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बुखार चाहे कैसा भी हो, स्वास्थ्य संस्थान में करें संपर्क

जिले में स्क्रब टाइफस का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग बीमारी को लेकर पूरी तरह अलर्ट है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने स्क्रब टाइफस का उपचार सभी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 08:14 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 08:14 PM (IST)
बुखार चाहे कैसा भी हो, स्वास्थ्य संस्थान में करें संपर्क
बुखार चाहे कैसा भी हो, स्वास्थ्य संस्थान में करें संपर्क

संवाद सहयोगी, ऊना : जिले में स्क्रब टाइफस का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग बीमारी को लेकर पूरी तरह अलर्ट है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने स्क्रब टाइफस का उपचार सभी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया है। स्क्रब टाइफस एक जीवाणु जनित संक्रमण है जो अनेक लोगों की मृत्यु का कारण बनता है। इसके लक्षण चिकनगुनिया जैसे ही होते हैं।

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सीएमओ रमन कुमार शर्मा ने बताया कि स्क्रब टाइफस की शुरुआत सिरदर्द और ठंड के साथ बुखार से हो सकती है। रोग बिगड़ने पर मरीज को बुखार तेज हो जाता है और असहनीय सिरदर्द भी होने लगता है। यह रोग हल्के-फुल्के लक्षणों से लेकर अंगों की विफलता तक का भी कारण बन सकता है। कुछ मरीजों में पेट से शुरू हुई खुजली या चकता अन्य अंगों तक फैलने लगता है। कई बार तो यह चेहरे पर भी हो जाता है। इस बीमारी में शरीर में ऐंठन व अकड़न जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं। अधिक संक्रमण होने पर गर्दन, बाजुओं के नीचे व कूल्हों के ऊपर गिल्टियां हो जाती हैं। स्क्रब टायफस के लक्षणों की जांच करते समय मलेरिया, डेंगू, लेप्टोस्पायरोसिस आदि रोगों से भी तुलना की जाती है। यह बीमारी छह से 21 दिन तक सुप्तावस्था में रहती है, फिर दो से तीन सप्ताह तक रहती है।

संक्रामक नहीं है रोग

शुरुआत में बुखार, सिरदर्द और खांसी संबंधी लक्षण होते हैं। हल्के संक्रमण वाले मरीज बिना किसी अन्य लक्षण के ठीक हो सकते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि इस बुखार को जोड़तोड़ बुखार भी कहा जाता है। यह संक्रामक रोग नहीं है यानी एक आदमी से दूसरे को नहीं होता और इसका इलाज भी बहुत आसान है। आजकल लगातार बुखार आने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं और बुखार को हलके में न लें। बुखार चाहे कैसा भी हो नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान में संपर्क करें। इसका इलाज सभी सरकारी संस्थानों में निश्शुल्क उपलब्ध है। रोग फैलने के कारण:

स्क्रब टायफस का बुखार खतरनाक जीवाणु रिक्टेशिया (संक्रमित माइट पिस्सू) के काटने से फैलता है। यह जीवाणु लंबी घास व झाड़ियों में रहने वाले चूहों के शरीर पर रहने वाले पिस्सुओं में पनपता है और इन पिस्सुओं के काटने से यह बीमारी होती है। इस बीमारी के होने का खतरा उन लोगों को अधिक होता है, जो बरसात के दिनों में खेती-बाड़ी या कृषि संबंधी कार्य करने के लिए खेतों में जाते हैं। रोग से बचाव:

स्क्रब टाइफस बीमारी से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर खेतों में जाएं, क्योंकि स्क्रब टाइफस फैलाने वाला पिस्सू शरीर के खूले भागों को ही काटता है। घरों के आस-पास खरपतवार इत्यादि न उगने दें व शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। खुली त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए माइट रिपेलेंट क्रीम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।


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