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जम्मू-कश्मीर: श्रद्धालुओं से भरी बस चेनाब नदी में गिरी, 13 की मौत

किश्तवाड़ जिला में 24 घंटे के बीच दूसरा बड़ा हादसा हो गया है। यह हादसा सोमवार को हुए हादसे से भी बढ़ा था। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 10:33 AM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 03:26 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर: श्रद्धालुओं से भरी बस चेनाब नदी में गिरी, 13 की मौत
जम्मू-कश्मीर: श्रद्धालुओं से भरी बस चेनाब नदी में गिरी, 13 की मौत

जम्मू [किश्तवाड़], संवाद सहयोगी। मचेल यात्रियों के साथ किश्तवाड़ जिला में 24 घंटे के बीच दूसरा बड़ा हादसा हो गया है। यह हादसा सोमवार को हुए हादसे से भी बढ़ा था। इस हादसे में अब 13 लोगों की मौत हो गई है। जबकि हादसे में एक बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई है। उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज जम्मू रेफर किया गया है। 

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सोमवार को किश्तवाड़ जा रहे दो वाहनों के मलबे की चपेट में आने से हुए दर्दनाक हादसे को लोग अभी भूले नहीं थे, कि 24 घंटों के भीतर किश्तवाड़ से करीब 20 किलोमीटर दूर किश्तवाड़-पाडर-गुलाबगढ़ मार्ग पर स्थित नस्सू गांव के पास मचैल यात्रियों को लेकर किश्तवाड़ लौट रही इक्को वैन के चालक ने वाहन पर से अपना नियंत्रण खो दिया। जिसके चलते वैन सड़क से करीब 600 फीट नीचे गहरी खाई में गिरी। काफी गहरी खाई में गिरने के कारण वैन के परखच्चे उड़ गए। डीसी किश्तवाड़ अंग्रेज सिंह ने राणा ने बताया कि दुर्घटना का शिकार हुई वैन में से 13 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि इस हादसे में एकमात्र जीवित बचने वाली पांच साल की बच्ची की हालत भी बेहद गंभीर है। 

हादसे के बाद डीसी अंग्रेज सिंह राणा, एसएसपी किश्तवाड़ मौके पर पहुंचे। पुलिस और रेड क्रास के वालंटियर्स ने मौके पर पहुंच स्थानीय लोगों के साथ मिल कर राहत और बचाव कार्य संचालित कर घायल बच्ची को किश्तवाड़ अस्पताल लाया गया। जहां से उसे सड़क मार्ग से जम्मू स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वहीं इसके बाद खाई में से सभी मृतकों के शवों को निकाल कर जिला अस्पताल किश्तवाड़ के शवगृह में रखवा दिए हैं। मरने वाले लोग किश्तवाड़ और जिला डोडा से मचैल माता के दर्शनों के लिए गए श्रद्धालु हैं। 

सभी श्रद्धालु माछिल मात्रा की यात्रा पर जा रहे थे। माछिल माता यात्रा 43 दिवसीय यात्रा होती है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैद ने भी हादसे की पुष्टि की। उन्होंने बताया, 'किश्तवाड़ में एक और बड़ा हादसा। श्रद्धालुओं को माछिल माता की यात्रा पर ले जा रहा वाहन चेनाब नदी में फिसल कर गिर गया। घटना किश्तवाड़ से करीब 28 किमी दूर हुई। इस हादसे में एक 5 साल का बच्चा ही अकेला जीवित मिला है।' 

यात्रियों पर टूटकर गिरी पहाड़ी, 7 की मौत, 12 घायल

गौरतलब है कि सोमवार को मचेल जा रही मेटाडोर और कार पर कुलीगढ़ में चट्टाने और मलबा गिरा था। इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई। जबकि 12 घायल हुए थे। 

वहीं दूूूूसरी और जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भूस्खलन के मलबे में दबकर 7 लोगों की मौत हो गई। वहीं 1 12अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि प्रभावित लोग सड़क से गुजर रहे थे उसी समय एक पहाड़ी टूटकर उनके ऊपर गिर पड़ी। 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि किश्तवाड़-पद्दार रोड पर कुल्लीगाड में यह हादसा हुआ। एक पहाड़ी से भारी मात्रा में पत्थर और मलबा नीचे गिरने लगा। इसी सड़क से अपने वाहनों से गुजर रहे लोगों के ऊपर यह मलबा आकर गिरा। 

हादसे में 7 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि नौ अन्य यात्रियों को बचा लिया गया और एक अस्पताल ले जाया गया जहां इनमें से कुछ लोगों की हालत गंभीर बतायी गयी है। अधिकारियों ने बताया कि वाहन में उधमपुर के श्रद्धालु सवार थे जो पद्दार घाटी में मचैल मंदिर की ओर जा रहे थे।

 

इस बीच विधायक जी.एम.सरूरी ने कहा है कि 100 मीटर का सड़क का हिस्सा, जहां वाहन पर पहाड़ से बड़ी चट्टान लुढ़क कर गिरी, इस तरह के हादसों के लिए बेहद संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि हमने कई बार अधिकारियों से इस हिस्से की भूस्खलन से सुरक्षा के मुद्दे को उठाया है। सरूरी ने कहा कि वह राज्यपाल एनएन.वोहरा से इस दिशा में तत्काल कदम उठाने की अपील करेंगे। 

बचाव अभियान की अगुवाई करने वालों ने बताया कि घटना में घायल की स्थिति नाजुक है और उसे विशेष इलाज के लिए जम्मू के एक अस्पताल में रेफर किया गया है। उन्होंने कहा कि चार मृतकों की पहचान केवल कुमार, आकांक्षा देवी, अमर सिंह और मोहम्मद हुसैन के तौर पर हुई है। भूस्खलन में मारे गए अन्य लोगों की पहचान की कोशिश की जा रही है। दोनों वाहनों में सवार यात्रियों में से कुछ लोग अभी चल रही माचैल यात्रा में शामिल होने पद्दार घाटी जा रहे थे।

अधिकारी ने बताया कि ने बताया कि किश्तवाड़-पद्दार रोड पर कुल्लीगाड में यह हादसा हुआ। एक पहाड़ी से भारी मात्रा में पत्थर और मलबा नीचे गिरने लगा। इसी सड़क से अपने वाहनों से गुजर रहे लोगों के ऊपर यह मलबा आकर गिरा। अधिकारी ने बताया कि नौ अन्य यात्रियों को बचा लिया गया और एक अस्पताल ले जाया गया जहां इनमें से कुछ लोगों की हालत गंभीर बतायी गयी है। अधिकारियों ने बताया कि वाहन में उधमपुर के श्रद्धालु सवार थे जो पद्दार घाटी में मचैल मंदिर की ओर जा रहे थे।

43 दिनों तक चलने वाली मचैल यात्रा की शुरुआत 25 जुलाई को हुई और अब तक 1.50 लाख से अधिक तीर्थयात्री देवी दुर्गा माता के मंदिर में पूजा-अर्चना कर चुके हैं।


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