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कश्मीर में बदल रहे माहौल से क्यों डर रहा है सलाहुद्दीन, उसने क्यों मांगी आइएसजेके कमांडर से माफी, जानिए! Kashmir News

आइएसजेके के कमांडर ने वीडियो जारी कर लश्कर व हिज्ब के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी। साथ ही लश्कर व हिज्ब पर पाकिस्तान परस्त नीतियों के कारण हत्या का आरोप लगाया था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 11:28 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2019 01:25 PM (IST)
कश्मीर में बदल रहे माहौल से क्यों डर रहा है सलाहुद्दीन, उसने क्यों मांगी आइएसजेके कमांडर से माफी, जानिए! Kashmir News
कश्मीर में बदल रहे माहौल से क्यों डर रहा है सलाहुद्दीन, उसने क्यों मांगी आइएसजेके कमांडर से माफी, जानिए! Kashmir News

जम्मू, राज्य ब्यूरो। अनंतनाग के बिजबेहाड़ा में आतंकी कमांडर आदिल दास की हिजबुल के आतंकियों द्वारा हत्या ने पूरे कश्मीर का माहौल बदल दिया है। आदिल का शव सेब के बागों में मिला था। उसका साथी जख्मी हालत में मिला था। स्थानीय लोगों को आतंकी संगठनों में फिर से खूनी संघर्ष की आशंका सता रही है। वहीं अपना कैडर खिसकने के डर से हिजबुल मुजाहिद्दीन सरगना सलाहुद्दीन ने एक तरह से माफी मांगते हुए हत्या की बात कबूल कर ली है। आदिल के घायल साथी ने कबूलनामे में आतंकी बनने पर दुख जताया था तथा कहा था कि काश वह वर्दी पहनकर बंदूक उठाता। इस बीच सुरक्षा एजेंसियां भी बदलते घटनाक्रम पर अलर्ट हैं।

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इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू कश्मीर (आइएसजेके) के कमांडर आदिल की 26 जून को हिज्ब व लश्कर के आतंकियों ने धोखे से हत्या कर दी थी। उस समय इन संगठनों ने फैलाने का प्रयास किया कि आदिल सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया है। वहां जख्मी मिले आतंकी ने भी हिज्ब व लश्कर के झूठ की पोल खोल दी।

माफी मांग रहा हिज्ब सरगना, बोला- गलतफहमी हो गई

इसके बाद आइएसजेके के कमांडर ने वीडियो जारी कर लश्कर व हिज्ब के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी। साथ ही लश्कर व हिज्ब पर पाकिस्तान परस्त नीतियों के कारण हत्या का आरोप लगाया था। वीडियो में चेताया गया था कि इन लोगों ने 30 सालों तक कश्मीरियों को तंग किया है, अब इनका अंत नजदीक है। इसके बाद कश्मीर में सनसनी फैल गई और फिर से आतंकी संगठनों में खूनी जंग तेज होने की आशंका पैदा हो गई। अब घबराए हिजबुल के चीफ कमांडर सलाहुद्दीन ने लगभग माफी मांगने के अंदाज में वीडियो जारी किया है। इसमें आदिल की हत्या की बात कबूलते हुए कहा कि यह गलतफहमी में हुई है। उसने कहा कि भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए एक संयुक्त जांच कमेटी बनाई जानी चाहिए।

कश्मीर में अलकायदा-आइएस की मौजूदगी को स्वीकारा

सलाहुद्दीन ने इस वीडियो में पहली बार कश्मीर में अल-कायदा और आइएस की उपस्थिति को स्वीकारा। हालांकि पहले वह इन दोनों संगठनों को नकारता रहा।कश्मीर मामलों के जानकार एजाज अहमद कहते हैं कि आइएसजेके और हिज्ब के बीच खूनी संघर्ष को नहीं रोका जा सकता। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकी संगठनों के बीच गुटीय संघर्ष और एक दूसरे के सदस्यों को निशाना बनाने के कई मामले यहां 1990 में लोगों ने देखे हैं। अब यह खूनी गुटीय संघर्ष दोबारा शुरू होने का संकेत है। इसलिए अगर आप आतंकग्रस्त इलाकों में जाएंगे तो स्थानीय लोगों के चेहरे के भाव आपको हालात के बारे में अवगत करा देंगे।

एक-दूसरे के घरों में जाकर परिजनों को धमका रहे आतंकी

कुछ महीनों से इस तरह की बातें सुनने को मिल रही है कि विभिन्न संगठनों के आतंकी एक-दूसरे के घरों में जाकर एक दूसरे के परिजनों को धमका रह हैं। कश्मीर मामलों के जानकार डा अजय चुरंगु ने कहा कि 1990 के बाद हिज्ब और जेकेएलएफ के बीच खूनी संघर्ष का कश्मीर गवाह रहा है। वैसा कुछ अब दोबारा होने की आशंका है। आइएसजेके, जिसे कल तक सभी नकार रहे थे, अब स्वीकार कर रहे हैं। सल्लाहुदीन का यह वीडियो बताया है कि वह भी अपना कैडर खोने के डर से घबराया हुआ है।

