नहीं रहा भारत से मदद मांगने वाला पाकिस्तानी दिग्गज खिलाड़ी, इंडिया से लगाई थी ये गुहार
मंसूर अहमद का लंबे समय तक दिल की बीमारी से जूझने के बाद शनिवार को एक अस्पताल में निधन हो गया।
कराची, एजेंसी। पाकिस्तान को विश्व कप जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले हॉकी गोलकीपर मंसूर अहमद का लंबे समय तक दिल की बीमारी से जूझने के बाद शनिवार को एक अस्पताल में निधन हो गया। ओलंपिक में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने वाले 49 साल के अहमद पिछले काफी समय से दिल में लगे पेसमेकर और स्टेंट से परेशान थे। उन्होंने हृदय प्रत्यारोपण के लिए भारत से भी संपर्क किया था।
एक वीडियो संदेश जारी कर मंसूर ने भारतीय सरकार और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपील की थी कि उन्हें मेडिकल वीजा दिया जाए। इसमें कहा गया था, ''मैंने भारत के खिलाफ कई टूर्नामेंट जीते हैं और बहुत से भारतीयों का दिल तोड़ा है। इंदिरा गांधी कप, एशिया कप, वर्ल्ड कप और एशियन गेम्स। कुछ उदाहरण हैं जिनमें मैं भारत के खिलाफ खेला, लेकिन आज मुझे भारतीय सरकार और खासतौर पर सुषमा स्वराज की मदद की जरूरत है। मैं उनसे अपनी वीजा अर्जी को स्वीरकार करने का अनुरोध करता हूं।'' इसके बाद कई भारतीय अस्पनतालों ने उन्हें इलाज की पेशकश की थी।
पाकिस्तान के लिए 388 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले इस महान खिलाड़ी को 1994 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के लिये याद किया जाएगा। उन्होंने फाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ पेनल्टी शूट में गोल का बचाव कर पाकिस्तान को विश्व विजेता बनाया था। इसी साल उन्होंने चैम्पियन्स ट्रॉफी के फाइनल में जर्मनी के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट का बचाव किया था जिससे पाकिस्तान इसका विजेता बना था।