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Amarnath Yatra 2022: अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात होंगे 130 खोजी कुत्ते, स्टिकी बम की आशंका को देखते हुए यात्रा की सुरक्षा में निभाएंगे अहम भूमिका

इन खोजी कुत्तों को जम्मू से श्रीनगर तक यात्रा मार्ग पर तो तैनात किया ही गया है इनमें से कुछ की तैनाती गुफा मार्ग पर रहेगी जो किसी संदिग्ध विस्फोटक का पता लगाएंगे।अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों को सूचनाएं दे चुकी हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 07:25 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 07:25 PM (IST)
Amarnath Yatra 2022: अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात होंगे 130 खोजी कुत्ते, स्टिकी बम की आशंका को देखते हुए यात्रा की सुरक्षा में निभाएंगे अहम भूमिका
यह श्वान दस्ता कहीं भी छिपाकर रखे गए बमों को खोजने में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता। बुधवार को रवाना होने वाली अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे के साथ ही 130 खोजी कुत्तों की तैनाती हो जाएगी जो यात्रा को सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। यह श्वान दस्ता कहीं भी छिपाकर रखे गए बमों को खोजने में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए हैं जबकि इस बार इन कुत्तों की तैनाती इसलिए भी अहम समझी जा रही है कि खुफिया एजेंसियों को इस बार यात्रा में खलल डालने के लिए आतंकियों द्वारा स्टिकी बम इस्तेमाल किए जाने की सूचनाएं मिल चुकी हैं स्टिकी बम आधा किलाे बजन का होता है लेकिन इसे अगर किसी गाड़ी में लगा दिया जाए तो यह बड़ा नुकसान कर सकता है।

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वहीं इन खोजी कुत्तों को जम्मू से श्रीनगर तक यात्रा मार्ग पर तो तैनात किया ही गया है जबकि इनमें से कुछ की तैनाती गुफा मार्ग पर रहेगी जो किसी भी संदिग्ध विस्फोटक का पता लगाएंगे। खुफिया एजेंसियां भी अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों को सूचनाएं दे चुकी हैं। उधर सीमा पार पाकिस्तान में भी आतंकियों के घुसपैठ की आशंका को भी खुफिया एजेंसियों की ओर से जाहिर किया गया है जिस कारण इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा एजेंसियां कोइ लापरवाही नहीं बरतना चाहती।

इस बार अमरनाथ यात्रा में पहले से दोगुने जवानों को तैनात किया गया है। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों का कहना है कि इस बार बालटाल व पहलगाम यात्रा मार्ग पर दो सौ ड्रोन भी तैनात किए गए हैं जो पूरी यात्रा पर निरंतर नजर रखेंगे। इनके अलावा इस बार हाईटेक आइइडी डिटेक्टर और दूरबीनें भी सुरक्षा एजेंसियों को दी गई हैं जो विशेष रूप से इजराइल से मंगवाई गई हैं।जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह पहली अमरनाथ यात्रा है जिस कारण भी पाकिस्तान के इशारों पर काम करने वाले आतंकियों के इसमें खलल डालने की आशंका भी जाहिर की जा रही है।


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