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रंग ला रहा 'आओ स्कूल चलें' अभियान, दक्षिण कश्मीर में आतंक पर भारी पड़ रही शिक्षा

स्कूल शिक्षा विभाग के अभियान के बेहतर नतीजे सामने आए हैं। कश्मीर में इस अभियान से विद्यार्थियों के दाखिलों में 19.02 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्कूल शिक्षा विभाग का ध्यान विद्यार्थियों की शुरुआती शिक्षा पर रहा है। समग्र शिक्षा इसमें वरदान बन रहा है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 08:25 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 08:25 PM (IST)
रंग ला रहा 'आओ स्कूल चलें' अभियान, दक्षिण कश्मीर में आतंक पर भारी पड़ रही शिक्षा
प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में लाने की मुहिम के तहत स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रयास किए।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : दक्षिण कश्मीर में आतंक पर शिक्षा भारी पड़ रही है। स्कूलों में बच्चों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। आओ स्कूल चलें अभियान का अधिक असर दक्षिण कश्मीर के कुलगाम और अनंतनाग जिले में दिखाई दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के अभियान के बेहतर नतीजे सामने आए हैं। कश्मीर में इस अभियान से विद्यार्थियों के दाखिलों में 19.02 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्कूल शिक्षा विभाग का ध्यान विद्यार्थियों की शुरुआती शिक्षा पर रहा है। समग्र शिक्षा इसमें वरदान बन रहा है। दिव्यांग विद्यार्थियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।

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आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में दाखिले का प्रतिशत अधिक रहा है। जिले में दाखिला लेने में 19.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अभियान से पहले जिले के सरकारी स्कूलों में 44,559 विद्यार्थियों का पंजीकरण हुआ था। अभियान के बाद 10,156 नए विद्यार्थियों के दाखिले किए गए। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिला में विद्यार्थियों के दाखिले में 21.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस जिले में 19,436 नए दाखिले हुए। बांडीपोरा में दाखिला प्रतिशत में 8.9 प्रतिशत, गांदरबल में 5.3 प्रतिशत, कुपवाड़ा में 19.2 प्रतिशत, बारामुला में 17.8 प्रतिशत, शोपियां में 3.8 प्रतिशत, पुलवामा में 4.8 प्रतिशत, श्रीनगर में 3.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

स्कूल क्वालिटी एजुकेशन इंडेक्स में सुधार का प्रयास : इससे पहले नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार स्कूल क्वालिटी एजुकेशन इंडेक्स 2019 में जम्मू कश्मीर की स्थिति सही नहीं थी। एलिमेंटरी व सेकेंडरी स्तर पर पंजीकरण कम था। प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में लाने की मुहिम के तहत स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रयास किए। एलिमेंटरी टीचर ट्रेनिंग के तहत 1.5 लाख अध्यापकों को कवर किया गया। अपर प्राइमरी स्कूलों में 126 कंप्यूटर ऐडड लर्निंग स्थापित किए गए। वहीं 13 हजार दिव्यांग बच्चों को चिकित्सा सुविधा दी गई। स्कूल क्वालिटी एजुकेशन इंडेक्स में सुधार का प्रयास जारी है।

पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक निश्शुल्क मिल रही पुस्तकें : हर साल पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को निश्शुल्क पुस्तकें उपलब्ध करवाई जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने 1143 स्कूल ड्राप आउट को वापस लाया और विशेष जरूरत वाले 965 बच्चों का दाखिला करवाया। प्राइवेट स्कूलों से 28,295 बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाया गया। विंटर सीजन के दौरान आओ स्कूल चलें अभियान के तहत जम्मू कश्मीर में 1,18,176 विद्यार्थियों का दाखिला किया गया। विभाग की कोशिश है कि तीन से पांच साल के अधिकतर बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवाया जाए। विभाग घर-घर जाकर अभियान चला रहा है।


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