दिग्गज हॉकी खिलाड़ी माइकल किंडो का निधन, 73 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
किंडो को 1972 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था। किंडो भारतीय टीम में फुल बैक के रूप में खेला करते थे। वह उस भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसने 1975 में कुआलालंपुर में खेला गया हॉकी विश्व कप जीता था। फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराया था।
राउरकेला, प्रेट्र। 1975 विश्व कप में खिताब जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम और 1972 ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे माइकल किंडो का उम्र से जुड़ी बीमारियों के चलते गुरुवार को अस्पताल में निधन हो गया। वह 73 साल के थे। वह अपने पीछे पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं।
किंडो के पारिवारिक सूत्र ने कहा, 'माइकल किंडो का उम्र से जुड़ी बीमारियों के चलते इस्पात जनरल अस्पताल में निधन हुआ। वह यहां पर काफी समय से भर्ती थे। वह मानसिक तनाव से भी जूझ रहे थे। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया जाएगा। उनकी बेटियां दूसरी जगह रहती हैं। ऐसे में उनके आने का इंतजार किया जाएगा।'
किंडो को 1972 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था। किंडो भारतीय टीम में फुल बैक के रूप में खेला करते थे। वह उस भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसने 1975 में कुआलालंपुर में खेला गया हॉकी विश्व कप जीता था। फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराया था। वह इससे पहले 1972 में म्यूनिख में खेले गए ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे। इस प्रतियोगिता में उन्होंने तीन गोल किए थे।
'हमारे पूर्व हॉकी खिलाड़ी और 1975 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य माइकल किंडो के निधन पर गहरा दुख है। इस मुश्किल वक्त में उनके परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।'
-- हॉकी इंडिया
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'हॉकी के दिग्गज और अर्जुन पुरस्कार विजेता माइकल किंडो के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख पहुंचा है। वह आदिवासियों के लिए आदर्श थे और 1975 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।'
--नवीन पटनायक, मुख्यमंत्री, ओडिशा
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'हॉकी दिग्गज माइकल किंडो को खेलों में उनके यादगार प्रदर्शन के लिए याद किया जाएगा। वह बहुत गर्व और खुशी लेकर आए। निर्विवाद रूप से वह बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी थे और उन्होंने खुद को महान मेंटर के रूप में भी स्थापित किया।'
--दिलीप टिर्की, पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान