एशियन गेम्स 2018: भारतीय पुरुष व महिला हॉकी टीम से मेडल की उम्मीद
पिछले एशियन गेम्स में भारतीय पुरुष टीम ने गोल्ड तो महिला टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
नई दिल्ली, जेएनएन। एशियन गेम्स 2018 के जरिए भारतीय हॉकी टीम की नजर 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक पर भी होगी लेकिन इसके लिए जरूरी है कि टीम गोल्ड मेडल जीते। पिछले एशियन गेम्स में भारतीय टीम ने गोल्ड मेडल जीते थे और इस बार भी टीम से बड़ी उम्मीदें हैं। एशियन गेम्स में भारतीय टीम सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग के साथ मैदान पर उतरेगी यानी भारत हॉकी रैंकिंग में इस वक्त नंबर पांच पर मौजूद है जबकि मलेशिया और पाकिस्तान की रैंकिंग 12वीं और 13वीं है। श्रीजेश की अगुआई वाली भारतीय हॉकी टीम को गोल्ड का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है। एशियन गेम्स में जिस टीम से भारत को सबसे कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है वो पाकिस्तान और मलेशिया ही हैं। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एशियन गेम्स में वर्ष 1962, 1988 और 2014 में गोल्ड मेडल जीते हैं। वहीं भारत ने 1958, 1962, 1970, 1974, 1978, 1982, 1990 और 2002 में सिल्वर मेडल जीते थे।
भारतीय महिला हॉकी टीम की बात करें तो इस टीम ने वर्ष 1882 में दिल्ली में आयोजित एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल पर कब्जा किया था। अब तर भारतीय महिला हॉकी टीम ने एशियन गेम्स के इतिहास में सिर्फ एक बार ही गोल्ड मेडल जीता है। पिछले महिने आयोजित विश्व कप में महिला टीम ने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था। इस बार रानी रामपाल की कप्तानी में इस टीम की नजर ओलंपिक में भी क्वालीफाई करने पर होगी। एशियन गेम्स में भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती उसके ग्रुप में शामिल दक्षिण कोरिया की टीम है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने वर्ष 1982 में गोल्ड मेडल, 1998 में सिल्वर और 1986, 2006 और 2014 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
पिछले एशियन गेम्स में भारतीय पुरुष टीम ने गोल्ड तो महिला टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था और दोनों टीमों के हालिया प्रदर्शन को देखें तो इससे लगता है कि एशियन गेम्स में दोनों ही टीमें अच्छा प्रदर्शन कर देश के लिए मेडल जीतेंगे।