टेरर फंडिंग के बंद होंगे स्रोत, सख्ती शुरू

टेरर फंडिंग पर रोक लगाने और आतंकियों व अलगाववादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्रलय की ओर से गठित मल्टी डिसिप्लिनरी टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप (एमडीटीएमजी) ने अपना काम शुरू कर दिया है। एमडीटीएमजी आतंकियों और अलगाववादियों के सभी मौजूदा और संभावित वित्तीय स्रोतों को बंद करने की रणनीति को लागू करने जा रही है। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि एमडीटीएमजी ने जिस तरीके से अपना काम शुरू करते हुए अलगाववादियों के वित्तीय नेटवर्क के खिलाफ रणनीति तैयार की है, उससे मोहम्मद यासीन मलिक, शब्बीर अहमद शाह समेत कई अन्य वरिष्ठ अलगाववादी जो वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं, की रिहाई की उम्मीद भी कम हो गई है। एमडीटीएमजी की अध्यक्षता जम्मू कश्मीर पुलिस के सीआइडी ङ्क्षवग में अतिरिक्त महानिदेशक को सौंपी गई है। इसके अलावा आइजीपी जम्मू कश्मीर पुलिस के अलावा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों, सीबीआइ, एनआइए और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स के वरिष्ठ अधिकारी इसमें सदस्य बनाए गए हैं।

एमडीटीएमजी राज्य में आतंकवाद, अलगाववाद व संबंधित गतिविधियों से जुड़े मामलों को हल करने के लिए संबंधित एजेंसियों में समन्वय बना कर कार्रवाई करेगी। इसके अलावा यह राज्य में आतंकवाद और अलगाववाद के समर्थक संगठनों,व्यक्तियों की निशानदेही करने के अलावा आतंकियों के प्रति सहानुभूति रखने वाले तत्वों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी। संबधित अधिकारियों ने बताया कि एमडीटीएमजी की साप्ताहिक बैठक हुआ करेगी और जो अब तक बैठक हुई है, उसमें आतंकियों व अलगाववादियों के के वित्तीय नेटवर्क को तोडऩे व समाप्त करने की रणनीति तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में पहले से ही एक रणनीति पर काम चल रहा है, बस उस रणनीति को बदलते परिवेश के मुताबिक और ज्यादा बेहतर करने पर काम हुआ है। उन्होंने बताया कि एमडीटीएमजी ने बीते तीन सालों के दौरान कश्मीर मे ंटेरर फंडिग के सिलसिले में गिरफ्तार अलगाववादियों के मामलों पर भी चर्चा की है।

सोपोर से लापता चार किशोर पकड़े, बिजबिहाड़ा से चार और गायब

उत्तरी कश्मीर के सोपोर से लापता हुए चार किशोर मंगलवार को बनिहाल रेलवे स्टेशन पर पुलिस के हत्थे चढ़ गए। वहीं, दक्षिण कश्मीर के बिजबिहाड़ा से चार और किशोर लापता हो गए। पुलिस ने इनका पता लगाने के लिए एक विशेष दल बनाया है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि अनंतनाग के बिजबिहाड़ा के साथ सटे हयार और होगाम से दो किशोर गायब हो गए हैं। इनके अलावा दो अन्य किशोर कनलवान और वोपजान से गायब हुए हैं। चारों की पहचान गुप्त रखी गई है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन चारों के आतंकियों से जा मिलने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। फिलहाल, पुलिस की टीम बनाई गई है। चारों के दोस्तों और रिश्तेदारों से संपर्क किया जा रहा है।

इसके पहले उत्तरी कश्मीर के दोआबगाह से पिछले रविवार को फहीम फारुक पुत्र फारुक अहमद मल्ला, अयान अमीन पुत्र मोहम्मद अमीन परमू, फुरकान तारिक पुत्र तारिक अहमद परमू और अतहर अहमद डार पुत्र अब्दुल अहद डार लापता हो गए थे। इनके परिजनों ने सोपोर में शिकायत दर्ज कराई थी। फुरकान और अयान अमीन चचेरे भाई हैं। मंगलवार की सुबह बनिहाल रेलवे स्टेशन पर तैनात पुलिस दल ने इन चारों को पकड़ लिया। उन्होंने खुद के लापता होने और बनिहाल पहुंचने के बारे में अभी कुछ नहीं बताया है। हालांकि, सभी किशोरों को काउंसिलिंग के बाद परिजनों के हवाले सौंप दिया है।


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