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धनराज पिल्लै की कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने 1998 एशियन गेम्स में जीता था गोल्ड

धनराज पिल्लै की कप्तानी में भारत ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 08:34 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 12:06 PM (IST)
धनराज पिल्लै की कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने 1998 एशियन गेम्स में जीता था गोल्ड
धनराज पिल्लै की कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने 1998 एशियन गेम्स में जीता था गोल्ड

1998 एशियन गेम्स में भारतीय हॉकी टीम के यादगार प्रदर्शन को कौन भूल सकता है। धनराज पिल्लै की कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने फाइनल में दक्षिण कोरिया को पेनाल्टी शूट आउट में 5-3 से शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीता था। खुद धनराज के लिए यह एशियन गेम्स यादगार बन गया था, जिन्होंने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल दागे। धनराज पिल्लै से निखिल शर्मा ने खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :

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- ऐसी क्या खास वजह थी कि आपकी टीम ने 1998 के एशियन गेम्स को यादगार बना दिया?

- दरअसल, एशियन गेम्स से पहले हमारा बेंगलुरु में 15 दिन का कैंप लगा था। कोच महाराज किशन कौशिक के निर्देशन में हमारा कैंप बेहद शानदार रहा था। हमने भारत के पूर्व दिग्गज फॉरवर्ड खिलाड़ी मर्वेन फर्नाडिस के निर्देशन में भी फॉरवर्ड लाइन पर अच्छा काम किया। अच्छी बात रही कि कोच कौशिक ने बेहद अच्छे से टीम को संभाला।

- बतौर कप्तान आपका अनुभव कैसा रहा?

- कप्तानी करते हुए मुझे कोई दिक्कत महसूस नहीं हुई। सभी खिलाड़ी पूरा सहयोग दे रहे थे। पूरे टूर्नामेंट में खिलाड़ी इतना अच्छा खेले कि शायद ही उनसे कोई गलती हुई होगी। ऐसे में टीम का प्रदर्शन उच्च कोटि का हो गया और मुझे कप्तानी करने में बेहद मजा आया।

-टूर्नामेंट में ऐसा क्या हुआ कि जिससे खिलाडि़यों को स्वर्ण पदक जीतने का हौसला मिला?

- सच कहूं तो मैं, आशीष बलाल, मुकेश कुमार यह सोचकर खेल रहे थे कि यह हमारा आखिरी टूर्नामेंट होगा। हालांकि, मैं सिडनी ओलंपिक तक खेला। यह एक वजह रही कि खिलाडि़यों में अच्छा करने का हौसला दिखा। वहीं, टीम में साबू वर्के जैसे युवा खिलाड़ी भी थे, जिन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया।

- आपका खुद का प्रदर्शन यहां यादगार रहा। आपने छह मैचों में 11 गोल किए और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बने?

- सही मायने में मेरे अंदर भारतीय हॉकी संघ ने बेहद भरोसा दिखाया था। साथ ही भारतीय ओलंपिक संघ ने भी एशियन गेम्स में मुझे ध्वज वाहक की जिम्मेदारी सौंपी। इन्हीं वजह से मुझमें अच्छा करने का आत्मविश्वास जागा और मेरा एशियन गेम्स में अच्छा प्रदर्शन रहा।

- इस बार भारतीय हॉकी टीम से क्या उम्मीदें हैं?

- एशियन गेम्स में दक्षिण कोरिया, पाकिस्तान और मलेशिया जैसी अच्छी टीम हैं। इस बार पाकिस्तान के पास कोच रोलेंट ओल्टमंस हैं, जो इससे पहले भारतीय हॉकी टीम के कोच रह चुके हैं। ऐसे में पाकिस्तान से भारत को कड़ी चुनौती मिल सकती है। हालांकि भारतीय हॉकी टीम ने हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी में बेहद शानदार प्रदर्शन किया था। हालांकि, उसे फाइनल में पेनाल्टी शूट आउट में हार का सामना करना पड़ा। भारत जरूर इस बार अच्छा प्रदर्शन करेगा। साथ ही मैं पूरे भारतीय दल को अच्छे प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं देता हूं।


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