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पर्यटन की दृष्टि से विकसित नहीं हुआ घेवट-बेहड़ गांव

संवाद सहयोगी, ¨चतपूर्णी : धौलाधार पर्वतमालाओं के आंचल में व शिवालिक पहाड़ियों की श्रृंखला के

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Oct 2017 03:01 AM (IST)Updated: Sat, 07 Oct 2017 03:01 AM (IST)
पर्यटन की दृष्टि से विकसित नहीं हुआ घेवट-बेहड़ गांव
पर्यटन की दृष्टि से विकसित नहीं हुआ घेवट-बेहड़ गांव

संवाद सहयोगी, ¨चतपूर्णी : धौलाधार पर्वतमालाओं के आंचल में व शिवालिक पहाड़ियों की श्रृंखला के बीच स्थित घेवट बेहड़ गांव पर्यटन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थल हो सकता है, लेकिन सरकार व प्रशासन के उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते गांव विकास के मामले में भी लगातार पिछड़ता जा रहा है। यह अलग बात है कि इसी स्थान पर कई निजी पर्यटक स्थल स्थापित हो चुके हैं, लेकिन सरकारी प्रयास नगण्य हैं।

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एक तरह से घेवट बेहड़ गांव हिमाचल का मुख्य द्वार भी है क्योंकि प्रदेश का पहाड़ी इलाका यहीं से शुरू होता है। इस गांव के चारों ओर बहते नदी-नाले और चीड़ के हरे भरे जंगल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इस गांव से महज चंद किलोमीटर की दूरी पर मां ¨चतपूर्णी का एतिहासिक मंदिर हैं। एनएच मार्ग पर स्थित होने से यहां पूरा दिन रौनक का माहौल रहता है, लेकिन गांव में पर्यटकों के लिए प्राथमिक सुविधा व प्रचार-प्रसार की कमी के कारण स्थानीय लोगों को भी पर्यटन की ²ष्टि से कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। वैसे इस क्षेत्र में तीन से ज्यादा निजी रिसोर्ट बने हैं, लेकिन रेट ऊंचे होने के आम दर्जे के पर्यटकों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है। स्थानीय निवासियों अशोक कुमार, तरसेम, राज कुमार और सतीश का कहना था कि इस पिछड़े हुए क्षेत्र में अगर सरकार पर्यटन की ²ष्टि से सकारात्मक प्रयास करे तो न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो सकते हैं, वहीं पर्यटकों को भी इस रमणीक स्थल पर आकर मनोरंजन के नए विकल्प मिलेंगे।


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