हॉकी फ्लैश बैक: भारत की मेजबानी में ऑस्ट्रेलिया ने जीता खिताब
2010 में हॉकी विश्व कप का 12वां आयोजन भारत की राजधानी नई दिल्ली में हुआ।
फ्लैश बैक 2010
भारत की मेजबानी में ऑस्ट्रेलिया को खिताब
2010 में हॉकी विश्व कप का 12वां आयोजन भारत की राजधानी नई दिल्ली में हुआ। 12 टीमों के इस टूर्नामेंट में मेजबान भारत को जहां आठवें स्थान से संतोष करना पड़ा तो वहीं ऑस्ट्रेलिया ने 1986 के बाद दूसरी बार खिताब अपने नाम किया। चार बार के विश्व चैंपियन पाकिस्तान का बुरा हाल रहा और वह टूर्नामेंट में सबसे अंतिम 12वें स्थान पर रहा। पूल-बी में शामिल भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 4-1 से रौंद कर उस आयोजन की अपनी इकलौती जीत हासिल की। पूल-ए से जर्मनी के साथ नीदरलैंड्स ने अंतिम चार में जगह बनाई, जबकि पूल-बी से ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड सेमीफाइनल में पहुंचे। सेमीफाइनल में जर्मनी ने इंग्लैंड को 4-1 से और ऑस्ट्रेलिया ने नीदरलैंड्स को 2-1 से हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई। मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में खेले गए बेहद रोमांचक फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने जर्मनी को 2-1 से हराकर विश्व कप अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया के ल्यूक डोर्नर और नीदरलैंड्स के ताइके ताइकेमा ने सर्वाधिक आठ-आठ गोल किए। वहीं, नीदरलैंड्स के गुस वोगेल्स को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया।
फ्लैश बैक 2014
ऑस्ट्रेलिया तीसरी बार बना चैंपियन
1973 और 1998 के बाद नीदरलैंड्स ने 2014 में तीसरी बार विश्व कप की मेजबानी की। उस आयोजन में अपने सभी मैच जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने तीसरी बार विश्व कप की ट्रॉफी उठाई। सेमीफाइनल में अर्जेटीना को एकतरफा मुकाबले में 5-1 से हराने के बाद उसने फाइनल में नीदरलैंड्स को 6-1 से करारी शिकस्त देकर खिताब अपने नाम किया। यह विश्व कप के फाइनल में किसी टीम की सबसे बड़ी जीत थी। हालांकि, अर्जेटीना इस विश्व कप की खोज बनकर उभरा जिसने इंग्लैंड को हराकर तीसरा स्थान हासिल किया। उस विश्व कप में अर्जेटीना के गोंजालो पिलाट ने सर्वाधिक 10 गोल किए, जबकि ऑस्ट्रेलिया के मार्क नोवल्स सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए। 1975 की विश्व चैंपियन भारतीय टीम नौवें स्थान पर रही, लेकिन पाकिस्तान इस विश्व कप के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर पाया था।