोतरी का फायदा इंश्योरेंस कंपनियों को भी होने लगा है। ट्रैफिक पुलिस के जरा सा सख्त होते ही इंश्योरेंस कंपनियों के पास लोग अपनी गाडिय़ों के इंश्योरेंस करवाने के लिए पहुंचना शुरू हो गए हैं। इंश्योरेंस एजेंट भी व्यस्त दिखने लगे हैं। इंश्योरेंस एजेंट परमजीत सिंह का कहना है कि दस वर्ष से पुरानी गाड़ियों की काफी कम लोग इश्योरेंस करवाते थे। कई की इंश्योरेंस पॉलिसी तीन वर्ष से लंबित है। अब वे लोग इंश्योरेंस के लिए चक्कर काटने लगे हैं। उन गाड़ियों की इंश्योरेंस के लिए वेरीफिकेशन भी होगी। कंपनियों के पास थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के लिए ज्यादा लोग आ रहे हैं। पंद्रह वर्ष से पुरानी गाड़ी के लिए कुछ इंश्योरेंस कंपनियां भी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस ही कर रही हैं।
शहर के प्रदूषण जांच केंद्रों पर लगने लगी वाहनों की कतारें
ट्रैफिक नियमों के जुर्माने में बढ़ोतरी के बाद लोगों ने अब अपनी गाड़ियों के प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट भी बनवाने शुरू कर दिए हैं। प्रदूषण जांच केंद्रों पर गाड़ियों की कतार शुरू हो गई। लोग गाडिय़ों की जांच करवा कर सर्टिफिकेट भी बनवाने लगे हैं। पहले प्रदूषण जांच को ज्यादा महत्व नहीं देते थे। प्रदूषण जांच केंद्र भी सूने दिखते थे। इक्का-दुक्का गाड़ियां ही आती थीं। उनमें से भी अधिकतर वे लोग गाड़ियों की जांच के लिए आते थे जिन्हें दूसरे राज्यों में जाना होता था। चालान की राशि बढ़ने के बाद लोगों ने जांच करवाना शुरू कर दिया। पहले प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट न होने पर एक हजार रुपये जुर्माना था जो बढ़ाकर दस हजार हो गया है। ऐसे में लोगों को डर है कि इतना जुर्माना होने पर उसको अदा करना आसान नहीं होगा। चालान के डर से ही लोग अब प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र बनवाने लगे हैं। ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्रों पर भी अब गाड़ियों का आना शुरू हो गया है।
अब नहीं काटे जा रहे कंपाउंड चालान
ट्रैफिक पुलिस ने कंपाउंड चालान बंद कर दिए हैं। अब चालान की राशि कोर्ट तय करेगा। ट्रैफिक पुलिस कोर्ट के ही चालान कर रही है। अब वाहन चालकों को भी चाहिए कि वे यातायात व्यवस्था बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस का सहयोग करें। यह लोगों की सुरक्षा के लिए ही है। - जोगिंद्र सिंह, एसएसपी, ट्रैफिक