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हिमाचल प्रदेश में पहले चरण में बनेंगे 13 एफपीओ: वीरेंद्र कंवर

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में पहले चरण में 13 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाए जाएंगे तथा प्रत्येक एफपीओ के साथ कम के कम 100 किसानों को जोड़ा जाएगा जिसमें एक फसल को प्राथमिकता दी जाएगी।

By Richa RanaEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 03:10 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 03:10 PM (IST)
हिमाचल प्रदेश में पहले चरण में बनेंगे 13 एफपीओ: वीरेंद्र कंवर
वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में पहले चरण में 13 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाए जाएंगे।

ऊना, जेएनएन। कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में पहले चरण में 13 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाए जाएंगे तथा प्रत्येक एफपीओ के साथ कम के कम 100 किसानों को जोड़ा जाएगा, जिसमें एक फसल को प्राथमिकता दी जाएगी।

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कंवर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एफपीओ के माध्यम से देश को एक बहुत बड़ा विजन दिया है, जिसके तहत प्रत्येक जिला में एक उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा। इसे एक जिला-एक उत्पाद का नाम दिया गया है। इसके लिए नाबार्ड को नोडल एजेंसी बनाया गया है। नाबार्ड किसानों को अपने उत्पाद की वैल्यू एडिशन के संबंध में जानकारी उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने कहा कि जिला ऊना में आलू, सिरमौर में अदरक व लहुसन, हमीरपुर व कांगड़ा में मक्की मुख्य फसल है। इसी प्रकार बिलासपुर जिला में हल्दी, शिमला व किन्नौर में सेब तथा लाहौल में आलू होता है। एफपीओ के माध्यम से किसानों को अपने उत्पाद के बेहतर दाम मिलेंगे।

एफपीओ बनाकर हिमाचल प्रदेश में वैल्यू एडिशन के लिए जो प्रोजेक्ट्स लगेंगे, उससे राज्य को 1200 करोड़ रुपये मिलेंगे। इस संबंध में जल्द ही एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा, ताकि किसानों को इसकी सही जानकारी प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि एफपीओ के माध्यम से किसानों को अपना उत्पाद कहीं भी बेचने की पूरी आजादी होगी तथा वह बिचौलियों के चंगुल से मुक्त होंगे।

उन्होंने एफपीओ क्लस्टर निर्माण पर कहा कि इससे किसानों को कृषि कार्य के एक प्रभावी सिस्टम का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा, जिससे वह न केवल आर्थिक रूप से मजबूत होंगे बल्कि उन्हें खेती-बाड़ी की नई तकनीकों और उसके विपणन से जुड़ी बातों को भी सीख पाएंगे।

कंवर ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के इरादे से कृषि सुधार कानून पास कराए हैं। इनसे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। विपक्ष कृषि कानून को लेकर किसानों के बीच भ्रम फैला रहा है तथा कृषि कानून में एमएसपी को शामिल न करने को लेकर भी किसानों को गुमराह किया जा रहा है, जबकि यह कानून दलालों और बिचौलियों के खिलाफ हैं।


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