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जम्मू-कश्मीर में आतंक पर संयुक्त प्रहार कर DDC Election को सुरक्षित बनाने की तैयारी, सुरक्षाबलाें की 165 अतिरिक्त कंपनियां पहुंची

जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर संयुक्त प्रहार कर सेना सुरक्षाबल प्रदेश में पहली बार हो रहे जिला विकास परिषद चुनाव को सुरक्षित बनाएंगे। प्रदेश में आठ चरणों वाले चुनाव 28 नवंबर से शुरू हो रहे हैं। सुरक्षाबलों की 165 कंपनियाें ने चुनाव को सुरक्षित बनाने की जिम्मेवारी संभाल ली है।

By VikasEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 05:00 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 05:00 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में आतंक पर संयुक्त प्रहार कर DDC Election को सुरक्षित बनाने की तैयारी, सुरक्षाबलाें की 165 अतिरिक्त कंपनियां पहुंची
जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह

जम्मू, राज्य ब्यूरो । जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर संयुक्त प्रहार कर सेना, सुरक्षाबल प्रदेश में पहली बार हो रहे जिला विकास परिषद चुनाव को सुरक्षित बनाएंगे। प्रदेश में आठ चरणों वाले चुनाव 28 नवंबर से शुरू हो रहे हैं। ऐसे में प्रदेश में पहले से तैनात सुरक्षाबलों के साथ अन्य प्रदेशों से आई सुरक्षाबलों की 165 कंपनियाें ने भी चुनाव को सुरक्षित बनाने की जिम्मेवारी संभाल ली है। पहले चरण के मतदान के लिए सिर्फ तीन दिन रह गए हैं। ऐसे में मंगलवार को जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक कर चुनाव की कामयाबी के लिए बनाए गए सिक्योरिटी प्लान पर चर्चा की। चुनाव को कामयाब बनाने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति अपनाई जाएगी। ऐसे में आतंकवाद ग्रस्त इलाकों में आतंकवाद पर मारक प्रहार करने के लिए सेना, सुरक्षाबल पेट्रोलिंग में तेजी लाने के साथ कस्बों, गांवों में विशेष नाके लगाकर देश विरोधी तत्वों पर पैनी नजर रखेंगे। तीसरे चरण में उम्मीदवारों व मतदान केंद्रों व मतदाताओं की सुरक्षा को यकीनी बनाया जाएगा।

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जम्मू कश्मीर में आठ चरणों में होने वाले जिला विकास परिषद चुनाव 28 नवंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक होंगे। चुनाव के परिणाम की घोषणा 22 दिसंबर को को होगी। वहीं चुनाव की सारी प्रक्रिया 24 दिसंबर को संपन्न हो जाएगी। ऐसे में प्रदेश में अब सेना, सुरक्षाबल 24 दिसंबर तक हाई अलर्ट पर रहेंगे। जिला परिषद चुनाव आतंकवादियों के निशाने पर है। चुनाव में खलल डालने की मंशा से कश्मीर जा रहे 4 आतंकवादियों को मारा जाना व आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए सांबा में सीमा पर पाकिस्तानी की ओर से सुरंग मिलना इसका सबूत है। इन आतंकवादियों के पास से 11 एके 47, 3 पिस्तौलें व भारी मात्रा में गोला बारूद मिलना भी किसी बड़ी साजिश का संकेत था। आतंकवादियों को मार गिराने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग लगातार सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षाबल व खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से बैठक कर चुनाव को सुरक्षित बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियां इस समय आतंकवादियों के ओवर ग्राउंड वर्करों की लगातार निगरानी कर रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर प्रदेश चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने भी सुरक्षाबलों को कश्मीर में उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कर संभव कार्रवाई करने के लिए कहा है। केके शर्मा का कहना है कि कश्मीर में चुनाव को सुरक्षित बनाया जाएगा। कश्मीर में कानून एवं व्यवस्था, एरिया डामीनेशन, उम्मीदवारों व मतदान केंद्रों की सुरक्षा के लिए प्रयाप्त बंदोबस्त किए गए हैं। इसके लिए सुरक्षाबलों की 165 अतिरिक्त कंपनियों की भी तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर कश्मीर में कई उम्मीदवार को एक साथ सुरक्षित जगहाें पर भी रखा गया है। उन्हें प्रचार करने के लिए सुरक्षा के साथ वाहन भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।


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