एसएसी की बैठक में कई अहम फैसले, भ्रष्टाचार और अवैध नियुक्तियों पर अब लगेगी लगाम Jammu News
किसी प्रकार की भर्ती करनी होगी तो उसके लिए उन्हें एक पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया जिसमें योग्य उम्मीदवारों से विज्ञापन के माध्यम से आवेदन आमंत्रित करना होगा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राज्य प्रशासन ने भ्रष्टाचार और अवैध नियुक्तियों पर लगाम लगाने के लिए बुधवार को बड़ा फैसला किया। प्रशासन द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त कोई भी स्वायत्त निकाय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) या अन्य संस्थाएं अब बिना वित्त विभाग की अनुमति के कोई नया पद सृजित नहीं करेंगी और न ही किसी रिक्त पद पर किसी को नियुक्त कर सकेंगी। इसके अलावा ये संस्थान वस्तुओं और सेवाओं की अपनी मर्जी से खरीद-फरोख्त भी नहीं कर पाएंगे। यही नहीं, पारदर्शी बोली प्रक्रिया का पालन किए बिना यह संस्थान किसी को कोई अनुबंध भी प्रदान नहीं कर पाएंगे। यह फैसला बुधवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में हुई राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बैठक में लिया गया।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि शाम को राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में एसएसी की बैठक हुई, जिसमें में मुख्यसचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम, राज्यपाल के चारों सलाहकार और प्रमुख सचिव ने भाग लिया। बैठक में राज्य प्रशासन से वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त निकायों, सोसायटी द्वारा खरीद और अनुबंध जारी करने तथा माल और सेवाओं में पारदर्शिता, व्यय की अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्वामित्व को पूरी तरह कारगर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र की अधिकांश संस्थाएं प्रशासन से ही वित्तीय सहायता प्राप्त करती हैं। इन संस्थानों में पदों और भर्तियों में पारदर्शिता लाने को यह फैसला किया गया है। वित्त विभाग की पूर्व सहमति के बिना कोई नया पद नहीं बनाया जाएगा और रिक्त पदों के लिए कोई भर्ती भी नहीं की जाएगी। अगर इन संस्थानों को किसी प्रकार की भर्ती करनी होगी तो उसके लिए उन्हें एक पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया जिसमें योग्य उम्मीदवारों से विज्ञापन के माध्यम से आवेदन आमंत्रित करना होगा। पद किसी भी वर्ग का होगा, उन्हें यह नियम अपनाना पड़ेगा।
पीड़ित मुआवजा योजना मंजूर
बैठक में जम्मू कश्मीर पीड़ित मुआवजा योजना-2019 को भी मंजूरी मिल गई। यह योजना विभिन्न अपराधों के पीड़ितों व उनके परिजनों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लक्ष्य से शुरू की जा रही है। इस योजना का लाभ नाबालिग पीडि़तों को भी होगा और जानमाल की हानि, सामूहिक बलात्कार, हिरासत में बलात्कार, बलात्कार, अप्राकृतिक यौन हमला, अंग की हानि, गंभीर शारीरिक चोट या मानसिक चोट, भ्रूण की हानि जैसे जघन्य अपराधों में मुआवजा दिया जाएगा। एसिड हमले के शिकार पर भी यह योजना लागू होती है। पीडि़त मुआवजा योजना-2013 के तहत सिर्फ आठ वर्गो के पीडि़तों को ही एक से तीन लाख का मुआवजा देने का प्रावधान है, लेकिन नयी योजना में 15 वर्गो में आने वाले पीड़ितों को दो से 10 लाख रुपये तक मुआवजे का प्रावधान किया गया है।
आठ से अभियान, लगाए जाएंगे 50 लाख पौधे
जम्मू कश्मीर में हरित पट्टियों को बढ़ाने और वनों के विकास के लिए एसएसी ने आठ जुलाई 2019 से हरित जम्मू कश्मीर अभियान शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जून 2020 तक चलने वाले इस अभियान के तहत वन, पर्यावरण और पारिस्थितिकी विभाग द्वारा पंचायतों, सिविल सोसाइटी, शैक्षिक, अन्य संस्थानों और अन्य हितधारकों को शामिल कर 50 लाख पौधे लगाए जाएंगे। यह पौधे नष्ट हुए वनों की जमीन पर, अतिक्रमण से मुक्त कराई गई जमीन और सड़क किनारे लगाए जाएंगे। पहले चरण में पौधारोपण की गतिविधियों को मुख्य रूप से जम्मू क्षेत्र में केंद्रित किया जाएगा, जहां पौधारोपण का मौसम अभी शुरू हुआ है। इस मानसून के मौसम में पौधारोपण के लिए 2300 हेक्टेयर जमीन पर नौ लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, विभाग को जम्मू प्रांत में जम्मू, सांबा, कठुआ, नौशहरा, बिलावर और राजौरी, रियासी, ऊधमपुर, रामनगर और रामबन के कुछ हिस्सों सहित विभिन्न जिलों में वनीकरण गतिविधियों के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने के लिए कहा गया है। वन विभाग आम लोगों के अलावा पेड़ लगाने के इच्छुक लोगों को पौधे उपलब्ध कराएगा। कश्मीर संभाग में यह अभियान नवंबर-दिसंबर के महीने में चलेगा।
जंबू चिडिय़ाघर का रुका हुआ काम होगा शुरू
एसएसी की बैठक में शीतकालीन राजधानी जम्मू के बाहरी क्षेत्र खानपुर, नगरोटा में जंबू चिडिय़ाघर की परियोजना को फिर से शुरू करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है। यह परियोजना धन के अभाव के कारण बंद हो गई थी। इस परियोजना को दिसंबर 2020 तक 62.41 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जंबू चिड़यिाघर परियोजना के लिए जम्मू से करीब आठ किलोमीटर दूर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 163.42 हेक्टेयर जमीन वन्य जीव विभाग को हस्तांतरित की गई है। यह क्षेत्र श्री माता वैष्णो देवी के रास्ते पर है। इस परियोजना पर वन्य जीव विभाग ने कैंपा फंङ्क्षडग के माध्यम से काम शुरू किया था, लेकिन कैंपा फंडिंग के दिशा-निर्देशों में बदलाव के कारण काम रोक दिया गया था। बदले नियमों के मुताबिक, राज्य सरकार कैंपा फंडिंग के तहत इस योजना के लिए धन को आवंटित नहीं कर सकती थी और परियोजना अधर में लटक गई। राज्य सरकार ने अब इस योजना को जम्मू और कश्मीर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन के माध्यम से प्रदान की जाने वाली 49.17 करोड़ की राशि से दोबारा शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह चिड़ियाघर जम्मू में विशेषकर माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पर्यटन का केंद्र बनेगा।