10 नए डिग्री कॉलेज खोलने को मिली मंजूरी
राज्य ब्यूरो जम्मू राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए एक महिला
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए एक महिला कॉलेज सहित 10 और नए डिग्री कॉलेज खोलने की मंजूरी दे दी है।
यह कॉलेज बांडीपोरा के तुलैल, बारामुला के बोनियार, बडगाम के सोइबुग, डोडा के कास्तीगढ़, जम्मू के ज्यौड़ियां, जम्मू के भगवती नगर में महिला कॉलेज, कुपवाड़ा के क्राल्टा, राजौरी के दरहाल, सांबा के घगवाल और ऊधमपुर के मोंगरी-पंचैरी कायथ गली में बनेंगे।
गौरतलब है कि सरकार ने वित्त विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है, जो नई जगहों पर कॉलेज खोलने की समीक्षा कर रही है। इस कमेटी में उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभागों के प्रशासनिक सचिव सदस्य हैं। कमेटी की सिफारिश पर इसी साल 14 जनवरी को हुई बैठक में 40 डिग्री कॉलेज खोलने को मंजूरी दी गई थी। अब 10 और कॉलेजों को खोलने की मंजूरी दी गई है। इसे मिलाकर अब डेढ़ महीने में 50 डिग्री कॉलेज खोलने को मंजूरी दी गई है। 228 स्कूलों को अपग्रेड
करने की मंजूरी
राज्य प्रशासनिक परिषद ने विभिन्न जिलों के 228 स्कूलों को अपग्रेड करने की मंजूरी दी है। 210 स्कूलों में से 87 हाई स्कूलों को उच्च माध्यमिक स्कूलों के स्तर पर अपग्रेड किया गया है, जिसमें जम्मू संभाग में 42 और कश्मीर संभाग में 45 हैं। इसी तरह 123 मिडिल स्कूलों में से जम्मू संभाग में 58 और कश्मीर संभाग में 65 को हाई स्कूलों के स्तर पर अपग्रेड किया गया है। 12 स्कूलों को मिडिल से हाई स्कूल में अपग्रेड किया गया
एसएसी ने केंद्र प्रायोजित समग्र योजना के तहत 18 स्कूलों को अपग्रेड करने को मंजूरी दी। इनमें 12 स्कूलों को मिडिल से हाई स्कूल में अपग्रेड किया गया है। आठ स्कूल जम्मू संभाग और चार स्कूल कश्मीर संभाग के शामिल हैं। इसी तरह छह हाई स्कूलों को हायर सेकेंडरी में अपग्रेड किया गया है। इनमें जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगहों पर तीन-तीन स्कूल शामिल हैं। डोडा जिले के मल्लन देसा मिडिल स्कूल को हाई स्कूल में अपग्रेड किया
एसएसी ने डोडा जिले के मल्लन देसा मिडिल स्कूल का दर्जा बढ़ाकर इसे हाई स्कूल में अपग्रेड करने को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि स्कूलों में स्टाफ को तर्कसंगत बनाया जाए। जहां पर जितने विद्यार्थी हैं, उसी के अनुरूप स्टाफ हों। शहरों में स्टाफ अधिक है और ग्रामीण क्षेत्र स्टाफ से जूझ रहे हैं। ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों के लोगों की मांग को परिषद ने पूरा किया है। इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल छोड़ने की दर में गिरावट आएगी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। छात्राओं और समाज के वंचित वर्गो को लाभ मिलेगा।