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Kishtwar Terror Attack: आरएसएस नेता की हत्या में शामिल आतंकी घेरे

खुफिया एजेंसियों ने चंद्रकांत शर्मा की हत्या में ओसामा बिन जावेद का नाम बताया था जो मारवा का रहने वाला है और दो साल से सक्रिय आंतकी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 11:25 AM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 11:25 AM (IST)
Kishtwar Terror Attack: आरएसएस नेता की हत्या में शामिल आतंकी घेरे
Kishtwar Terror Attack: आरएसएस नेता की हत्या में शामिल आतंकी घेरे

किश्तवाड़, बलबीर सिंह जम्वाल। सेना और पुलिस ने वीरवार को किश्तवाड़ के दक्षिणी इलाके में एक बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया है। ऐसी सूचना है कि आरएसएस नेता चंद्रकांत शर्मा की हत्या में शामिल चार आतंकवादियों में से कुछ वहां पर छिपे हुए हैं। गौरतलब है कि चंद्रकांत शर्मा की हत्या हुए एक महीना हो गया है, लेकिन उनकी हत्या करने वाले आतंकियों के बारे में अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इसके बावजूद कि स्थानीय लोगों के अलावा आरएसएस के बड़े नेताओं ने भी सरकार और किश्तवाड़ प्रशासन पर इसके लिए काफी दबाव बनाया है।

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पुलिस तथा सेना को यह जानकारी मिली कि इन चारों में से दो या तीन आतंकवादी दक्षिणी इलाके में छुपे हुए हैं। इसी के चलते पुलिस ने सेना को अपने साथ लेकर दक्षिणी इलाके में बड़ा सर्च अभियान शुरू किया है। सेना और पुलिस ने इलाके के जंगलों की घेराबंदी की है, हालांकि देर शाम तक यह पता नहीं चल पाया था कि सुरक्षाबलों के घेरे में कौन-कौन से आतंकवादी हैं।

खुफिया एजेंसियों ने चंद्रकांत शर्मा की हत्या में ओसामा बिन जावेद का नाम बताया था, जो मारवा का रहने वाला है और दो साल से सक्रिय आंतकी है। इसके अलावा हारुन अवास वानी डोडा निवासी है। वह छह माह पहले एमबीए करने के बाद आंतकवादी बना। तीसरा, नवीद मुस्तफा शाह यह पहले आतंकवादी था और बाद में आत्मसमर्पण करने के बाद पुलिस में भर्ती हो गया। बाद में पुलिस से भी भगोड़ा होकर आतंकवादी बन गया। चौथे आतंकी का नाम जाहिद हुसैन है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह उसी दिन आतंकी बना था, जिस दिन चंद्रकांत शर्मा की हत्या हुई थी। इसी की अल्टो कार भी हत्या के बाद इस्तेमाल की गई थी, जो पुलिस के कब्जे में है। यह दक्षिणी इलाके का रहने वाला है। बार-बार सर्च ऑपरेशन के बारे में पूछने पर भी कोई पुलिस अधिकारी इस बारे में कुछ बात करने को तैयार नहीं था।

आतंकियों को जिंदा पकड़ने पर जोर: सूत्रों के मुताबिक हो सकता है कि जाहिद हुसैन पुलिस के आगे आत्मसमर्पण कर दे। बहरहाल, पुलिस का जोर आतंकियों को जिंदा पकडऩे पर है। अगर पुलिस के हाथ इन चारों आतंकियों में से एक भी जिंदा लग जाता है, तो पुलिस के लिए यह बहुत बड़ी कामयाबी होगी, क्योंकि पुलिस उससे यह तो उगलवा सकेगी कि आखिर चंद्रकांत की हत्या के पीछे वजह क्या थी और इसके साथ ही परिहार बंधुओं की हत्या का भी खुलासा हो सकता है। मोहम्मद अमीन उर्फ जहांगीर और उसका साथी रियाज अहमद के फंसे होने की खबर है।

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