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महिला हॉकी विश्व कप : शूटआउट में हारी भारतीय टीम, टूट गया 44 साल का सपना

भारत और आयरलैंड दोनों टीमों के बीच खेला गया वर्ल्ड कप का क्वार्टर फाइनल मैच तय समय में गोलरहित रहा और मैच शूटआउट में गया।

By Digpal SinghEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 11:34 AM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 10:55 AM (IST)
महिला हॉकी विश्व कप : शूटआउट में हारी भारतीय टीम, टूट गया 44 साल का सपना
महिला हॉकी विश्व कप : शूटआउट में हारी भारतीय टीम, टूट गया 44 साल का सपना

लंदन, (आईएएनएस)। आयरलैंड ने गुरुवार देर रात वैली हॉकी एंड टेनिस सेंटर पर खेले गए बेहद रोमांचक मैच में भारत को शूट आउट में 3-1 से मात देते हुए महिला हॉकी विश्व कप के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। इसी के साथ भारतीय टीम का 44 साल बाद सेमीफाइनल में जगह बनाने का सपना भी टूट गया।

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दोनों टीमों के बीच खेला गया यह क्वार्टर फाइनल मैच तय समय में गोलरहित रहा और मैच शूटआउट में गया। जहां आयरलैंड के लिए अपटन रोइसन, मीके एलिसन, वाटकिंस चोले ने आखिरी तीन प्रयासों में गोल किए। भारत के लिए एक मात्र गोल रीना खोखर ने किया। आयरलैंड की गोलकीपर आयेशा मैक्फारेन दीवर की तरह भारतीय खिलाड़ियों के सामने खड़ी रहीं।

सेमीफाइनल में आयरलैंड का सामना स्पेन से होगा। इस हार के साथ भारत को दूसरी बार सेमीफाइनल खेलने का सपना टूट गया। वह विश्व कप के पहले संस्करण में 1974 में पहली बार सेमीफाइनल खेली थी। इसके बाद भारत कभी भी अंतिम-4 में नहीं पहुंच पाया।

इस मैच में दोनों टीमें किसी को जल्दी मौके नहीं देना चाहती थीं और इसलिए अपने-अपने हाफ में खेली। आयरलैंड ने हालांकि भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की जो असफल रही। भारतीय डिफेंस मजबूती से खड़ा रहा।

इस बीच सातवें मिनट में वंदना कटारिया ने बाएं फ्लैंक से आयरलैंड के घेरे में घुसने की कोशिश की जहां वो गेंद को अपने पास नहीं रख पाईं। इस बीच आयरलैंड की टीम भारत को हावी होने लगी थी। 10वें मिनट में वाटकिंस ने भारत को परेशान किया हालांकि भारतीय रक्षापंक्ति को वो भेद नहीं पाई। काफी प्रयासों के बाद पहला क्वार्टर गोलरहित रहा।

दूसरे हाफ में डिएरडिरे ड्यूक और वाटकिंस ने मिलकर कुछ अच्छे मूव बनाए। आयरलैंड आक्रामक हो गई थी और भारतीय महिलाएं अपनी लय खोती दिख रही थीं। 21वें मिनट में नेहा गोयला को रफ खेल के लिए ग्रीन कार्ड दिया गया। दो मिनट बाद मैच में पहली बार भारतीय गोलकीपर सविता की परीक्षा हुई, जिसमें वो सफल रहीं। 23वें मिनट में कैथरीन मुलन ने गोलपोस्ट पर बेहतरीन शॉट दागा, जिसे सविता बचा ले गई। आयरलैंड के खेल में स्थिरता और तालमेल अच्छा दिख रहा था, लेकिन किसी तरह भारतीय डिफेंस ने उन्हें दूसरे क्वार्टर में भी गोल से महरूम रखा।

दूसरे क्वार्टर का खेल हो चुका था और दोनों टीमों के हिस्से एक भी पेनाल्टी कॉर्नर नहीं आया था। आयरलैंड ने तीसरे क्वार्टर में और आक्रामकता दिखाई। भारतीय आक्रामण पंक्ति ने भी मौके बनाने की कोशिश की लेकिन उनके पास सही जगह पहुंचे नहीं। ऐसा ही एक मौका 37वें मिनट में आया जब वंदना ने काउंटर पर मूव बनाया लेकिन वह अकेली पड़ गई।

दो मिनट बाद कप्तान रानी ने मौका देख उदिता को गेंद दी जो शॉट को सही से ले नहीं पाईं। तीसरे क्वार्टर में भी दोनों टीमें गोल का सूखा खत्म नहीं कर पाईं।

चौथे क्वार्टर में दोनों टीमों ने आक्रामक खेल खेला। 48वें मिनट में भारत वीडियो रेफरल के माध्यम से पेनाल्टी कॉर्नर लेने में कामयाब रहा, लेकिन आयरलैंड की गोलकीपर ने गोल नहीं होने दिया। यहां से भारतीय महिलाएं हावी होने की कोशिश में थीं और आयरलैंड के बॉक्स में अधिक समय बिता रही थीं लेकिन गेंद पर सही नियंत्रण ने होने के कारण वो गेंद को नेट में नहीं डाल पाईं। चौथे क्वार्टर की समाप्ति तक दोनों टीमें गोल नहीं कर पाईं और मैच शूटआउट में निकला।


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