Himachal Pradesh: ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार
Online Fraud Gang. ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
ऊना, जागरण संवाददाता। Online Fraud Gang. हरोली पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उसके दो सदस्यों को काबू किया है। साथ ही पांच मोबाइल फोन समेत छह सिमकार्ड और सात आधार कार्ड बरामद किए हैं। गिरोह ने टाहलीवाल के एक दुकानदार से ऑनलाइन ठगी करके करीब 25 लाख रुपये अपने खाते में जमा करा लिए थे। हरोली पुलिस की एक टीम ने बिहार के समस्तीपुर में वहां की पुलिस के सहयोग से गिरोह के सदस्यों को काबू किया है। आरोपितों को ट्रांजिट रिमांड ले लिया है और ऊना लाया जा रहा है। यह गिरोह ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर लोगों से ऑनलाइन ठगी करता था।
पुलिस ने गिरोह की एक महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया। इस मामले में नालंदा जिले के कतरीसराय निवासी राजू कुमार सिंह पुत्र विनोद सिंह ने खानपुर थाना क्षेत्र की एक महिला के साथ ऊना के हरोली में कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर बनाने के नाम पर एक व्यक्ति को गुमराह किया था। पीडि़त टाहलीवाल के दुकानदार नरेश से ऑनलाइन 25 लाख रुपये एक खाते में जमा करवाए थे। आरोपित के खिलाफ 20 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई गई थी। दस दिन की कड़ी मशक्कत के बाद हरोली पुलिस ने बिहार के समस्तीपुर के तहत मुफस्सिल थाना पुलिस और वहां की गुप्तचर शाखा के सहयोग से दोनों आरोपितों को दबोच लिया।
हरोली पुलिस के सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने बताया आरोपित एक संगठित गिरोह के सदस्य हैं, जो प्रचलित कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटर बनाने के नाम पर विभिन्न प्रदेशों में ऑनलाइन गलत जानकारी प्रसारित कर लोगों को गुमराह करते थे। टाहलीवाल के एक व्यक्ति से प्रचलित कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनाने के नाम पर धोखा कर 25.15 लाख ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करा लिए थे। सर्विलांस के माध्यम से दोनों राज्यों की पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में मुख्य साजिशकर्ता नालंदा के राजू कुमार समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। दोनों समस्तीपुर में एक किराये के मकान में रह रहे थे। लगातार लोकेशन बदल रहे थे।
विज्ञापन से भी बनाते थे ठगी का शिकार
इस गिरोह द्वारा समाचार पत्रों व सोशल मीडिया पर गलत विज्ञापन के माध्यम से तथा गलत सिम का प्रयोग कर लोगों से संपर्क स्थापित किया जाता था। इस दौरान एक ही सिम को पोर्ट कर कई बार प्रयोग किया जाता था। इसके बाद लोगों से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर खाते से रुपये की निकासी कर ली जाती थी। गिरफ्तार मुख्य साजिशकर्ता नालंदा के राजू ने अपनी महिला सहयोगी को भी ठगी का शिकार बनाया था। उसे नौकरी का झासा देकर बैंक अकाउंट खुलवाया।
इसके बाद एटीएम कार्ड लेकर उसे गुमराह कर रहा था। उसी के बैंक अकाउंट पर लोगों को झासा देकर ऑनलाइन रुपयों का ट्रांजेक्शन करवाया जा रहा था। उनके पास से अलग-अलग प्रदेशों में बने कई आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं। इसमें एक ही तस्वीर पर अलग-अलग नाम-पता अंकित है। समस्तीपुर के डीएसपी प्रीतिश कुमार ने इस गिरोह को पकड़े जाने की पुष्टि की है और बताया कि ट्रांजिट रिमांड के बाद आरोपितों को हिमाचल पुलिस के हवाले किया गया है।