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जल संरक्षणः रियासी में पानी की बूंद-बूंद सहेज लिखी जाएगी खुशियों की नई कहानी Jammu News

इसके तहत 153 पंचायतों और वन विभाग की मदद से 14 हजार रिसते गड्ढे बनाए जा रहे हैं। इन गड्ढों से बारिश का पानी धरा के जलभंडार में रिसता रहेगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 05:52 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 05:52 PM (IST)
जल संरक्षणः रियासी में पानी की बूंद-बूंद सहेज लिखी जाएगी खुशियों की नई कहानी Jammu News
जल संरक्षणः रियासी में पानी की बूंद-बूंद सहेज लिखी जाएगी खुशियों की नई कहानी Jammu News

रियासी। बारिश की बरसती बूंदे अब आफत नहीं खुशहाली का पैगाम लाएंगी। एक-एक बूंद को धरा की सूख रही कोख में सहेजा जाएगा ताकि वह फिर अन्नपूर्णा बन धरतीपुत्रों के भंडार खुशियों से भर सकें। रियासी जिले में बारिश के पानी की बूंद-बूंद को सहेजने की महामुहिम का आगाज हो गया है।

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इसके तहत 153 पंचायतों और वन विभाग की मदद से 14 हजार रिसते गड्ढे बनाए जा रहे हैं। इन गड्ढों से बारिश का पानी धरा के जलभंडार में रिसता रहेगा। इस मुहिम के तहत इस मानसून सीजन में डेढ़ करोड़ लीटर जल संजोने का लक्ष्य रखा गया है।

रियासी की डीसी इंदु कंवल चिब ने प्रधानमंत्री जल संरक्षण के तहत इस मुहिम का आगाज किया। इससे बारिश का पानी बेकार नहीं जाएगा और उससे होने वाली परेशानियों से भी बचा जा सकेगा। इस मौके पर डीसी तथा मौजूद अन्य अधिकारियों व स्थानीय लोगों ने पौधरोपण भी किया।

दो फीट गहरा और तीन फीट लंबा होगा गड्ढा

रियासी जिले में लगभग 14 हजार परकोलेशन पिट (रिसते गड्ढे) बनाए जाएंगे। इसमें वर्षा के सीजन में लगभग डेढ़ करोड़ लीटर जल के संरक्षण का अनुमान है। प्रत्येक गड्ढा करीब दो फीट गहरा और तीन फीट लंबा व दो फीट चौड़ा होगा। इसके अलावा जल संरक्षण के लिए चेक डैम, नए तालाब बनाने के साथ ही पहले से बने तालाबों के रखरखाव भी किया जाएगा। इसमें सरकारी तंत्र व वालंटियर काम करेंगे।

वन विभाग ने कराई तालाबों की मरम्मत

योजना के पहले ही दिन डीएफओ अनिल कुमार अत्री व वन विभाग की टीम ने लोगों के सहयोग से भागा पंचायत में कई रिसते गड्ढों की खुदाई की और तालाबों की मरम्मत भी की। इस मौके पर डीएफओ ने कहा कि इन गड्ढों में जमा बारिश का पानी धीरे धीरे भूमि में रिस जाएगा। इससे भूमिगत जल स्तर बढ़ेगा और हरियाली भी बढ़ेगी। यह गड्ढे ऐसी जगह पर बन रहे हैं जहां अधिक तेजी से वर्षा जल का ठहराव हो सके।

प्रधानमंत्री जल संरक्षण की शुरूआत

भूजल स्तर दिन-प्रतिदिन गिर रहा है और यह गंभीर चिंता का विषय है। जिले में भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री जल संरक्षण योजना की शुरुआत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि बारिश का पानी बेकार बह जाता है, उसी जल का संरक्षण कर भूजल स्तर को बढ़ाया जा सकता है। - इंदु कंवल चिब, डीसी, रियासी 


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