अमेरिका के खिलाफ डिफेंस के दम पर जीत की तलाश में भारत
भारतीय महिला हॉकी टीम को रविवार को विश्व कप के एक अहम मैच में अमेरिका से भिड़ना है।
लंदन, प्रेट्र। एक ड्रॉ और एक हार के बाद संकट में खड़ी भारतीय महिला हॉकी टीम को रविवार को विश्व कप के एक अहम मैच में अमेरिका से भिड़ना है। भारत को अगर अगले दौर में जगह बनानी है तो उसे अमेरिका के खिलाफ हर हाल में जीत चाहिए। हालांकि सिर्फ इस मैच में जीत उसे अगले दौर में नहीं पहुंचा सकती। इसके लिए भारत को आयरलैंड और इंग्लैंड के बीच होने वाले मैच के परिणाम पर निर्भर रहना होगा।
पूल-बी में आयरलैंड दो मैचों में दो जीत के दम पर छह अंकों के साथ पहले स्थान पर बना हुआ है। वहीं दूसरे स्थान पर इंग्लैंड है जिसने भारत और अमेरिका दोनों से ड्रॉ खेल दो अंक अर्जित किए हैं। वहीं भारत और अमेरिका के एक-एक अंक हैं, लेकिन गोल अंतर बेहतर होने के कारण भारत तीसरे स्थान पर कायम है।
अगर भारत अपने आखिरी मैच में अमेरिका को हरा देता है तो तीन अंक लेकर उसके कुल चार अंक हो जाएंगे। ऐसे में उसे दुआ करनी होगी कि इंग्लैंड अपने आखिरी मैच में हार जाए या ड्रॉ खेले। इस विश्व कप में भारत का एक मजबूत पक्ष डिफेंस रहा है जिसके दम पर उसने सिर्फ दो गोल खाए हैं और पहले मैच में इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम को 1-1 से ड्रॉ पर रोक दिया। हालांकि आयरलैंड के खिलाफ एक चूक ने उसे गोल खाने पर मजबूर किया जो उसकी हार का कारण बना।
इस बीच भारत के डिफेंस को न तो मिडफील्ड न ही फॉरवर्ड लाइन से समर्थन मिला। दोनों मैचों में भारत को गोल करने के कई मौके मिले लेकिन सभी हाथ से फिसल गए। कमी संयोजन में तालमेल की थी जिसे कोच शोर्ड मारिन ने बखूबी देखा होगा और कोशिश करेंगे कि आने वाले मैच में तालमेल बेहतर रहे। भारतीय टीम की दूसरी कमी पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में न बदलने की है। इंग्लैंड के खिलाफ भी टीम कई मौकों पर पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल नहीं कर पाई थी। वहीं आयरलैंड के खिलाफ छह पेनाल्टी कॉर्नर में से एक पर भी भारतीय खिलाड़ी गोल नहीं दाग सकीं।
भारत के विपक्षी को देखा जाए तो वो रैंकिंग में वह काफी पीछे है। भारत की रैंकिंग पांच है जबकि अमेरिका की 27वीं, लेकिन खेल में रैंकिंग महत्व मायने नहीं रखती वो भी तब जब 10वीं रैंकिंग वाली आयरलैंड से भारत को हार मिली हो। अमेरिका भी इस मैच में बढ़े हुए आत्मविश्वास के साथ आ रही है। उसने सातवीं रैंकिंग वाली इंग्लैंड को अपने पिछले मैच में 1-1 से ड्रॉ पर बाध्य कर दिया था। ऐसी स्थिति में भारत अमेरिका को हल्के में नहीं ले सकता।