अवंतीपोरा एयरबेस पर नागरिक विमान सेवाओं की मंजूरी, रक्षा राज्यमंत्री ने कहा इससे यात्री सेवाओं में सुधार होगा Kashmir News
पुलवामा से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित एयरपोर्ट को सिर्फ सैन्य और प्रतिरक्षा गतिविधियों के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। एक महत्वपूर्ण कदम के तहत केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने दक्षिण कश्मीर में स्थित वायुसेना के नियंत्रण वाले अवंतीपोरा एयरबेस को नागरिक विमान सेवाओं के लिए इस्तेमाल की सैद्धांतिक सहमति दे दी है। यह जानकारी केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री ने दक्षिण कश्मीर के सांसद जस्टिस (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी के सवाल पर लिखित जवाब में दी।
अवंतीपोरा एयरपोर्ट सामरिक ²ष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पूरी तरह वायुसेना के अधीन है। पुलवामा से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित एयरपोर्ट को सिर्फ सैन्य और प्रतिरक्षा गतिविधियों के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। स्थानीय लोग और कश्मीर में पर्यटन जगत से जुड़े संगठन बीते कई सालों से इसे नागरिक विमान सेवाओं के लिए खोलने की मांग कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर में सात एयरफील्ड और दो एडवांस लैंडिग ग्राउंड हैं। यह सभी रक्षा मंत्रालय के अधीन हैं।
नेशनल कांफ्रेंस के सांसद ने इस पर सवाल पूछा था। इसके लिखित जवाब में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नायक ने बताया कि जून 2019 में रक्षा मंत्रालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अवंतीपोरा से नागरिक विमान सेवाओं की बहाली के लिए सैद्धांतिक रुप से सहमति दे दी है। यह कदम रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) के तहत उठाया गया है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय की अनुमति के बाद कश्मीर में दूसरे सिविल एयरपोर्ट की स्थापना का रास्ता साफ हो गया। उन्होंने बताया कि आरसीएस योजना केंद्र सरकार ने हवाई सफर को आम आदमी की पहुंच तक लाने के लिए की है।
उन्होंने बताया कि कश्मीर दुनिया के प्रतिष्ठित पर्यटन स्थलों में से एक है। इसके अलावा श्रीनगर-जम्मू हाईवे पूरी तरह से मौसम पर निर्भर करता है। ऐसी स्थिति में श्रीनगर एयरपोर्ट पर अतिरिक्त दबाव हो जाता है। ऐसे में नई दिल्ली और चंडीगढ़ से श्रीनगर की टिकट कई गुना महंगी हो जाती है।
इस कारण यहां नागरिक विमान सेवाओं की संख्या बढ़ाने की मांग बीते बरसों से हो रही है। श्रीनगर एयरपोर्ट पर जगह की कमी के कारण अतिरिक्त विमानों के उतरने और उड़ान भरने के लिए पर्याप्त स्थान भी नहीं है। ऐसे में अवंतीपोरा एयरपोर्ट पर नागरिक विमान सेवाओं की बहाली अगर होती है तो निश्चित तौर पर कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और किराया दर घटेगी।