भाजपा नेता ने सुरक्षा लौटाई
जागरण न्यूज नेटवर्क श्रीनगर/जम्मू भारतीय जनता पार्टी के अनंतनाग जिला उपप्रधान गुल मोहम्मद मीर क
जागरण न्यूज नेटवर्क, श्रीनगर/जम्मू : भारतीय जनता पार्टी के अनंतनाग जिला उपप्रधान गुल मोहम्मद मीर की आतंकियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद भाजपा राज्य प्रशासन के राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा हटाने के फैसले के खिलाफ खुलकर सामने आ गई है। प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री अशोक कौल ने तो अपनी सुरक्षा भी लौटा दी। कौल ने कहा कि जब पार्टी कार्यकर्ता ही कश्मीर में सुरक्षित नहीं हैं तो वह सुरक्षा लेकर क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक मीर के हत्यारों को पकड़ा नहीं जाता और जिन राजनीतिक कार्यकर्ताओं को खतरा है उन्हें सुरक्षा नहीं दी जाती, वह सुरक्षा नहीं लेंगे। मीर की अनंतनाग के नौगाम में शनिवार को आतंकियों ने हत्या कर दी थी।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को अशोक कौल के नेतृत्व में श्रीनगर के लालचौक इलाके में स्थित प्रेस एनक्लेव में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि प्रशासन द्वारा सुरक्षा कवच उठाए जाने का पार्टी कार्यकर्ताओं को भारी खामयाजा उठाना पड़ रहा है। इसी के चलते गुल मोहम्मद मीर को अपनी जान गंवानी पड़ी। प्रदर्शन के दौरान ही कौल अपने अंगरक्षकों व सुरक्षा वाहन को वहीं छोड़कर खुद आटो में एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। जम्मू पहुंचने के बाद उन्होंने यहां भी अपने दो पीएसओ व पुलिस का एस्कार्ट वाहन लौटाने की कार्रवाई कर दी। कौल ने मीर की सुरक्षा को गंभीरता से न लिए जाने पर राज्य प्रशासन की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लगाया। कौल ने कहा कि मीर को उपयुक्त सुरक्षा देने का मुद्दा लगातार उठाने के बाद भी प्रशासन ने कुछ नहीं किया। पुलिस की सुरक्षा शाखा ने भी यह कहकर इन्कार कर दिया था कि मीर की जान को कोई खतरा नहीं है।
कौल ने बताया कि जून 2018 को सरकार ने मीर को सुरक्षा के लिए एक एसपीओ व कांस्टेबल दिया था। छह महीने बाद कांस्टेबल वापस ले लिया गया। इसके बाद मीर के घर पर दिसंबर में आतंकी हमला हुआ था। मीर ने कड़ा जवाब देते हुए अपने साथ एसपीओ को भी बचाया था। कौल ने बताया कि 13 जनवरी 2019 को उन्होंने अनंतनाग के एसएसपी से मीर की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। एसएसपी का कहना था कि मीर को कोई खतरा नहीं है, वह घर लौट सकते हैं। मीर अपने घर जाने के बजाए उस समय श्रीनगर के जवाहर नगर स्थित पार्टी कार्यालय में रह रहे थे। इसके बाद मीर का एसपीओ भी वापस ले लिया गया। यह मामला ग्रीवेंस सेल से भी उठाया गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। भाजपा नेता की मौत के लिए प्रशासन की नाकामी को जिम्मेदार ठहराते हुए कौल ने बताया कि मीर को उन्होंने दो महीने बाद तब घर जाने के लिए कहा था जब पुलिस ने विश्वास दिलाया था कि उनकी जान को कोई खतरा नहीं है। यह आश्वासन झूठा साबित हुआ और मीर की आतंकियों ने हत्या कर दी। राज्यपाल फिर करें सियासी नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा :
जम्मू में भाजपा के प्रदेश महासचिव युद्धवीर सेठी ने भी मंगलवार को पार्टी नेताओं के साथ भाजपा मुख्यालय में एक पत्रकार वार्ता कर कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के कहने पर कई नेताओं की सुरक्षा हटाई गई थी, जो गलत फैसला था। उन्होंने राज्यपाल से पुलिस, प्रशासन व एस्टेट विभाग की बैठक बुलाकर फिर से सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जिन नेताओं व कार्यकर्ताओं को खतरा है, उन्हें सरकारी आवास के साथ पर्याप्त सुरक्षाकर्मी मुहैया करवाई जाए। चाहे वह किसी भी राजनीतिक पार्टी से संबंधित क्यों न हो। सेठी ने कहा कि कश्मीर से लेकर किश्तवाड़ तक आतंकी राजनीतिक कार्यकर्ताओं, विशेषकर भाजपा नेताओं को निशाना बना रहे हैं। प्रशासन चुपचाप है। यह काफी चितनीय व निदनीय है। उन्होंने मांग की कि जम्मू व कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में हुई हत्यारों के सभी आरोपित पकड़े जाने चाहिए। उन्होंने सरकारी आवासों पर कब्जा कर बैठे कुछ लोगों से आवास खाली करवाकर उन नेताओं को देने की अपील की जो इनके हकदार हैं। पत्रकारवार्ता में भाजपा सेल प्रभारी सरदार विरेंद्रजीत सिंह, प्रदेश प्रेस सचिव डॉ. प्रदीप मोहत्रा, आईटी व सोशल मीडिया प्रभारी जयदेव रजवाल व जम्मू जिला प्रधान बलदेव सिंह भी मौजूद रहे।
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