बिना आनलाइन पंजीकरण व टोकन के किसान नहीं बेच पाएंगे धान
जिला में एफसीआइ (फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया) की ओर से खरीदी जाने वाले धान की फसल को किसान बिना पंजीकरण और स्लाट बुकिग के नहीं दे पाएंगे। इसके लिए उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं।
संवाद सहयोगी, ऊना : जिला में एफसीआइ (फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया) की ओर से खरीदी जाने वाले धान की फसल को किसान बिना पंजीकरण और स्लाट बुकिग के नहीं दे पाएंगे। इसके लिए उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। पहले पंजीकरण और उसके बाद स्लाट बुकिग प्रक्रिया को अपनाने के बाद संबंधित केंद्रों पर किसान धान को बेच पाएंगे। यानी धान की फसल बेचने के लिए मंडी जाने से पहले किसानों को वेबसाइट पर पंजीकरण करवाना होगा। यह जानकारी उपायुक्त राघव शर्मा ने जारी बयान में रविवार को साझा की है।
उपायुक्त ने बताया कि आनलाइन पंजीकरण की सुविधा आरंभ हो चुकी है। सोमवार 11 अक्टूबर को टकारला खरीद केंद्र पर ड्राई रन किया जाएगा। एफसीआइ की ओर से फिलहाल धान की खरीद के लिए टकारला मंडी को निर्धारित किया गया है। मंडी में धान बेचने वाले किसानों को सबसे पहले एचपीएपीपीपी.एनआइसी.इन वेबसाइट पर आनलाइन पंजीकरण करवाना होगा। पूरी प्रक्रिया को जिला के किसानों की सुविधा के लिए इस बार एफसीआइ ने किया है जिसके माध्यम से ही धान की फसल की खरीद होगी। इस प्रकार किसान करा सकेंगे पंजीकरण
राघव शर्मा ने बताया कि आनलाइन पंजीकरण करने के लिए किसान को अपने आधार कार्ड, बैंक खाता, भूमि का विवरण आनलाइन फार्म में दर्ज करना होगा। पोर्टल में पंजीकरण के लिए किसान को अपने मोबाइल नंबर और उस पर आए ओटीपी का प्रयोग करना होगा। किसान के पंजीकरण का आवेदन राजस्व व कृषि विभाग को जाएगा। उनके द्वारा स्वीकृत किया जाएगा। पंजीकरण की स्वीकृति के बाद किसान पोर्टल पर अपने मोबाइल नंबर से लॉगिन करके टोकन बना सकेंगे जिसमें उन्हें मंडी में धान ले जाने का दिन व स्लाट दिया जाएगा। स्लाट वाले दिन किसान को टोकन और आधार कार्ड के साथ ही मंडी में धान बेचने के लिए जाना होगा। टोकन के बिना न जाएं मंडी
आनलाइन पंजीकरण और टोकन के बिना कोई भी किसान धान बेचने के लिए टकारला खरीद केंद्र पर न जाए। राघव शर्मा ने बताया कि पोर्टल संबंधित समस्या के लिए हेल्पलाइन नंबर 1967 पर संपर्क किया जा सकता है। धान की बिक्री के लिए लोकमित्र केंद्र, साइबर कैफे की सहायता से भी पंजीकरण करवा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग और कृषि विकास अधिकारियों से भी संपर्क किया जा सकता है।