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पाकिस्तान की हॉकी बिरादरी ने भी बलबीर सिंह को किया सलाम, बोले- हमने खोया बड़ा नाम

पाकिस्तान की हॉकी बिरादरी ने भी सोमवार को दिवंगत हुए पूर्व भारतीय दिग्गज बलबीर सिंह को सलाम किया है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 10:31 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 10:31 AM (IST)
पाकिस्तान की हॉकी बिरादरी ने भी बलबीर सिंह को किया सलाम, बोले- हमने खोया बड़ा नाम
पाकिस्तान की हॉकी बिरादरी ने भी बलबीर सिंह को किया सलाम, बोले- हमने खोया बड़ा नाम

कराची, पीटीआइ। भारत के महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार को पंजाब के मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। 95 साल के बलबीर सिंह काफी समय से बीमार चल रहे थे। भारतीय हॉकी धुरंधर खिलाड़ी के निधन पर पाकिस्तान के हॉकी खिलाड़ियों ने भी शोक जताया है। पाकिस्तान की हॉकी बिरादरी के लोगों ने कहा है कि लेजेंड्री सेंटर फॉरवर्ड प्लेयर की मौत से हॉकी जगत को एक बड़ा नुकसान हुआ है।

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95 साल के बलबीर सिंह सीनियर तीन बार के ओपंलिक गोल्ड मेडलिस्ट थे, जो कि सेंटर फॉरवर्ड के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। पाकिस्तान की हॉकी टीम के पूर्व कप्तान समिउल्लाह ने कहा है, "उनके खेल में अद्भुत लचीलापन, गति और निष्ठा थी। उनके स्प्रिंट देखने में बड़ा मजा आता था।" फ्लाइंग हॉर्स के नाम से फेमस समिउल्लाह ने अपने करियर में तीन बार एशियन गेम्स और एक बार वर्ल्ड कप में गोल्ड जीता है।

उन्होंने आगे कहा है, "हॉकी ने एक बड़ा नाम खो दिया है, क्योंकि बलबीर सिंह वह थे जिन्होंने अपने उत्कृष्ट खेल के कारण 1948, 1952 और 1956 के ओलंपिक में लगातार तीन स्वर्ण पदक जीते।" पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन के महासचिव आसिफ बाजवा ने भी बलबीर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह महानतम व्यक्तियों में से एक थे। बाजवा ने कहा है, "कभी उन्हें खेलते नहीं देखा, लेकिन हमने अपने सीनियर्स से उसके बारे में इतना सुना है कि यह स्पष्ट है कि वह एक अलग तरह के स्ट्राइकर थे।"

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और कोच हसन सरदार ने गोल मशीन के नाम से मशहूर भारतीय दिग्गज को प्रेरणादायक बताया है। पाकिस्तान हॉकी टीम के एक और अन्य दिग्गज खिलाड़ी इस्लाहुद्दीन सिद्दीकी ने कहा है वे 70 और 80 के दशक के कई इवेंट्स में उनसे मुखातिब हुए थे। उन्होंने कहा है, "वह बहुत विनम्र और नरम स्वभाव के व्यक्ति थे और उन्हें खेल का बहुत ज्ञान था। अगर आप उनसे संपर्क करतो तो वे हमेशा अपने अनुभव को साझा करने के लिए भी तैयार थे।"


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