हॉकी के दिग्गज खिलाडि़यों ने की खेल मंत्री से मन की बात
हम केंद्रीय खेल मंत्री को सुझाव देंगे कि राज्यों के खेल विभाग पूर्व खेल के विशेषज्ञों की तकनीक का फायदा उठाएं।
प्रदीप शाही, फतेहगढ़ साहिब। ओलंपिक में हॉकी में भारत का नाम रोशन करने वाले पंजाब के छह ओलंपिक खिलाडि़यों ने गुरुवार को दिल्ली में खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौर के साथ मन की बात की।
खेलमंत्री ने देश के 50 हॉकी ओलंपियन को गुरुवार की शाम को दिल्ली में डिनर पर बुलाया। सभी ने भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए अपने-अपने सुझाव दिए। इन खिलाडि़यों में पंजाब के कर्नल बलबीर सिंह, गुरमेल सिंह, सुरिंदर सिंह सोढ़ी, देवेंदर सिंह गरचा, चरणजीत सिंह और वरिंदर सिंह शामिल थे।
1980 में मॉस्को ओलंपिक खेलों में हॉकी टीम के सदस्य रहे अर्जुन अवार्डी गुरमेल सिंह ने खेलमंत्री से मिलने से पहले कहा कि पंजाब में खेल का कोई वारिस नहीं है। कोई सरकार बात सुनने को तैयार नहीं है। हम केंद्रीय खेल मंत्री को सुझाव देंगे कि राज्यों के खेल विभाग पूर्व खेल के विशेषज्ञों की तकनीक का फायदा उठाएं। उन्हें साथ लेकर ग्रास रूट पर काम करें तब हम खेल का विकास कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक लेकर घर पहुंचे पंजाब के खिलाडि़यों को रिसीव करने एक भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा। इससे खिलाडि़यों का हौसला डगमगा जाता है।
हमसे मदद नहीं मांगते विभाग और सरकारें
फील्ड हॉकी के धुरंधर सुरिंदर सिंह सोढ़ी ने कहा कि वह खेलमंत्री को बताएंगे कि हम सिर्फ उन खिलाड़ियों पर फोकस करते हैं, जो अपने दम पर पहचान बना लेते हैं। सरकार भी उन्हीं खिलाडि़यों पर दांव लगाती है। खेल मंत्रालय या राज्य सरकारें हमसे मदद मांगें तो हम युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए तैयार हैं।