Ramayana: तीन दशक बाद रामायण देख भावुक हुए लोग, फिर टीवी के सामने जुटा परिवार
कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन है ऐसे में लोगों के मनोरंजन के लिए रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण किया जा रहा है।
ऊना, राजेश डढवाल। करीब 30 साल पहले गली-मोहल्लों को अपनी लोकप्रियता के जादू से सुनसान या कहें किसी अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल बना देने वाले रामायण धारावाहिक का प्रसारण एक बार फिर दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर किया गया। इसे 80 से 90 के दशक में अपना बचपन गुजार चुके लोग और आज के बचपन ने बड़े चाव से देखा। कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश 21 दिन तक लॉकडाउन है। लोग घरों में ही हैं। ऐसे में रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण करने का एलान किया। इसके बाद से 80-90 के दौर के लोग अपने बचपन में लौट गए। उन्हें वे दिन याद आ गए, जब वे परिवार के साथ रामायण देखते थे। युवा पीढ़ी से लेकर बुजुर्ग तक सब उत्साहित थे। 33 साल बाद फिर से परिवार टीवी सेट के सामने जुटा हुआ नजर आया।
15 वर्षीय अर्श ने बताया वैसे तो यूट्यूब पर भी यह रामायण उपलब्ध है, लेकिन कभी पूरी नहीं देखी परंतु मुझे बेहद उत्सुकता हो रही है उस धारावाहिक को देखने की जिसके बारे में सुना है कि टेलीविजन नहीं होने पर रामायण देखने के लिए लोग दूसरे गांवों तक जाते थे। 22 वर्षीय अनुराग ने बताया कि अभी तक मैंने सुना ही है कि रामायण का जब प्रसारण होता था तो सड़कें सुनसान हो जाती थीं, मैं बहुत खुश हूं कि लॉकडाउन के इस दौर में मुझे वही पुरानी रामायण देखने को मिलेगी।
50 वर्षीय नीलम रानी ने बताया कि वह उन दिनों बीएड की पढ़ाई कर रही थी। यह एकमात्र ऐसा धारावाहिक था, जिसे परिवार के लोग स्वयं कहते थे कि जरूर देखो। यही इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है। 58 वर्षीय सीता राम ने बताया कि हम जैसों के लिए जहां यह अपनी युवावस्था को याद करने का दिन है, वहीं सबसे बड़ी खुशी इस बात की है कि रामायण से आज की युवा पीढ़ी को मर्यादा, विनम्रता, समर्पण, भाई- भाई का प्रेम, पिता के प्रति पुत्र का त्याग, धर्म परायणता जैसी कई सीख मिलेगी। इसका दोबारा प्रसारण बहुत ही प्रशंसनीय हैै ।
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